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काशी में शुरू होगा देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे, केबिन दीदार को उमड़े लोग - Ropeway Project in Varanasi

वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project in Varanasi) के तेजी से काम चल रहा है. रोपवे प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा का दावा है कि जुलाई में रोपवे स्टेशन का ट्रायल होना है. इसके बाद इसे पब्लिक के लिए चालू कर दिया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 1:11 PM IST

वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट की जानकारी साझा करतीं संवाददाता प्रतिमा तिवारी.

वाराणसी : वाराणसी में रोपवे परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है. रोपवे के संचालन से पहले इस परियोजना के बारे में लोगों तक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बकायदा रोपवे के केबिन लोगों के सेल्फी प्वाइंट के लिए तैयार किया गया है. लोग केबिन के साथ सेल्फी ले रहे हैं और इस परियोजना के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. बनारस में आठ अलग-अलग जगहों पर यह केबिन लगाया जाएगा और लोग इसके बारे में जानकारी हासिल करेंगे. वर्तमान में इसे वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर लगाया गया है. यह केबिन पूरी तरीके से काशी के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है. यह देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे होगा. ऐसे में वाराणसी में रोपवे के संचालन से पर्यटन के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी. काशी में आने वाले अपने देश के साथ ही विदेश के भी पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकेंगे.

वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.
वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.


परियोजना के तहत हुए काम : परियोजना के तहत वाराणसी में पांच धाम बनने के बाद अब रोपवे का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. इसका लगभग 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशन का काम भी पूरा हो चुका है. अब जहां पर इक्विपमेंट रखे जाने हैं उसका काम किया जा रहा है. इसके अलावा वाराणसी मे रोपवे के संचालन के लिए कुल 29 टॉवर बनाए जाने हैं. इनमें से 28 का काम पूरा हो चुका है. यह पूरा प्रोजेक्ट 807 करोड़ रुपये का है. इसमें 5 रोपवे स्टेशन, 29 रोपवे टॉवर बनाए जाने का काम निर्धारित किया गया है. ऐसे में रोपवे के प्रोजेक्ट टीम ने एक रोपवे के काम को काफी तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.
वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.



विदेशी पर्यटकों को भी लुभा रहा रोपवे प्रोजेक्ट : वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट के पूरा होने और उसके संचालन से पहले रोपवे की केबिन लाकर रख दी गई है. इस रोपवे की केबिन को शहर के आठ स्थानों पर लगाया जा रहा है. इसका लक्ष्य है कि इस केबिन के माध्यम से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों सहित स्थानीय लोग भी इसके बारे में जान सकें. इसके लिए बाकायदा सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किया गया है. इससे विदेशी सैलानी भी सेल्फी लेने के बाद अपने यहां पर इसके बारे में जानकारी देंगे. इससे विदेशी पर्यटकों के आने की संख्या में इजाफा हो सकता है. इस केबिन के साथ विदेशी पर्यटक भी खूब सेल्फी ले रहे हैं. लोग इस प्रोजेक्ट के पूरा होने और शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.



रोपवे केबिन की खासियत : केबिन पर बाकायदा मंदिर व घाट की डिजाइन तैयार की गई है. इसकी खासियत यह भी है कि यह केबिन सोलर पैनल के जरिए संचालित होगा. इसमें भगवान शिव का भजन भी सुनाई देगा. रात में यह और भी खूबसूरत नजर आएगा जब इसमें रंग-बिरंगी लाइटें जलेंगी. इस केबिन की बात करें तो इसमें आठ लोगों के बैठने की व्यवस्था है. रोपवे परियोजना की शुरुआत होने पर लोग इसके माध्यम से आसमान से काशी का दीदार कर सकेंगे. यहां सेल्फी लेने आए लोग भी खासा उत्साहित नजर आते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि काशी में उन्हें रोपवे देखने को मिलेगा. लोग इस केबिन के देखने के लिए बड़ी मात्रा में आ रहे हैं.


लोगों में दिख रहा रोपवे को लेकर उत्साह : रोपवे की केबिन देखने के लिए दशाश्वमेध घाट पहुंची पर्यटक बताती हैं कि कभी सोचे नहीं थे कि बनारस में हमें रोपवे देखने को मिलेगा. अब अगली बार आएंगे तो इसमें सफर करने को मिलेगा. इसे देखने के बाद काफी अच्छा लग रहा है. काफी ज्यादा उत्साह इसको लेकर हम लोगों के मन में है. मेयर अशोक तिवारी बताते हैं कि काशी सांस्कृतिक नगरी है. हमारे प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है. हमें लगता है पूरे दो साल में अगर कहीं सबसे अधिक पर्यटक आए हैं तो बनारस में आए हैं. रोपवे का केबिन एक प्रतीक बनाया गया है. जो भी हमारे पर्यटक आ रहे हैं उनके लिए सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है.



जाम की समस्या से बचने के लिए कर सकेंगे प्रयोग : मेयर अशोक तिवारी ने बताया कि बनारस में आठ जगहों पर यह केबिन लगाया जाएगा. पांच जगहों पर लगा दिए गए हैं. यह केबिन इसलिए भी है कि यहां पर जब रोपवे का संचालन होगा तो वह कैसा होगा. उसी का प्रतीकात्मक केबिन तैयार किया गया है, जिसे दशाश्वमेध घाट पर रखा गया है. रोपवे के शुरू हो जाने के बाद जाम की समस्या से भी लोगों को निजात मिल सकेगी. वे लोग जो वाहनों से सफर नहीं करना चाहते हैं और जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंचना चाहते हैं वे लोग रोपवे का सहारा ले सकेंगे. इसके साथ ही सड़क पर भी भीड़ काफी कम करने में सहायता होगी. पर्यटक अधिकतम इसी का प्रयोग कर सकेंगे.


देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे : रोपवे प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा ने बताया कि जुलाई के महीने में रोपवे स्टेशन का ट्रायल होना है. देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे काशी में बन रहा है. दशाश्वमेध पर रखे जाने के साथ ही अन्य स्थानों पर केबिन या कहें कि गोंडोला रखा गया है. दशाश्वमेध क्षेत्र में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं. ऐसे में घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटकों की संख्या यहां अधिक रहती है. इसी वजह से एक सेल्फी प्वाइंट यहां पर भी तैयार किया गया है. रोपवे को पूरा करने का काम जल्दी ही किया जाएगा. रोपवे का उपहार काशी के लोगों को जल्द ही मिलेगा.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में सेकंड फेज के रोपवे का प्लान तैयार, अब गंगा पार करने के लिए भी मिलेगा लाभ

यह भी पढ़ें : बनारस में चलने वाला रोपवे होगा यूरोपियन डिजाइन का, सूरज की किरणें भी पड़ते ही हो जाएंगी बेअसर

वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट की जानकारी साझा करतीं संवाददाता प्रतिमा तिवारी.

वाराणसी : वाराणसी में रोपवे परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है. रोपवे के संचालन से पहले इस परियोजना के बारे में लोगों तक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बकायदा रोपवे के केबिन लोगों के सेल्फी प्वाइंट के लिए तैयार किया गया है. लोग केबिन के साथ सेल्फी ले रहे हैं और इस परियोजना के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. बनारस में आठ अलग-अलग जगहों पर यह केबिन लगाया जाएगा और लोग इसके बारे में जानकारी हासिल करेंगे. वर्तमान में इसे वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर लगाया गया है. यह केबिन पूरी तरीके से काशी के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है. यह देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे होगा. ऐसे में वाराणसी में रोपवे के संचालन से पर्यटन के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी. काशी में आने वाले अपने देश के साथ ही विदेश के भी पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकेंगे.

वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.
वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.


परियोजना के तहत हुए काम : परियोजना के तहत वाराणसी में पांच धाम बनने के बाद अब रोपवे का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. इसका लगभग 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशन का काम भी पूरा हो चुका है. अब जहां पर इक्विपमेंट रखे जाने हैं उसका काम किया जा रहा है. इसके अलावा वाराणसी मे रोपवे के संचालन के लिए कुल 29 टॉवर बनाए जाने हैं. इनमें से 28 का काम पूरा हो चुका है. यह पूरा प्रोजेक्ट 807 करोड़ रुपये का है. इसमें 5 रोपवे स्टेशन, 29 रोपवे टॉवर बनाए जाने का काम निर्धारित किया गया है. ऐसे में रोपवे के प्रोजेक्ट टीम ने एक रोपवे के काम को काफी तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.
वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट.



विदेशी पर्यटकों को भी लुभा रहा रोपवे प्रोजेक्ट : वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट के पूरा होने और उसके संचालन से पहले रोपवे की केबिन लाकर रख दी गई है. इस रोपवे की केबिन को शहर के आठ स्थानों पर लगाया जा रहा है. इसका लक्ष्य है कि इस केबिन के माध्यम से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों सहित स्थानीय लोग भी इसके बारे में जान सकें. इसके लिए बाकायदा सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किया गया है. इससे विदेशी सैलानी भी सेल्फी लेने के बाद अपने यहां पर इसके बारे में जानकारी देंगे. इससे विदेशी पर्यटकों के आने की संख्या में इजाफा हो सकता है. इस केबिन के साथ विदेशी पर्यटक भी खूब सेल्फी ले रहे हैं. लोग इस प्रोजेक्ट के पूरा होने और शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.



रोपवे केबिन की खासियत : केबिन पर बाकायदा मंदिर व घाट की डिजाइन तैयार की गई है. इसकी खासियत यह भी है कि यह केबिन सोलर पैनल के जरिए संचालित होगा. इसमें भगवान शिव का भजन भी सुनाई देगा. रात में यह और भी खूबसूरत नजर आएगा जब इसमें रंग-बिरंगी लाइटें जलेंगी. इस केबिन की बात करें तो इसमें आठ लोगों के बैठने की व्यवस्था है. रोपवे परियोजना की शुरुआत होने पर लोग इसके माध्यम से आसमान से काशी का दीदार कर सकेंगे. यहां सेल्फी लेने आए लोग भी खासा उत्साहित नजर आते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि काशी में उन्हें रोपवे देखने को मिलेगा. लोग इस केबिन के देखने के लिए बड़ी मात्रा में आ रहे हैं.


लोगों में दिख रहा रोपवे को लेकर उत्साह : रोपवे की केबिन देखने के लिए दशाश्वमेध घाट पहुंची पर्यटक बताती हैं कि कभी सोचे नहीं थे कि बनारस में हमें रोपवे देखने को मिलेगा. अब अगली बार आएंगे तो इसमें सफर करने को मिलेगा. इसे देखने के बाद काफी अच्छा लग रहा है. काफी ज्यादा उत्साह इसको लेकर हम लोगों के मन में है. मेयर अशोक तिवारी बताते हैं कि काशी सांस्कृतिक नगरी है. हमारे प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है. हमें लगता है पूरे दो साल में अगर कहीं सबसे अधिक पर्यटक आए हैं तो बनारस में आए हैं. रोपवे का केबिन एक प्रतीक बनाया गया है. जो भी हमारे पर्यटक आ रहे हैं उनके लिए सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है.



जाम की समस्या से बचने के लिए कर सकेंगे प्रयोग : मेयर अशोक तिवारी ने बताया कि बनारस में आठ जगहों पर यह केबिन लगाया जाएगा. पांच जगहों पर लगा दिए गए हैं. यह केबिन इसलिए भी है कि यहां पर जब रोपवे का संचालन होगा तो वह कैसा होगा. उसी का प्रतीकात्मक केबिन तैयार किया गया है, जिसे दशाश्वमेध घाट पर रखा गया है. रोपवे के शुरू हो जाने के बाद जाम की समस्या से भी लोगों को निजात मिल सकेगी. वे लोग जो वाहनों से सफर नहीं करना चाहते हैं और जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंचना चाहते हैं वे लोग रोपवे का सहारा ले सकेंगे. इसके साथ ही सड़क पर भी भीड़ काफी कम करने में सहायता होगी. पर्यटक अधिकतम इसी का प्रयोग कर सकेंगे.


देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे : रोपवे प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा ने बताया कि जुलाई के महीने में रोपवे स्टेशन का ट्रायल होना है. देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे काशी में बन रहा है. दशाश्वमेध पर रखे जाने के साथ ही अन्य स्थानों पर केबिन या कहें कि गोंडोला रखा गया है. दशाश्वमेध क्षेत्र में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं. ऐसे में घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटकों की संख्या यहां अधिक रहती है. इसी वजह से एक सेल्फी प्वाइंट यहां पर भी तैयार किया गया है. रोपवे को पूरा करने का काम जल्दी ही किया जाएगा. रोपवे का उपहार काशी के लोगों को जल्द ही मिलेगा.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में सेकंड फेज के रोपवे का प्लान तैयार, अब गंगा पार करने के लिए भी मिलेगा लाभ

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