लखनऊ: लोहिया संस्थान के रेडियो डायग्नोसिस विभाग की ओर से शनिवार को विशेष एमआरआई टीचिंग कोर्स की शुरुआत की गयी. यह कोर्स 17 जून तक चलेगा. इसमें देशभर के 150 से अधिक डॉक्टरों नें भाग लिया. निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि एमआरआई जांच से इलाज की दिशा तय करना आसान हो गया है. एमआरआई से सटीक जांच मुमकिन है.
कोर्स के मुख्य आयोजक डॉ. गौरव राज अग्रवाल ने कहा कि एमआरआई जांच कम समय में हो रही है. सिर से लेकर पैर तक की ज्यादातर बीमारियों का पता लगाने में एमआरआई जांच अहम है. इसमें सीटी स्कैन के मुकाबले कम रेडिएशन होता है. लेकिन, सीटी और एमआरआई जांच की अलग अहमियत है. अलग-अलग बीमारियों में दोनों प्रकार की जांच कराई जाती है. इस मौके पर डीन डॉ. प्रदयुमान सिंह, सीएमएस डॉ. एके सिंह, पीजीआई में रेडियोडायग्नोसिस विभाग की अध्यक्ष डॉ. अर्चना गुप्ता, केजीएमयू रेडियोडायग्नोसिस विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनित परिहार, गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार मौके पर मौजूद रहे.
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केजीएमयू के डॉक्टरों ने रक्तदान कर लोगों को दिया संदेश: मरीजों की जिंदगी बचाने के साथ ही केजीएमयू के डॉक्टरों ने रक्तदान कर लोगों को संदेश दिया. बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने रक्तदान किया और लोगों से नियमित स्वैच्छिक रक्तदान की अपील भी की. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन सर्जन्स ऑफ इंडिया के (यूपीएएसआई) संयुक्त सचिव डॉ. अक्षय आनंद ने कहा कि खून का कोई विकल्प नहीं है. लिहाजा लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरुक किया जा रहा है. इसी मकसद से देश भर में एसोसिएशन की तरफ से राष्ट्रव्यापी रक्तदान शिविर का आह्वान किया गया है.
केजीएमयू सर्जरी विभाग और एसोसिएशन सर्जन्स ऑफ लखनऊ (एएसएल) की ओर से शताब्दी भवन में स्वैच्छिक रक्तदान अभियान का आयोजन किया गया. इस मौके पर एंडोक्राइन सर्जन और यूपीएएसआई के अध्यक्ष डॉ. अमित अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ. निखिल सिंह, डॉ. आनंद मिश्रा, केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एए सोनकर, डॉ. एचएस पाहवा समेत अन्य डॉक्टर भी उपस्थित रहे. डॉ. अक्षय ने बताया, कि 32 डॉक्टरों ने रक्तदान किया.