जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय में इस वर्ष छात्र-छात्राओं की फीस में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. विश्वविद्यालय में मंगलवार को हुई सिंडिकेट में ये प्रस्ताव पास हुआ. इस दौरान रिवैल्युएशन में फीस वापसी को लेकर भी चर्चा हुई. हालांकि, इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका. सिंडिकेट में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की पेंशन और भागीरथ सिंह कमेटी की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई. इस दौरान 13 प्रोफेसर्स के कंफर्मेशन से जुड़ा मुद्दा भी उठा, जिसका समाधान दो महीने में करने का समय लिया गया.
राजस्थान विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक मुद्दों पर मंगलवार को सिंडिकेट में मंथन किया गया. कुलपति सचिवालय में सिंडिकेट की बैठक भले ही शांत तरीके से संपन्न हुई, लेकिन कुलपति सचिवालय के बाहर कर्मचारी, छात्र और प्रोफेसर्स ने जमकर हंगामा किया. जिसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा.
उधर, सिंडिकेट में विश्वविद्यालय की वित्त समिति में सदस्यों के मनोनयन सहित पेश की गई जांच समितियों पर विचार किया गया. कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सिंडिकेट सदस्य विधायक गोपाल शर्मा और कुलदीप धनकड़ भी मौजूद रहे. गोपाल शर्मा ने बताया कि सिंडिकेट में आरयू स्विमिंग पूल में डूब कर काल का ग्रास बनने वाले मृतक छात्र कुलदीप के परिवार को 5 लाख की सहायता देने के प्रस्ताव को पास किया गया. वहीं, सिंडिकेट में इस वर्ष छात्रों की फीस बढ़ोतरी नहीं करने का प्रस्ताव भी पास हुआ.
करीब 5 घंटे चली सिंडिकेट में रिवैल्युएशन फीस वापस लेने को लेकर भी चर्चा की गई. इस संबंध में राजस्थान विश्वविद्यालय अन्य विश्वविद्यालय के नियमों का अध्ययन करेगा और उसके बाद कोई फैसला लेगा. वहीं, विश्वविद्यालय से जुड़े 13 प्रोफेसर्स के कंफर्मेशन से जुड़ा मुद्दा भी सिंडिकेट में आया, जिस पर विश्वविद्यालय प्रशासन 2 महीने में फैसला लेकर समस्या का समाधान करेगा.
पढ़ें : राजस्थान यूनिवर्सिटी बना प्रदेश का पहला ISO सर्टिफाइड विश्वविद्यालय - ISO Certified University
इस दौरान राज्यपाल की ओर से विभिन्न मामलों को लेकर के बनाई गई भागीरथ सिंह कमेटी की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई, जिसमें कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी, तो कुछ पर कुलपति ने पुनर्विचार की बात कही. वहीं, राजस्थान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की पेंशन को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने राज्य सरकार को पत्र लिखने का भी फैसला लिया.
कुलपति सचिवालय में हो रही सिंडिकेट के दौरान बाहर बड़ी संख्या में छात्रों ने परीक्षा रिजल्ट और पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया, जिन्हें पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर यहां रोके रखा. वहीं, राजस्थान विश्वविद्यालय सेवानिवृत कर्मचारियों ने भी पेंशन भुगतान करने की मांग को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया.