अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 में फर्जी डिग्री से मेरिट में आई कमला कुमारी और ब्रह्माकुमारी के भाइयों को भी एसओजी ने गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को दोनों महिला विद्यार्थियों के भाइयों को एसओजी ने अजमेर में कोर्ट में पेश किया है, जहां दोनों आरोपियों को 6 दिन की रिमांड कोर्ट ने दिया है. दोनों आरोपियों की बहनें पहले से ही पुलिस रिमांड पर हैं. बता दें कि दोनों महिला अभ्यर्थियों के भाइयों ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी की एम.ए. हिंदी की फर्जी डिग्री उपलब्ध करवाई थी.
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सोनी ने बताया कि दोनों आरोपी महिलाओं को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 7 दिन की रिमांड मिली है. शुक्रवार को दोनों महिलाओं के भाई दलपत सिंह और सुरेश विश्नोई को अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को 6 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर सौंपा है. सोनी ने बताया कि आरोपी दलपत सिंह तृतीय श्रेणी का सरकारी शिक्षक है. 2018 में वह शिक्षक बना था, जबकि आरोपी सुरेश विश्नोई जोधपुर में रेडियोलॉजिस्ट की पढ़ाई कर रहा है. दोनों आरोपियों ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री आरोपी महिला अभ्यर्थियों को उपलब्ध करवाई थी. फिलहाल, मामले में जांच की जा रही है कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी ने फर्जी डिग्री जारी की है या फिर आरोपियों ने कूटरचित तरीके से मेवाड़ यूनिवर्सिटी की डिग्री बनाकर अपनी बहनों को दी थी और उन्होंने यह फर्जी डिग्री आरपीएससी में पेश की. एसओजी इस मामले में पड़ताल कर रही है.
यह था मामला : 20 मार्च को आरपीएससी ने दो महिला अभ्यर्थियों को पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्रियों में फर्जीवाड़ा करने पर पड़ा था. दोनों महिला अभ्यर्थियों को सिविल लाइंस थाना पुलिस के हवाले करके उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था. यह मामला प्राध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2022 के हिंदी विषय की परीक्षा से जुड़ा हुआ था. आयोग ने पड़ताल में परीक्षा में सफल रही दोनों महिला अभ्यर्थियों की अभिस्तावना को आयोग की ओर से संदेह के आधार पर रोका था. आयोग की ओर से आयोजित इस परीक्षा के लिए 2 जून 2022 को ऑनलाइन आवेदन के समय निवासी जिला सांचौर, तहसील चीतलावना गांव भूतेल ब्रह्माकुमारी ने स्वयं की योग्यता एमए (हिंदी) के संबंध में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा स्कॉलर संख्या 194027070428 में स्वयं को अंतिम वर्ष की परीक्षा में सम्मिलित होना बताया था.
पढ़ें : SI Recruitment Exam : जेल में हुई थी दोस्ती, 'गुरु' ने हिस्ट्रीशीटर की बेटी को ऐसे बनाया उप निरीक्षक
इसी तरह जिला सांचौर के तहसील बागोड़ा, गांव वाड़ा भाडवी निवासी कमला कुमारी ने ऑनलाइन आवेदन के समय स्नातकोत्तर योग्यता, एम.ए. (हिंदी) के संबंध में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा में स्कॉलरशिप संख्या 174027071200 पर प्रवेशित होना बताया था. जबकि परीक्षा आयोजन के बाद परिणाम जारी किए जाने की प्रक्रिया के दौरान इस परीक्षा के लिए विचारित सूची 14 जून 2023 को जारी की गई और सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों की पात्रता जांच आयोग कार्यालय में 31 जुलाई से 14 अगस्त 2023 तक आयोजित की गई थी. आरोपी अभ्यर्थी ब्रह्माकुमारी 7 अगस्त 2023 को पात्रता जांच के लिए उपस्थित हुई थी. पात्रता जांच के दौरान ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 4 जून 2022 से पूर्व ही मेवाड़ यूनिवर्सिटी से वर्ष 2018 में अर्जित की गई एम.ए. (हिंदी) इनरोलमेंट संख्या एमयूआर 1673549 की अंक तालिकाएं ब्रह्माकुमारी की ओर से जमा करवाई गई. साथ ही डिग्री प्राप्त होने पर जमा करवाने के संबंध में शपथ पत्र 5 अगस्त 2023 को आयोग में दिया था.
इसी तरह दूसरी आरोपी महिला विद्यार्थी कमला कुमारी ने 10 अगस्त 2023 को पात्रता जांच के लिए आयोग कार्यालय उपस्थित हुई थी. यहां पात्रता जांच के दौरान ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 4 जून 2022 से पहले ही मेवाड़ यूनिवर्सिटी से वर्ष 2019 में अर्जित की गई एम. ए. (हिंदी) एनरोलमेंट नंबर एम यू आर 1727503 की अंक तालिकाएं कमला कुमारी की ओर से जमा करवाई गई. इसके साथ ही डिग्री प्राप्त होने पर जमा करवाने के लिए उसने 5 अगस्त 2023 को शपथ पत्र आयोग को दिया था.
शपथ पत्र में ई-मित्र संचालक की गलती होने का दिया हवाला : आरोपी ब्रह्माकुमारी की ओर से दिए गए शपथ पत्र में ईमित्र संचालक से स्नातकोत्तर योग्यता में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा से एम.ए. (हिंदी) में अनुक्रमांक 194027070428 हो जाने का उल्लेख किया गया. बिल्कुल यही बात शपथ पत्र में आरोपी कमला कुमारी की ओर से भी प्रस्तुत की गई. अनुक्रमांक 174027071200 अंकित हो जाने का उल्लेख किया गया. यानी दोनों ही अभ्यर्थियों ने वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के स्थान पर मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करना शपथ पत्र में दर्ज किया गया.
यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट डिग्री निकली फर्जी : आयोग ने डिग्री के सत्यापन के लिए पत्र के माध्यम से मेवाड़ यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मांगी थी. यूनिवर्सिटी की ओर से 22 फरवरी 2024 को पत्र के माध्यम से दोनों ही अभ्यर्थियों की ओर से दी गईं डिग्रियों को मेवाड़ यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नहीं किया जाना बताया गया. इससे साफ हो गया कि दोनों ही अभ्यर्थियों की ओर से झूठ शपथ पत्र दिए गए और मेवाड़ यूनिवर्सिटी से अर्जित फर्जी डिग्री को नियुक्ति प्राप्त करने के लिए अपराधिकृत किया.
फर्जीवाड़ा उजागर हुआ तो एक आरोपी महिला ने बीमारी और दूसरी ने पत्र नहीं मिलने का बनाया था बहाना : दोनों ही अभ्यर्थियों को प्रकरण में अपना पक्ष और लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए उनकी ओर से ऑनलाइन आवेदन पत्र में अंकित किए गए मोबाइल नंबरों पर आयोग ने एसएमएस और पत्र के माध्यम से सूचित किया था. 12 मार्च 2024 को दोनों महिला अभ्यर्थियों को आयोग कार्यालय में उपस्थित होने का अवसर दिया था. 11 मार्च को कमला कुमारी की ओर से पेट में दर्द और बच्चेदानी में गांठ होना बताते हुए मथुरा दास माथुर चिकित्सालय का मेडिकल सर्टिफिकेट संलग्न करते हुए आने में उसने असमर्थता जताई. इसी तरह दूसरी आरोपी ब्रह्माकुमारी की ओर से जानकारी लेते प्राप्त होने का हवाला दिया गया और उपस्थित होने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया.
20 मार्च को उपस्थित हुई दोनों महिला अभ्यर्थी : 20 मार्च को दोनों महिला अभ्यर्थी मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार के एक कूट रचित पत्र के साथ आयोग कार्यालय में उपस्थित हुई. इस पत्र में यह उल्लेख किया गया कि पूर्व में यूनिवर्सिटी की ओर से भेजे गए पत्र में गलती से दोनों अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी और विश्वविद्यालय की ओर से प्रदान नहीं किया जाना उल्लेखित हो गया है. यह सूचना यूनिवर्सिटी की ओर से आधिकारिक तौर पर प्राप्त की गई सूचना से बिल्कुल अलग थी.
कोटा ओपन यूनिवर्सिटी के परिणाम तिथि के अनुसार दोनों ही अभ्यर्थी अपात्र थीं : दोनों महिला अभ्यर्थियों की ओर से ऑनलाइन आवेदन के समय दर्ज की गई सूचना के संबंध में आयोग ने वर्धमान महावीर खोल विश्वविद्यालय कोटा से रिपोर्ट मांगी. उसके जवाब में विश्वविद्यालय ने दोनों महिला अभ्यर्थियों की एम.ए. (हिंदी) उत्तीर्ण नहीं होने के आधार पर दोनों ही अपात्र हो जाती. इसी कारण दोनों ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां आयोग में दी थी.