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जयपुर जनाना अस्पताल के NICU में गिरा छत का मलबा, हादसे के समय वार्ड में भर्ती थे नवजात बच्चे

जनाना अस्पताल के NICU वार्ड में गिरा छत का मलबा. बाल-बाल नवजात बच्चे. हादसे के दौरान वार्ड में चल रहा था बच्चों का इलाज.

ROOF DEBRIS FELL IN NICU
जयपुर जनाना अस्पताल में हादसा (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 8, 2024, 8:21 PM IST

जयपुर : जयपुर के जनाना अस्पताल में बड़ा हादसा हो गया. अस्पताल के नर्सरी NICU वार्ड में छत का मलबा अचानक गिर गया. हादसे के दौरान बड़ी संख्या में नवजात शिशु वार्ड में भर्ती थे. हालांकि, मलबा गिरने के दौरान किसी भी नवजात शिशुओं को चोट नहीं लगी, लेकिन अस्पताल की व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया. वहीं, इस संबंध में अस्पताल के अधीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.

परिजनों ने बताया कि NICU में गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज किया जा रहा था. हालांकि, इस हादसे में किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, लेकिन बच्चों के परिजनों में डर का माहौल बना हुआ है. जैसे ही अस्पताल में यह घटना घटित हुई, उसके तुरंत बाद हड़कंप मच गया. सूचना के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और सबसे पहले बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया.

इसे भी पढ़ें - अजमेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में दो जगह गिरा मलबा, एक चिकित्साकर्मी चोटिल

परिजनों का आरोप है कि रात के समय वार्ड में कोई जिम्मेदार अधिकारी या डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं. दरअसल, जनाना अस्पताल ही नहीं, बल्कि सवाई मानसिंह अस्पताल में भी आए दिन फॉल सीलिंग गिरने के मामले सामने आते रहते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

आधिकारिक बयान नहीं हुआ जारी : घटना के बाद से अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं, लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. परिजन अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और बच्चों की देखभाल को लेकर चिंतित हैं और जवाब की मांग कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि यदि यह मलबा नवजात बच्चों पर गिर जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता. जनाना अस्पताल की पुरानी इमारत और ढांचागत समस्याएं भी इस घटना के बाद चर्चा में आ गई हैं.

जयपुर : जयपुर के जनाना अस्पताल में बड़ा हादसा हो गया. अस्पताल के नर्सरी NICU वार्ड में छत का मलबा अचानक गिर गया. हादसे के दौरान बड़ी संख्या में नवजात शिशु वार्ड में भर्ती थे. हालांकि, मलबा गिरने के दौरान किसी भी नवजात शिशुओं को चोट नहीं लगी, लेकिन अस्पताल की व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया. वहीं, इस संबंध में अस्पताल के अधीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.

परिजनों ने बताया कि NICU में गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज किया जा रहा था. हालांकि, इस हादसे में किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, लेकिन बच्चों के परिजनों में डर का माहौल बना हुआ है. जैसे ही अस्पताल में यह घटना घटित हुई, उसके तुरंत बाद हड़कंप मच गया. सूचना के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और सबसे पहले बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया.

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परिजनों का आरोप है कि रात के समय वार्ड में कोई जिम्मेदार अधिकारी या डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं. दरअसल, जनाना अस्पताल ही नहीं, बल्कि सवाई मानसिंह अस्पताल में भी आए दिन फॉल सीलिंग गिरने के मामले सामने आते रहते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

आधिकारिक बयान नहीं हुआ जारी : घटना के बाद से अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं, लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. परिजन अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और बच्चों की देखभाल को लेकर चिंतित हैं और जवाब की मांग कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि यदि यह मलबा नवजात बच्चों पर गिर जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता. जनाना अस्पताल की पुरानी इमारत और ढांचागत समस्याएं भी इस घटना के बाद चर्चा में आ गई हैं.

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