दुर्ग : रफ्तार और हादसा.. जी हां, आजकल हाईस्पीड जिंदगी में सब कुछ स्पीड से चलता है. फिर चाहे आपकी लाइफ हो या फिर सड़क पर चलने का तरीका.हर कोई इतनी जल्दी में है कि उसे ना तो कोई आगे दिखता है और ना ही पीछे. सड़क पर आगे निकलने की होड़ में लोग इतने आगे निकल जाते हैं कि उनका शरीर ही धरती पर रह जाता है,बाकी प्राण पखेरु उड़ जाते हैं. छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं के ताजा आंकड़ों को देखकर यही लगता है कि लोग जब सड़क पर चलकर वापस आते हैं तो उन्हें ये लगना चाहिए कि वो नई जिंदगी लेकर वापस आए हैं.
तीन साल में 17 हजार मौतें : छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान सड़क हादसे में चली गई है. दुर्घटना के मामले में पूरे छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला तीसरे स्थान पर हैं,जबकि पहले नंबर पर रायपुर तो दूसरे स्थान पर बिलासपुर जिला शामिल हैं. तीन साल में 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्रदेश में हादसों की जानकारी निकलकर सामने आई.जो बेहद ही चौंकाने वाली है.
साल दर साल बढ़े आंकड़े : साल 2021-22 में सड़क दुर्घटना में कुल 11917 मामले सामने आए थे. इसमें 5258 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 10134 लोग घायल हुए थे. साल 2022-23 में आंकड़ा बढ़ा जिसमें 11 हजार 717 घायल हुए . वहीं 2023-24 में सड़क दुर्घटना के 13 हजार 715 मामले सामने आए हैं. इनमें से 6269 लोगों की जान चली गई. वहीं 11 हजार 556 लोग घायल हुए थे.
रायपुर बना हॉट स्पॉट : छत्तीसगढ़ में हादसों के लिहाज से राजधानी सबसे बड़ा सेंटर प्वाइंट बना हुआ है. पिछले तीन साल के आंकड़ों को देखे तो साल दर साल हादसे बढ़ते जा रहे हैं. रायपुर में 2023-24 में 1967 हादसे हुए. इनमें 520 लोगों की मौत और 1468 घायल हुए थे. इसके बाद दूसरे नंबर पर बिलासपुर है. जहां 2023-24 के दौरान 1176 दुर्घटना में 349 लोगों की मौत हुई. वहीं 1190 लोग घायल हुए. वहीं तीसरे स्थान पर दुर्ग रहा.जहां 1596 हादसों में 520 मौत और 989 घायल हुए हैं. इसके बाद अन्य जिलों का नंबर आता है.
2023-24 में रोड पर मौतों का आंकड़ा | |||
शहर | हादसा | घायल | मौत |
रायपुर | 1967 | 1468 | 520 |
बिलासपुर | 1176 | 1190 | 349 |
दुर्ग | 1596 | 520 | 989 |
''सड़क दुर्घटना होने का मुख्य कारण है कि लोग स्पीड पर काबू नहीं करते. शराब पीकर गाड़ी चलाना साथ ही यातायात नियम का पालन नहीं करने से सड़क दुर्घटना हो रही है.''- सतीश ठाकुर, डीएसपी ट्रैफिक
आपको बता दें कि भिलाई के नेहरू नगर चौक पर ही ट्रैफिक कंट्रोल टावर बनाया गया है. लेकिन इसका कोई असर नहीं देखने को मिल रहा. ट्रैफिक पुलिस गाहे-बगाहे कभी-कभार सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए कैंप तो लगाती है, वाहन चलाने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आते. वहीं ट्रैफिक डीएसपी दुर्घटनाओं की वजह ओव्हर स्पीड को मानते हैं.