लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत एक जून से लेकर 30 जून तक परिवहन विभाग में अफसरों के तबादले किए गए थे. 30 जून को बड़ी संख्या में तबादले हुए थे. एक जिले में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारियों को इधर से उधर किया गया था. जुलाई का आधा माह बीतने के बाद भी परिवहन विभाग के तमाम अधिकारियों ने इस उम्मीद के साथ अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी कि वे सेटिंग भिड़ाने में सफल हो जाएंगे और मलाई काटते रहेंगे. हुआ भी कुछ ऐसा ही 18 जुलाई को परिवहन विभाग की तरफ से एक आदेश आया जिसमें चार आरटीओ के तबादले निरस्त कर दिए गए यानी अब वे अपने पुराने स्थान पर ही जमे रहेंगे. अब सवाल ये उठता है कि आखिर मुख्यमंत्री की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत ट्रांसफर हुए इन अधिकारियों पर पॉलिसी भला लागू ही कहां हुई?
बनारस से प्रयागराज के लिए ट्रांसफर किए गए एआरटीओ सर्वेश चतुर्वेदी ने प्रयागराज में ज्वाइन नहीं किया. गुरुवार को आदेश हुआ कि एआरटीओ सर्वेश चतुर्वेदी अपनी जगह पर ही कुर्सी थामे रहेंगे यानी उन्हें बनारस से प्रयागराज जाने की कोई जरूरत नहीं. वहीं, सुल्तानपुर से बुलंदशहर के लिए ट्रांसफर किए गए नंदकुमार ने बुलंदशहर ज्वाइन नहीं किया. 18 जुलाई को जो आदेश हुआ उसके मुताबिक सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) नंदकुमार बुलंदशहर में एआरटीओ प्रवर्तन के पद पर जाएंगे ही नहीं, बल्कि सुल्तानपुर में ही एआरटीओ प्रशासन के रूप में स्थापित रहेंगे. यहां पर ट्रांसफर पॉलिसी दम तोड़ गई.
प्रयागराज में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रथम दल के रूप में तैनात एआरटीओ अलका शुक्ला का तबादला एआरटीओ (प्रशासन) सुल्तानपुर में हुआ था लेकिन जब नंद कुमार ने अपना तबादला बुलंदशहर के लिए रुकवा लिया तो फिर एआरटीओ (प्रवर्तन) अलका शुक्ला ऑटोमेटिक प्रयागराज में ही रुक गईं. यहां पर भी तबादला नीति धराशाई हो गई.
एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम दल बुलंदशहर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राजीव कुमार बंसल का तबादला आरटीओ प्रशासन इटावा के लिए हुआ था, लेकिन उन्होंने भी अपनी जुगाड़ भिड़ाई और आखिरकार शासन को उनके सामने झुकना पड़ा. अब बुलंदशहर में ही वे अपना परचम बुलंद करते रहेंगे.
गौर करने वाली बात ये भी है कि प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने ही इन सभी अफसरों का तबादला आदेश जारी किया था और उन्होंने ही इन सभी अधिकारियों का तबादला आदेश निरस्त करने का भी आदेश जारी किया है. खास बात ये भी है कि परिवहन विभाग की तरफ से ऐसे अधिकारियों को गुरुवार को ही पत्र भेजने की तैयारी थी, जिन्होंने ट्रांसफर होने के बावजूद ज्वाइन नहीं किया. उनसे जवाब तलब हो पाता इससे पहले ही इन अफसरों के सामने शासन नतमस्तक हो गया.
इधर CM योगी ने किए धड़ाधड़ ट्रांसफर, उधर बैठा जुगाड़ और रुक गया तबादला - rto news
यूपी में एक ओर सीएम योगी धड़ाधड़ अफसरों के तबादले कर रहे हैं तो वही दूसरी ओर जुगाड़ बैठाकर तबादला रुकवाने के मामले भी सामने आने लगे हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jul 19, 2024, 8:46 AM IST
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत एक जून से लेकर 30 जून तक परिवहन विभाग में अफसरों के तबादले किए गए थे. 30 जून को बड़ी संख्या में तबादले हुए थे. एक जिले में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारियों को इधर से उधर किया गया था. जुलाई का आधा माह बीतने के बाद भी परिवहन विभाग के तमाम अधिकारियों ने इस उम्मीद के साथ अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी कि वे सेटिंग भिड़ाने में सफल हो जाएंगे और मलाई काटते रहेंगे. हुआ भी कुछ ऐसा ही 18 जुलाई को परिवहन विभाग की तरफ से एक आदेश आया जिसमें चार आरटीओ के तबादले निरस्त कर दिए गए यानी अब वे अपने पुराने स्थान पर ही जमे रहेंगे. अब सवाल ये उठता है कि आखिर मुख्यमंत्री की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत ट्रांसफर हुए इन अधिकारियों पर पॉलिसी भला लागू ही कहां हुई?
बनारस से प्रयागराज के लिए ट्रांसफर किए गए एआरटीओ सर्वेश चतुर्वेदी ने प्रयागराज में ज्वाइन नहीं किया. गुरुवार को आदेश हुआ कि एआरटीओ सर्वेश चतुर्वेदी अपनी जगह पर ही कुर्सी थामे रहेंगे यानी उन्हें बनारस से प्रयागराज जाने की कोई जरूरत नहीं. वहीं, सुल्तानपुर से बुलंदशहर के लिए ट्रांसफर किए गए नंदकुमार ने बुलंदशहर ज्वाइन नहीं किया. 18 जुलाई को जो आदेश हुआ उसके मुताबिक सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) नंदकुमार बुलंदशहर में एआरटीओ प्रवर्तन के पद पर जाएंगे ही नहीं, बल्कि सुल्तानपुर में ही एआरटीओ प्रशासन के रूप में स्थापित रहेंगे. यहां पर ट्रांसफर पॉलिसी दम तोड़ गई.
प्रयागराज में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रथम दल के रूप में तैनात एआरटीओ अलका शुक्ला का तबादला एआरटीओ (प्रशासन) सुल्तानपुर में हुआ था लेकिन जब नंद कुमार ने अपना तबादला बुलंदशहर के लिए रुकवा लिया तो फिर एआरटीओ (प्रवर्तन) अलका शुक्ला ऑटोमेटिक प्रयागराज में ही रुक गईं. यहां पर भी तबादला नीति धराशाई हो गई.
एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम दल बुलंदशहर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राजीव कुमार बंसल का तबादला आरटीओ प्रशासन इटावा के लिए हुआ था, लेकिन उन्होंने भी अपनी जुगाड़ भिड़ाई और आखिरकार शासन को उनके सामने झुकना पड़ा. अब बुलंदशहर में ही वे अपना परचम बुलंद करते रहेंगे.
गौर करने वाली बात ये भी है कि प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने ही इन सभी अफसरों का तबादला आदेश जारी किया था और उन्होंने ही इन सभी अधिकारियों का तबादला आदेश निरस्त करने का भी आदेश जारी किया है. खास बात ये भी है कि परिवहन विभाग की तरफ से ऐसे अधिकारियों को गुरुवार को ही पत्र भेजने की तैयारी थी, जिन्होंने ट्रांसफर होने के बावजूद ज्वाइन नहीं किया. उनसे जवाब तलब हो पाता इससे पहले ही इन अफसरों के सामने शासन नतमस्तक हो गया.