नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि चुनाव होने के बाद अब तक सदन की कोई भी बैठक शांतिपूर्वक संपन्न नहीं हुई है. हर बैठक में पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. इसी कड़ी में सोमवार को भी बजट पेश करने के पहले सदन में भारी हंगामा देखने को मिला. विपक्षी भाजपा पार्षद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. लगातार होते हंगामे के कारण बैठक को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
दिल्ली नगर निगम की सदन में विपक्षी पार्षद भाजपा के हंगामे के बाद बजट पर चर्चा शुरू हुई. चर्चा की शुरुआत कांग्रेस दल की नेता नाजिया दानिश ने किया. नाजिया दानिश के भाषण के बाद मेयर शैली ओबराय ने सभी पक्ष से चर्चा में हिस्सा लेने वाले पार्षदों के नाम मांगे. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा की तरफ से चर्चा में भाग लेने वाले पार्षद का नाम लिया गया.
चर्चा में भाग लेते हुए आम आदमी पार्टी पार्षद प्रीती ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार निगम में अच्छा काम कर रही है. हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने, बन्दर और कुत्ते के बंध्याकरण व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि वार्ड स्तर पर इसकी व्यवस्था की जाए.
इसके पहले सदन की बैठक शुरू होते ही मेयर ने कांग्रेस दल की नेता नाजिया दानिश को बजट पर अपना भाषण रखने को कहा था. नाजिया ने आरोप लगाया कि फाइनल बजट की कॉपी प्रेस में छपने को भेजी जा चुकी है, ऐसे में चर्चा का क्या मतलब है.
हालांकि, मेयर शैली ओबराय ने इन आरोपों को खारिज किया. इस बीच आम आदमी पार्टी की तरफ से चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी गई. इसके बाद भाजपा पार्षद भड़क उठे और उन्होंने वेल में आकर नारेबाजी करने लगे.
सत्र से पहले नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह के अनुसार, पहली बार ऐसा हो रहा है कि सदन में नेता विपक्ष को आयुक्त की ओर से प्रस्तुत किए गए बजट पर चर्चा करनी पड़ी है. इससे पहले स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन द्वारा सदन में बजट पेश किया जाता था, जिस पर नेता विपक्ष सदन में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते थे.
नेता विपक्ष ने अभी तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं होने को मेयर की तानाशाही बताया. अभी तक स्टैंडिंग कमेटी, स्पेशल कमेटी, तदर्थ कमेटी और अन्य कोई भी कमेटी गठित नहीं हुई है. इसलिए स्पष्ट रूप से मेयर ने आयुक्त द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुमान को ही बजट मान लिया है.
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मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि करीब एक महीने तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों के आरडब्ल्यूए और बाजार समितियों के बीच पार्षदों के साथ बजट पर चर्चा की गई है. इसके बाद सोमवार से बुधवार तक हर दिन दोपहर दो बजे से निगम के सदस्य बजट पर पक्ष रखा जाना है. इनको शामिल करने के बाद बृहस्पतिवार को नेता सदन मुकेश गोयल आखिरी बजट भाषण प्रस्तुत करेंगे.
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