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बाड़मेर में ऋषि पंचमी का पर्व उत्साह से मनाया, ऋषियों व पूर्वजों को याद कर किया तर्पण - Rishi Panchami 2024

बाड़मेर में ऋषि पंचमी का पर्व रविवार को मनाया गया. इस पर्व पर श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोगों ने ऋषियों व पूर्वजों को याद कर तर्पण किया.

Rishi Panchami in Barmer
श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने मनाई ऋषि पंचमी (ETV Bharat Barmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 8, 2024, 6:44 PM IST

ऋषि पंचमी पर ऋषियों व पूर्वजों को याद कर किया तर्पण (ETV Bharat Barmer)

बाड़मेर: जिले में ऋषि पंचमी का पर्व रविवार को उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोगों ने ऋषि पंचमी पर्व पर ऋषियों व पूर्वजों को याद कर तर्पण किया. महिलाओं ने व्रत रखकर कथा सुनी और विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की.

ऋषि पंचमी का पर्व रविवार को जिलेभर में मनाया गया. जिले के उत्तरलाई के बांद्रा गांव की नाड़ी पर श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोगों ने ऋषियों और पूर्वजों को याद कर तर्पण किया. श्रीमाली ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार दवे ने बताया कि ऋषि पंचमी के पर्व पर समाज की महिलाओं और पुरुषों ने गणेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एवं सरोवर तालाब पर जाकर विधिवत रूप से पीतांबर वस्त्र धारण कर हाथों में मणिचा व डाब लेकर सप्त ऋषियों एवं पूर्वजों को याद कर तर्पण किया.

पढ़ें: ऋषि पंचमी रविवार को, श्रावणी कर्म करने के साथ गलतियों के लिए क्षमा मांगने का दिन - Rishi Panchami

श्रीमाली समाज के सचिव सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हर वर्ष यह पर्व भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है. यह पर्व शप्त ऋषियों को समर्पित होता है. इसके साथ पूर्वजों को याद किया जाता है. मनीष व्यास ने बताया कि ऋषि पंचमी के दिन तालाब, सरोवर पर ऋषियों और पूर्वजों को याद करके तर्पण करने के बाद घर जाकर अनाज ग्रहण नहीं करते हुए मणीचा व सिंघाड़े का आटा, तोरू, काचरा आदि सब्जियों को पवित्रता के साथ बनाकर उपवास खोल जाता है. कुलदीप अवस्थी ने बताया कि पंडित कैलाश कुमार शर्मा और महेंद्र कुमार शर्मा के सानिध्य में तर्पण धर्म करवाया गया. महिलाओं ने भी व्रत रखकर कथा सुनी और तर्पण के बाद व्रत खोला.

ऋषि पंचमी पर ऋषियों व पूर्वजों को याद कर किया तर्पण (ETV Bharat Barmer)

बाड़मेर: जिले में ऋषि पंचमी का पर्व रविवार को उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोगों ने ऋषि पंचमी पर्व पर ऋषियों व पूर्वजों को याद कर तर्पण किया. महिलाओं ने व्रत रखकर कथा सुनी और विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की.

ऋषि पंचमी का पर्व रविवार को जिलेभर में मनाया गया. जिले के उत्तरलाई के बांद्रा गांव की नाड़ी पर श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोगों ने ऋषियों और पूर्वजों को याद कर तर्पण किया. श्रीमाली ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार दवे ने बताया कि ऋषि पंचमी के पर्व पर समाज की महिलाओं और पुरुषों ने गणेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एवं सरोवर तालाब पर जाकर विधिवत रूप से पीतांबर वस्त्र धारण कर हाथों में मणिचा व डाब लेकर सप्त ऋषियों एवं पूर्वजों को याद कर तर्पण किया.

पढ़ें: ऋषि पंचमी रविवार को, श्रावणी कर्म करने के साथ गलतियों के लिए क्षमा मांगने का दिन - Rishi Panchami

श्रीमाली समाज के सचिव सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हर वर्ष यह पर्व भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है. यह पर्व शप्त ऋषियों को समर्पित होता है. इसके साथ पूर्वजों को याद किया जाता है. मनीष व्यास ने बताया कि ऋषि पंचमी के दिन तालाब, सरोवर पर ऋषियों और पूर्वजों को याद करके तर्पण करने के बाद घर जाकर अनाज ग्रहण नहीं करते हुए मणीचा व सिंघाड़े का आटा, तोरू, काचरा आदि सब्जियों को पवित्रता के साथ बनाकर उपवास खोल जाता है. कुलदीप अवस्थी ने बताया कि पंडित कैलाश कुमार शर्मा और महेंद्र कुमार शर्मा के सानिध्य में तर्पण धर्म करवाया गया. महिलाओं ने भी व्रत रखकर कथा सुनी और तर्पण के बाद व्रत खोला.

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