रांची: लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड के इंडिया ब्लॉक के दलों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. 30 मार्च को कोडरमा सीट से सीपीआई माले के विधायक विनोद सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा के बाद जैसे ही सीपीआई और सीपीएम के नेताओं को पता चला कि राज्य में इंडिया ब्लॉक में उन्हें जगह नहीं मिली है इन दोनों दलों ने अपने-अपने दम पर उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा कर दी. आज बारी राष्ट्रीय जनता दल की थी.
प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने कहा कि सहयोगी दलों का कौन नेता क्या बोलता है, इसकी हमें परवाह नहीं है. राजद को 7-5-1-1 का फार्मूला मंजूर नहीं है. इस फॉर्मूले तहत झारखंड में कांग्रेस को 07 लोकसभा सीट, झामुमो को 05 लोकसभा सीट और राजद-सीपीआई माले को एक-एक सीट मिलनी थी. इस फॉर्मूले को लेकर दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस कमेटी झारखंड के अध्यक्ष राजेश ठाकुर और झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता के बयान आये थे.
राजद पलामू और चतरा सीट से प्रत्याशी खड़ा करेगाः डॉ मनोज
रविवार को झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय में बेहद तल्खी भरे लहजे में राजद के मुख्य प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने कहा कि कौन क्या कहता है, उसकी परवाह राजद नहीं करता. हमारे नेता लालू प्रसाद ने कहा है कि लोकसभा आम चुनाव-2024 में राष्ट्रीय जनता दल पलामू और चतरा सीट से प्रत्याशी खड़ा करेगा, बाकी बची 12 सीटों पर वह सहयोगी दल झामुमो, कांग्रेस, सीपीआई माले के उम्मीदवारों को मदद करेगा. डॉ मनोज कुमार ने भरोसा जताया कि जल्द ही राजद अपने उम्मीदवार के नामों की घोषणा कर देगा.
2019 में भी चतरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस-राजद के बीच हुआ था फ्रेंडली फाइट
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि राजद लोकसभा की दो सीटों पर अड़ा है. 2019 के लोकसभा आम चुनाव के समय भी कांग्रेस, झामुमो और राजद का महागठबंधन बना था. तब 9-4-1 का फार्मूला बना था. उस समय 09 लोकसभा सीट कांग्रेस को मिली थी, जबकि झामुमो को 04 और राजद को 01 सीट मिली थी. तब महागठबंधन की ओर से कांग्रेस को अपने कोटे की 09 लोकसभा सीटों में से 02 सीट बाबूलाल मरांडी की पार्टी के लिए छोड़ना था. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 07, झामुमो को 04, जेवीएम को 02 और राजद को 01 सीट पलामू की मिली थी. लेकिन तब भी महागठबंधन को अंगूठा दिखाते हुए राजद ने पलामू के साथ-साथ चतरा से भी उम्मीदवार खड़ा कर दिया था. तब चतरा से भाजपा की प्रचंड जीत हुई थी. दोस्ताना फाइट में कांग्रेस उम्मीदवार के साथ-साथ राजद की भी हार हुई थी और बड़े अंतर से तब भाजपा के सुनील सिंह चुनाव की जीत हुई थी.
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