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टांडा मेडिकल कॉलेज और AIMSS चमियाणा में जल्द शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी, विश्व स्तरीय तकनीक से होगा मरीज का इलाज - HIMACHAL CABINET MEETING

सुखविंदर कैबिनेट बैठक में टांडा मेडिकल कॉलेज और एआइएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी प्रणाली स्थापित करने को मंजूरी मिली है.

टांडा मेडिकल कॉलेज
टांडा मेडिकल कॉलेज (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 7:22 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 8:16 PM IST

कांगड़ा: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों जिला कांगड़ा में शीतकालीन प्रवास पर हैं. इस दौरान आज सीएम सुक्खू ने धर्मशाला में मंत्रिमंडल की बैठक की. इस बैठक में एम्स दिल्ली की तर्ज पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा और एआइएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी प्रणाली स्थापित करने के लिए बजट को मंजूरी प्रदान की गई.

यह पहल जिला कांगड़ा में लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी, जिससे जिला और पड़ोसी क्षेत्रों के हजारों मरीजों को लाभ मिलेगा. मंत्रिमंडल ने टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा (एआइएमएसएस) में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 56 करोड़ रुपये की धनराशि को स्वीकृति प्रदान की है.

रोबोटिक सर्जरी की होगी शुरुआत

टांडा मेडिकल कॉलेज और एआईएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत से लोगों को यूरोलॉजी, सामान्य सर्जरी, स्त्री रोग, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और गैस्ट्रो सर्जरी में उन्नत सर्जिकल सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे कांगड़ा और शिमला जिला सहित आसपास के जिलों के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी.

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

रोग के निदान में रोबोटिक सर्जरी से सटीकता, उपचार बाद शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और न्यूनतम इनवेसिव तकनीकों के कारण संक्रमण जोखिम कम होता है. इस तकनीक में छोटे चीरों के साथ, रोगियों को दर्द का अनुभव कम होता है और मरीज शीघ्र ठीक होकर अपने घर जा सकता है. इस विश्व स्तरीय तकनीक से सर्जन भी लाभान्वित होंगे, जिससे वे अधिक निपुणता और सुरक्षा के साथ जटिल प्रक्रियाओं को करने की अपनी क्षमताओं में सुधार कर सकेंगे.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "स्वास्थ्य सेवाओं में यह नवाचार पहल हिमाचल प्रदेश के लोगों तक नवीनतम चिकित्सा तकनीक की पहुंच सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है. टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और चमियाणा स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले उत्कृष्ट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेंगे और इस क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगे".

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल राज्य के 9.5 लाख मरीज बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश से बाहर की ओर रूख करते हैं, जिससे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 1,350 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान होता है. इस विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य सरकार हजारों मरीजों के बहुमूल्य समय और धन की बचत करने के उद्देश्य से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है.

ये भी पढ़ें: होम स्टे पॉलिसी पर सुखविंदर कैबिनेट ने लगाई मुहर, 24 नई वोल्वो बसों की होगी खरीद, मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय

कांगड़ा: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों जिला कांगड़ा में शीतकालीन प्रवास पर हैं. इस दौरान आज सीएम सुक्खू ने धर्मशाला में मंत्रिमंडल की बैठक की. इस बैठक में एम्स दिल्ली की तर्ज पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा और एआइएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी प्रणाली स्थापित करने के लिए बजट को मंजूरी प्रदान की गई.

यह पहल जिला कांगड़ा में लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी, जिससे जिला और पड़ोसी क्षेत्रों के हजारों मरीजों को लाभ मिलेगा. मंत्रिमंडल ने टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा (एआइएमएसएस) में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 56 करोड़ रुपये की धनराशि को स्वीकृति प्रदान की है.

रोबोटिक सर्जरी की होगी शुरुआत

टांडा मेडिकल कॉलेज और एआईएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत से लोगों को यूरोलॉजी, सामान्य सर्जरी, स्त्री रोग, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और गैस्ट्रो सर्जरी में उन्नत सर्जिकल सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे कांगड़ा और शिमला जिला सहित आसपास के जिलों के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी.

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

रोग के निदान में रोबोटिक सर्जरी से सटीकता, उपचार बाद शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और न्यूनतम इनवेसिव तकनीकों के कारण संक्रमण जोखिम कम होता है. इस तकनीक में छोटे चीरों के साथ, रोगियों को दर्द का अनुभव कम होता है और मरीज शीघ्र ठीक होकर अपने घर जा सकता है. इस विश्व स्तरीय तकनीक से सर्जन भी लाभान्वित होंगे, जिससे वे अधिक निपुणता और सुरक्षा के साथ जटिल प्रक्रियाओं को करने की अपनी क्षमताओं में सुधार कर सकेंगे.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "स्वास्थ्य सेवाओं में यह नवाचार पहल हिमाचल प्रदेश के लोगों तक नवीनतम चिकित्सा तकनीक की पहुंच सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है. टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और चमियाणा स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले उत्कृष्ट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेंगे और इस क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगे".

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल राज्य के 9.5 लाख मरीज बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश से बाहर की ओर रूख करते हैं, जिससे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 1,350 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान होता है. इस विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य सरकार हजारों मरीजों के बहुमूल्य समय और धन की बचत करने के उद्देश्य से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है.

ये भी पढ़ें: होम स्टे पॉलिसी पर सुखविंदर कैबिनेट ने लगाई मुहर, 24 नई वोल्वो बसों की होगी खरीद, मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय

Last Updated : Jan 24, 2025, 8:16 PM IST
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