बालोद : बालोद शहर में जिला विपणन अधिकारी कार्यालय के सामने जिले भर के राइस मिल संचालकों ने एक दिवसीय धरना दिया इस दौरान उन्होंने हाथों में काली पट्टी बांधकर नहीं मिलर नीति का विरोध किया है. मिलर्स का कहना है कि वह आने वाले समय में कस्टम मिलिंग का काम करने में असमर्थ हैं. प्रदर्शन के बाद राइस मिल संचालक जिला विपणन अधिकारी और जिला खाद्य अधिकारी से मुलाकात करने पहुंचे. जहां उन्होंने कस्टम मिलिंग और पुराने बकाया राशि के संदर्भ में बातचीत की.
राइस मिलर्स की क्या है मांग : राइस मिल एसोसिएशन के जिला एवं प्रदेश सलाहकार मोहन भाई पटेल ने बताया कि धरना प्रदर्शन का मुख्य कारण ये है कि पिछले दो से तीन वर्षों का भुगतान बालोद जिले का शेष है. जो कम से कम 150 करोड़ के आसपास है. हमने प्रशासन और सरकार से लगातार वार्ता की. लेकिन किसी तरह का कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. जिसके कारण हमें ये धरना देना पड़ रहा है.
सरकार के पास कोई भी विस्तृत कार्य योजना कस्टम मिलिंग को लेकर नहीं है. इन सब में बली का बकरा हम सब मिलर्स को बनाया जा रहा है. अनुबंध और कस्टम मिलिंग के लिए दबाव बनाया जा रहे हैं. जो की बिल्कुल भी मिलरों के हित में नहीं है. जिसे हम विरोध करते आ रहे हैं और करेंगे ही- आकाश कटारिया, सचिव, राइस मिल एसोसिएशन
अनुबंध के पक्ष में नहीं मिलर्स : प्रदेश एवं जिला सलाहकार मोहन भाई पटेल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जो नई कस्टम मिलिंग नीति बनाई है उसमें नए क्लॉस डाले गए हैं. जो मिलर के हित में नहीं है. इस स्थिति में हम लोग कोई भी कार्य नहीं कर सकते.इतनी पेनाल्टी लगाई जा रही है ऐसा लगता है कि काम करने के बाद हमें घर से ना पैसा देना पड़ जाए. इन सारी विसंगतियों के कारण हम असमर्थता जाहिर कर रहे हैं.
वही राइस मिल संचालक सुबोध टावर ने बताया कि सरकार की जो नीतियां हैं. वो राइस मिलर्स के पक्ष में नहीं है. हम सब पहले से ही कर्ज में रहकर राइस मिल का संचालन कर रहे हैं. बैंकों से लोन में है. ऐसे में हम परिवार पालना और मिल संचालन कर पाने में असमर्थ रहेंगे. इसलिए सरकार को अपने सरकार के साथ-साथ हमारे हितों की रक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए.वहीं इस बारे में जिला खाद्य अधिकारी ने राइस मिलर्स की समस्या का समाधान किया जाएगा.
शासन स्तर का मामला है. जैसे आसपास के जिले में पंजीयन और नीतियां संचालित होगी. वैसे ही यहां भी किया जाएगा, बचे भुगतान का मामला राज्य शासन से तय होगा, लेकिन कस्टम मिलिंग नियमानुसार किया जाएगा, पंजीयन कराने के लिए सभी मिलर को कहा जा रहा है- तुलसी राम ठाकुर, जिला खाद्य अधिकारी
आपको बता दें कि एक तरफ राइस मिल एसोसिएशन का कहना है कि प्रशासन उन पर जबरदस्ती कस्टम मिलिंग करने का दबाव बना रही है.जबकि वो लिखित में समाधान चाहते हैं.वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन का कहना है कि ये शासन स्तर का मामला है.लेकिन कस्टम मिलिंग का काम रोकना सही नहीं है.
धान खरीदी में और आएगी तेजी, राइस मिलर्स की मांगों पर बनी सहमति
धान खरीदी केंद्रों में बारदाना की कमी का आरोप, कांग्रेस बोली किसानों को हो रही परेशानी |
धान खरीदी पर सियासी घमासान, दीपक बैज का आरोप, ''खजाना है खाली नहीं हो रही तय खरीदी'' |