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RRTS का न्यू अशोक नगर स्टेशन होगा इको फ्रेंडली, हर साल साढ़े 6 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी - RRTS new Ashok Nagar station

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा. इस स्टेशन पर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 900 सोलर पावर पैनल लगाए जाएंगे. साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे भी लगाए जाएंगे.

RRTS का न्यू अशोक नगर स्टेशन होगा इको फ्रेंडली
RRTS का न्यू अशोक नगर स्टेशन होगा इको फ्रेंडली (Etv Bharat)
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By IANS

Published : Sep 11, 2024, 6:51 PM IST

नई दिल्ली: आरआरटीएस का न्यू अशोक नगर स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा. इस स्टेशन पर रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जाएंगे. इस पावर पैनल से प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी. साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा. इसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार, स्टेशन की छत का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसे बनते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे. यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा.

दरअसल, एनसीआरटीसी एक सौर नीति के तहत पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ावा दे रही है. इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो आदि के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं. वर्तमान में साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों पर सोलर पावर पैनल लगाए जा चुके हैं. इसके आलावा, गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में भी सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं.

हरियाली के लिए लगाए जाएंगे पौधे: न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे. ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे. एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है. ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं.

80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार: न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूरा हो चुका है. ये पिट्स स्टेशन पर एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे. एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है. इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुका है.

बता दें, आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है. इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है. ट्रैक बिछाने के साथ ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है. नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा.

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नई दिल्ली: आरआरटीएस का न्यू अशोक नगर स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा. इस स्टेशन पर रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जाएंगे. इस पावर पैनल से प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी. साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा. इसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार, स्टेशन की छत का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसे बनते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे. यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा.

दरअसल, एनसीआरटीसी एक सौर नीति के तहत पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ावा दे रही है. इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो आदि के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं. वर्तमान में साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों पर सोलर पावर पैनल लगाए जा चुके हैं. इसके आलावा, गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में भी सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं.

हरियाली के लिए लगाए जाएंगे पौधे: न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे. ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे. एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है. ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं.

80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार: न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूरा हो चुका है. ये पिट्स स्टेशन पर एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे. एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है. इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुका है.

बता दें, आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है. इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है. ट्रैक बिछाने के साथ ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है. नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा.

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