गढ़वा: जिले में कई सड़कें बन रही हैं. जिसका निर्माण नई तकनीक से की जा रही है. इस तकनीक के आने से पर्यावरण का नुकसान कम हो रहा है. इन नई तकनीक से बन रही सड़कों में गिट्टी की जरूरत नहीं पड़ रही है. ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा जर्मन मेड मशीन के माध्यम से सड़क बनाई जा रही है, जिससे उच्च गुणवत्ता के साथ सड़क का निर्माण किया जा रहा है.
सड़क के पुराने वेस्ट मैटेरियल से ही बन रही है नई सड़क
गढ़वा जिले में जंगलों को बचाने के लिए सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है. जिसे एफडीआर यानि फूल डेप्थ सिस्टम कहा जाता है. इस नई तकनीक के जरिए जिले में लगभग ढाई सौ किलोमीटर की सड़क बन रही है. जिसमें नई तकनीक के माध्यम से मशीन द्वारा पुराने सड़क को उखाड़कर उसके वेस्ट मैटेरियल को मशीन के जरिए मिक्स कर इसे उच्च गुणवत्ता युक्त मशीन में डाला जाता है. उसके बाद केमिकल और सीमेंट को मिक्स कर सड़क को आसानी से बना दिया जाता है. सड़क निर्माण कर रही कंपनी के मुंशी ने कहा की यह पांच किलोमीटर की सड़क ली गई है, जो नई तकनीक से बन रही है. इसमें पत्थर की कोई आवश्यकता नहीं है.
पर्यावरण का होगा बचाव
ग्रामीण विकास विभाग के कार्यापालक अभियंता धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस एफडीआर मशीन के जरिए जिले में ढाई सौ किलोमीटर की सड़क बन रही है. इसमें किसी प्रकार की कोई गिट्टी की आवश्यकता नहीं है. यहां पुरानी सड़कों को उखाड़कर केवल सीमेंट और केमिकल मिक्स कर नई सड़क बनाई जा रही है. इससे पर्यावरण को भी फायदा है, साथ ही पहाड़ों से पत्थर भी तोड़ने की आवश्यकता नहीं होगी.
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