दुर्ग: भिलाई स्टील प्लांट में ठेका कर्मियों ने प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. सेल और एनजेसीएस की बैठक में समझौता नहीं होने पर ठेका मजदूरों ने बवाल काटना शुरू कर दिया है. मजदूरों का आरोप है कि उन्हें उनकी मजदूरी के EWS का 1400 रुपये नहीं मिल रहा है. इस वजह से वह प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. मजदूरों ने भिलाई स्टील प्लांट के बाहर चौक को जाम कर दिया. मजदूरों ने प्लांट प्रबंधन और ठेकेदारों के खिलाफ नारेबाजी तेज कर दी.
EWS का पैसा नहीं मिलने से मजदूर परेशान: प्रदर्शन कर रहे मजदूरों का कहना है कि उनको EWS के तहत 1400 रुपये नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. मुर्गा चौक को सुबह से मजदूरों ने जाम कर दिया. संयुक्त यूनियन के बैनर तले ये सैकड़ों ठेका कर्मी बुधवार को विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर हो गए. मजदूरों का आरोप है कि आठ फरवरी 2024 से मजदूरों की राशि 1400 रुपये की गई थी. सेल के अन्य प्रतिष्ठानों में इस राशि का भुगतान मार्च से किया जा रहा है. जबकि भिलाई स्टील प्लांट में इस राशि का भुगतान नहीं किया गया है.
"प्रबंधन के खिलाफ श्रमिकों में भारी गुस्सा है. बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को लागू करने को लेकर भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. ठेका श्रमिकों को आज तक 14 सौ रुपये बीएसपी प्रबंधन की तरफ से नहीं दिया गया है. हम प्रबंधन से मांग करते हैं कि उनकी मजदूरी का पैसा दिया जाए. नहीं तो ठेका श्रमिक आने वाले दिनों में उग्र हो जाएंगे. मजदूरों का भुगतान नहीं होने पर प्रोडक्शन में भारी नुकसान हो सकता है": चन्ना केशवल, महामंत्री भिलाई इस्पात मजदूर संघ
भिलाई स्टील प्लांट में कितने ठेका मजदूर कार्यरत ?: भिलाई स्टील प्लांट में 22 हजार ठेका श्रमिक कार्यरत हैं. इन मजदूरों का आरोप है कि भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन के द्धारा सिर्फ उन्हें एक गेट से आने जाने की सुविधा दी गई है. मजदूरों को ईएसआईसी हॉस्पिटल आने जाने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा आईआर ऑफिर जाने में भी उन्हें दिक्कतें होती है. मजदूरों ने सभी गेटों से आने जाने की अनुमति मांगी है.