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देवां मेला में रूप कुमार व सोनाली की जुगलबंदी; 'तेरे लिए, हम जिये...' पर खूब बजीं तालियां

Roop Kumar and Sonali in Devan Mela : देवां मेला में एक से एक गाने सुनाकर दर्शकों का जीता दिल.

देवां मेला में रूप कुमार व सोनाली की जुगलबंदी
देवां मेला में रूप कुमार व सोनाली की जुगलबंदी (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 24, 2024, 8:07 AM IST

बाराबंकी : जिले के ऐतिहासिक देवां मेला में बुधवार की शाम बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर और गजल गायक रूप कुमार राठौर और सोनाली राठौर के नाम रही. बॉर्डर, वीरजारा, सरफरोश और अग्निपथ जैसी कई बड़ी हिट फिल्मों में अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेर चुके मशहूर गायक रूप कुमार राठौर और उनकी पत्नी सोनाली राठौर ने जब देवां मेला के ऑडिटोरियम में अपनी गायकी से समां बांधा तो लोग झूम उठे.

देवां मेला में रूप कुमार व सोनाली की जुगलबंदी (Photo credit: ETV Bharat)

देवां मेला का म्यूजिक कार्यक्रम और मेगा नाइट सबसे मशहूर माना जाता है, लिहाजा इस कार्यक्रम को देखने और सुनने के लिए कानपुर, लखनऊ समेत सूबे के तमाम जिलों के लोग देवां मेला पहुंचते हैं. यही वजह रही कि बुधवार की शाम ऑडिटोरियम ही नहीं उसके आस-पास जबरदस्त भीड़ रही. जैसे ही रूप कुमार और सोनाली राठौर अपने अंदाज में स्टेज पर पहुंचे पूरा ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. रूप कुमार और सोनाली ने जैसे ही 'तेरे लिए, हम जिये...' गाना शुरू किया, लोग मंत्रमुग्ध हो गए, फिर उन्होंने एक से एक सूफी गाने सुनाए तो लोग वाह-वाह कह उठे. उसके बाद तो उन्होंने एक से एक गाने सुनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया.

गीत संगीत और फिल्मों को लेकर दी प्रतिक्रिया : गीत-संगीत हमारे मन मस्तिष्क को आराम देता है, यही नहीं इस भागमभाग जिंदगी में जब किसी के पास दूसरे के लिए वक्त नहीं है ऐसे में गीत-संगीत ही है जो हमारे अकेले पन को दूर करता है, लेकिन आज गीत-संगीत का ट्रेंड बदल गया है. ऐसा मशहूर प्ले बैक सिंगर रूप कुमार राठौर और उनकी पत्नी सोनाली राठौर का भी मानना है. इनका कहना है कि जिस तेजी से समाज बदल रहा है, वक्त बदल रहा है तो फिल्मों का गीत संगीत भी बदल रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में फिल्में अलग-अलग सब्जेक्ट्स पर आ रही हैं. इसके अलावा ओटीटी प्लेटफार्म के आ जाने से बहुत कुछ बदल गया है. रूप कुमार राठौर और सोनाली राठौर बुधवार रात बाराबंकी के देवां मेला में अपना लाइव कंसर्ट्स पेश करने आए थे. अपने बिजी शेड्यूल के बावजूद भी ईटीवी भारत से उन्होंने महज चंद मिनट की बातचीत में मौजूदा गीत संगीत और फिल्मों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कीं.

बताते चलें कि जो 'रब है वही राम' का संदेश देकर तमाम धर्मों के लोगों को एक धागे में पिरोने वाले महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता सैयद कुर्बान अली शाह की याद में हर साल कार्तिक मास में लगने वाले इस मेले की देश ही नहीं विदेशों में भी धूम है. दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में हर दिन कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है. हर कलाकार यहां आकर अपनी प्रस्तुति देना चाहता है. उसी कड़ी में बुधवार को आयोजित मेगा नाइट शो में मशहूर प्ले बैक सिंगर और गजल गायक रूप कुमार राठौर और उनकी पत्नी ने यहां के सांस्कृतिक पंडाल में अपनी प्रस्तुति दी. इससे पहले उन्होंने कहा कि वे इतने बड़े संत के दरबार में आकर अपने को धन्य मानते हैं.

कौन हैं रूप कुमार और सोनाली राठौर : मुम्बई निवासी मशहूर गायक पंडित चतुर्भुज राठौर के बेटे रूप कुमार राठौर आज गीत संगीत के क्षेत्र में बड़ा नाम है. फिल्म इंडस्ट्री में इनके परिवार के कई लोग हैं. रूप कुमार राठौर शुरुआत में तबला बजाते थे. जल्द ही वह अनूप जलोटा के साथ जुड़ गए. अनूप जलोटा के तमाम भजनों में उन्होंने तबला बजाया है. रूप कुमार राठौर ने पंकज उदास के साथ भी काम किया है. बहुत दिनों तक रूप कुमार राठौर तबला बजाते रहे फिर अचानक उन्होंने गायकी के क्षेत्र में आने का मन बनाया. साल 84 में लंदन चले गए, वहीं उन्होंने गाने का रियाज शुरू किया और वहां लाइव परफॉर्मेंस भी देते रहे. साल 1985 में मुंबई लौट आये और अपना एक एलबम 'परवाज' निकाला. उसी दौर में उनकी जिंदगी में सोनाली आईं. दरअसल सोनाली, अनूप जलोटा की पत्नी थी, लेकिन दोनों में इश्क हो गया और फिर दोनों ने साल 1989 में शादी कर ली.

फिल्मों में ली इंट्री : साल 1992 में उन्हें पहली बार फिल्म अंगार में गाने का मौका मिला. गाना रिकार्ड हुआ, लेकिन फिल्म में यह गाना रिलीज नहीं किया गया. उसके बाद महेश भट्ट निर्मित और संजय दत्त अभिनीत फ़िल्म गुमराह में गाने का मौका मिला. गाना हिट रहा तो महेश भट्ट ने उन्हें अपनी दूसरी फिल्म 'नाजायज' में भी गाने का मौका दिया. फिल्म में कुमार सानू के साथ उनका गाया गाना 'बरसात के मौसम में, तन्हाई के आलम में' जबरदस्त हिट रहा, लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धि उन्हें फिल्म बॉर्डर के गाने 'संदेशे आते हैं..' और 'ऐ जाते हुए लम्हों..' गानों से मिली. रूप कुमार राठौर ने सरफरोश, मेला, वीर जारा, रब ने बना दी जोड़ी और अग्निपथ जैसी कई हिट फिल्मों में भी गाने गाए हैं. यह अपनी गजलों और सूफी संगीत के लिए जाने जाते हैं.

यह भी पढ़ें : ताज महोत्सव 2024 : गजल गायक रूप कुमार और सोनाली राठौर की जुगलबंदी ने बांधा समां, मोनाली थिरकीं तो बेकाबू हुई भीड़

यह भी पढ़ें : सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता की याद में देवा मेला शुरू; अल्ताफ राजा, रूप कुमार राठौर पेश करेंगे गायकी

बाराबंकी : जिले के ऐतिहासिक देवां मेला में बुधवार की शाम बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर और गजल गायक रूप कुमार राठौर और सोनाली राठौर के नाम रही. बॉर्डर, वीरजारा, सरफरोश और अग्निपथ जैसी कई बड़ी हिट फिल्मों में अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेर चुके मशहूर गायक रूप कुमार राठौर और उनकी पत्नी सोनाली राठौर ने जब देवां मेला के ऑडिटोरियम में अपनी गायकी से समां बांधा तो लोग झूम उठे.

देवां मेला में रूप कुमार व सोनाली की जुगलबंदी (Photo credit: ETV Bharat)

देवां मेला का म्यूजिक कार्यक्रम और मेगा नाइट सबसे मशहूर माना जाता है, लिहाजा इस कार्यक्रम को देखने और सुनने के लिए कानपुर, लखनऊ समेत सूबे के तमाम जिलों के लोग देवां मेला पहुंचते हैं. यही वजह रही कि बुधवार की शाम ऑडिटोरियम ही नहीं उसके आस-पास जबरदस्त भीड़ रही. जैसे ही रूप कुमार और सोनाली राठौर अपने अंदाज में स्टेज पर पहुंचे पूरा ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. रूप कुमार और सोनाली ने जैसे ही 'तेरे लिए, हम जिये...' गाना शुरू किया, लोग मंत्रमुग्ध हो गए, फिर उन्होंने एक से एक सूफी गाने सुनाए तो लोग वाह-वाह कह उठे. उसके बाद तो उन्होंने एक से एक गाने सुनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया.

गीत संगीत और फिल्मों को लेकर दी प्रतिक्रिया : गीत-संगीत हमारे मन मस्तिष्क को आराम देता है, यही नहीं इस भागमभाग जिंदगी में जब किसी के पास दूसरे के लिए वक्त नहीं है ऐसे में गीत-संगीत ही है जो हमारे अकेले पन को दूर करता है, लेकिन आज गीत-संगीत का ट्रेंड बदल गया है. ऐसा मशहूर प्ले बैक सिंगर रूप कुमार राठौर और उनकी पत्नी सोनाली राठौर का भी मानना है. इनका कहना है कि जिस तेजी से समाज बदल रहा है, वक्त बदल रहा है तो फिल्मों का गीत संगीत भी बदल रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में फिल्में अलग-अलग सब्जेक्ट्स पर आ रही हैं. इसके अलावा ओटीटी प्लेटफार्म के आ जाने से बहुत कुछ बदल गया है. रूप कुमार राठौर और सोनाली राठौर बुधवार रात बाराबंकी के देवां मेला में अपना लाइव कंसर्ट्स पेश करने आए थे. अपने बिजी शेड्यूल के बावजूद भी ईटीवी भारत से उन्होंने महज चंद मिनट की बातचीत में मौजूदा गीत संगीत और फिल्मों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कीं.

बताते चलें कि जो 'रब है वही राम' का संदेश देकर तमाम धर्मों के लोगों को एक धागे में पिरोने वाले महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता सैयद कुर्बान अली शाह की याद में हर साल कार्तिक मास में लगने वाले इस मेले की देश ही नहीं विदेशों में भी धूम है. दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में हर दिन कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है. हर कलाकार यहां आकर अपनी प्रस्तुति देना चाहता है. उसी कड़ी में बुधवार को आयोजित मेगा नाइट शो में मशहूर प्ले बैक सिंगर और गजल गायक रूप कुमार राठौर और उनकी पत्नी ने यहां के सांस्कृतिक पंडाल में अपनी प्रस्तुति दी. इससे पहले उन्होंने कहा कि वे इतने बड़े संत के दरबार में आकर अपने को धन्य मानते हैं.

कौन हैं रूप कुमार और सोनाली राठौर : मुम्बई निवासी मशहूर गायक पंडित चतुर्भुज राठौर के बेटे रूप कुमार राठौर आज गीत संगीत के क्षेत्र में बड़ा नाम है. फिल्म इंडस्ट्री में इनके परिवार के कई लोग हैं. रूप कुमार राठौर शुरुआत में तबला बजाते थे. जल्द ही वह अनूप जलोटा के साथ जुड़ गए. अनूप जलोटा के तमाम भजनों में उन्होंने तबला बजाया है. रूप कुमार राठौर ने पंकज उदास के साथ भी काम किया है. बहुत दिनों तक रूप कुमार राठौर तबला बजाते रहे फिर अचानक उन्होंने गायकी के क्षेत्र में आने का मन बनाया. साल 84 में लंदन चले गए, वहीं उन्होंने गाने का रियाज शुरू किया और वहां लाइव परफॉर्मेंस भी देते रहे. साल 1985 में मुंबई लौट आये और अपना एक एलबम 'परवाज' निकाला. उसी दौर में उनकी जिंदगी में सोनाली आईं. दरअसल सोनाली, अनूप जलोटा की पत्नी थी, लेकिन दोनों में इश्क हो गया और फिर दोनों ने साल 1989 में शादी कर ली.

फिल्मों में ली इंट्री : साल 1992 में उन्हें पहली बार फिल्म अंगार में गाने का मौका मिला. गाना रिकार्ड हुआ, लेकिन फिल्म में यह गाना रिलीज नहीं किया गया. उसके बाद महेश भट्ट निर्मित और संजय दत्त अभिनीत फ़िल्म गुमराह में गाने का मौका मिला. गाना हिट रहा तो महेश भट्ट ने उन्हें अपनी दूसरी फिल्म 'नाजायज' में भी गाने का मौका दिया. फिल्म में कुमार सानू के साथ उनका गाया गाना 'बरसात के मौसम में, तन्हाई के आलम में' जबरदस्त हिट रहा, लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धि उन्हें फिल्म बॉर्डर के गाने 'संदेशे आते हैं..' और 'ऐ जाते हुए लम्हों..' गानों से मिली. रूप कुमार राठौर ने सरफरोश, मेला, वीर जारा, रब ने बना दी जोड़ी और अग्निपथ जैसी कई हिट फिल्मों में भी गाने गाए हैं. यह अपनी गजलों और सूफी संगीत के लिए जाने जाते हैं.

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