वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट सारनाथ योजना में एक के बाद एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. पिछले दिनों खराब और घटिया मैटेरियल से यहां खंबे लगाए जाने के मामले में जांच हुई तो अब पहली बारिश में ही 90 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुई सड़क बैठ गई. इसके बाद अब काम करने वाली संस्था पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है और मामले की जांच भी शुरू हो गई है.
सारनाथ से बरईपुर जाने वाले मार्ग पर वन विभाग गेट के सामने धंसी सड़क का वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव ने निरीक्षण किया. मौके पर कार्यदायी एजेंसी केके कंस्ट्रक्शन को नोटिस दिया और जवाब भी मांगा गया. जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सड़क के निर्माण कार्यों की जांच रिपोर्ट मांगी है.
उन्होंने बताया कि जहां पर सड़क धंसी है, वहां नीचे सीवर और पानी की पाइप लाइन गई है. जिसमें हुए लीकेज के चलते वहां की मिट्टी धंस गई. क्योंकि यह सड़क अभी निर्माणाधीन है. कार्यदायी एजेंसी को हिदायत दी गई कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता बनाए रखते हुए सड़क निर्माण कार्य को समय से पूरा कराएं. साथ ही आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसके लिए धंसी सड़क को चलने लायक बनाने को कहा है.
विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि कार्यदयी संस्था केके कंस्ट्रक्शन पर 50 लाख का जुर्माना लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने तथा ब्लैकलिस्ट क्यों न किया जाए का नोटिस दिया गया है.
उन्होंने बताया कि विश्व बैंक की सहायता से सारनाथ के डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है. प्रॉपर योजना के अंतर्गत यहां पर एक दूसरे मंदिर को कनेक्ट करने के साथ ही सड़क और पूरी व्यवस्था को इंटरनेशनल लेवल का बनाने का काम किया जा रहा है.
पर्यटन विभाग कैसे प्रोजेक्ट पर वीडियो निगरानी में है और पूरे प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट का काम अलग-अलग कंपनियां कर रही हैं, इसकी निगरानी की जा रही है और जो भी जिम्मेदार है उसे पर उचित कार्रवाई होगी.
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