हल्द्वानी: पहाड़ों पर सड़कें तो बना दी जाती हैं, लेकिन सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जाता है. जिसके चलते आए दिन पहाड़ों पर सड़क हादसे सामने आते रहते हैं. बात नैनीताल जनपद की करें तो पर्यटन की दृष्टि से नैनीताल जनपद पर्यटकों की पहली पसंद है. नैनीताल जनपद में लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं. लेकिन सरकार और सिस्टम सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है.
पिछले दिनों भीमताल थाना क्षेत्र अंतर्गत बस हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी. जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए थे. नैनीताल जनपद में आए दिन वाहनों के खाई में गिरने की घटना सामने आती हैं, जिसके चलते कई लोगों की जान गंवानी पड़ती है. पीडब्ल्यूडी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नैनीताल जनपद के पर्वतीय क्षेत्र में 18 स्टेट हाईवे हैं.
जिनकी लंबाई 688 किलोमीटर हैं. लेकिन इसके सापेक्ष में इन स्टेट हाईवे पर सुरक्षा के दृष्टि से केवल 129 किलोमीटर में ही क्रैश बैरियर लगे हैं. जबकि 539 किलोमीटर में क्रैश बैरियर नहीं लगे हैं. विभाग के अनुसार 161 किलोमीटर सड़क पर क्रैश बैरियर लगाने की स्वीकृति मिली है, जबकि बाकी में लगाने के लिए शासन से कार्रवाई की जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक नैनीताल जनपद में 11 मुख्य जिला मार्ग हैं. जिसकी लंबाई 236 किलोमीटर है, जिसके सापेक्ष में 34 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लगे हैं. 202 किलोमीटर में अभी भी क्रैश बैरियर नहीं लगे हैं.
नैनीताल पीडब्ल्यूडी मुख्य अभियंता प्रह्लाद सिंह बृजवाल ने बताया कि पहाड़ों के सड़कों पर पैराफिट के बजाय क्रैश बैरियर लगाने की योजना है. जिसके तहत कुछ सड़कों की स्वीकृति मिली है. जबकि कुछ सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने के लिए शासन स्तर पर कार्रवाई चल रही है. बजट मिलने पर बचे हुए क्षेत्र के सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर लगाने का कार्य किया जाएगा.
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