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आरजीएचएस गबन के आरोपियों को नहीं मिली राहत, HC ने एम्स निदेशक को सहयोग के दिए निर्देश

RGHS Scam Case, राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना में करोड़ों रुपये के गबन के आरोपियों को राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने एम्स निदेशक को सहयोग के निर्देश दिए हैं.

Rajasthan High Court
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 7:48 AM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरजीएचएस (Rajasthan Government Health Scheme) योजना में मरीजों के नाम पर गबन करने के तीन आरोपियों की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी एटीएस को समय देते हुए एम्स निदेशक जोधपुर को जांच में सहयोग के निर्देश दिए हैं. जस्टिस फरजंद अली की एकल पीठ के समक्ष आरोपी जुगल किशोर, महेन्द्र कुमार व नरेश कुमार की ओर से जमानत याचिका पेश की गई थी.

सुनवाई के दोरान अनुसंधान एजेंसी एटीएस जोधपुर से पुलिस निरीक्षक निर्मला कंवर व अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी मौजूद रहे. उन्होने कोर्ट को बताया कि आरजीएचएस योजना में फर्जी तरीके से मरीजों के नाम से बिल बनाकर सरकार से पैसा उठाया गया है. आरोपियों की पहुंच मेडिकल में अन्दर तक है. एटीएस इस पूरे गिरोह की जांच कर रही है. अब तक की जांच से यह सामने आया है कि आरोपियों ने एम्स व मेडिपल्स अस्पताल तक के नाम का उपयोग किया है.

पढ़ें : आरजीएचएस राशि का गबन करने के आरोपी की जमानत खारिज

उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसा लग रहा है कि इस मामले में एम्स अस्पताल की डॉ. आकांक्षा गर्ग के बयान भी आवश्यक है. कुछ दस्तावेज भी एम्स अस्पताल जोधपुर से अभी प्राप्त करने है. इस पर कोर्ट ने एम्स अस्पताल जोधपुर के निदेशक को जांच में सहयोग करने एवं आवश्यक दस्तावेज को लेकर सहयोग करे, ताकि जांच एजेंसी जांच को जल्द पूरी कर सके. एक आरोपी तुषार झंवर अभी तक फरार चल रहा है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को मुकर्रर करते हुए फिलहाल आरोपियों को राहत नहीं दी है. गौरतलब है कि आरोपियों ने आरजीएचएस योजना में कैंसर रोगी सहित कइयों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर आरजीएचएस के तहत करोड़ों रुपये की सरकारी राशि का गबन किया है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरजीएचएस (Rajasthan Government Health Scheme) योजना में मरीजों के नाम पर गबन करने के तीन आरोपियों की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी एटीएस को समय देते हुए एम्स निदेशक जोधपुर को जांच में सहयोग के निर्देश दिए हैं. जस्टिस फरजंद अली की एकल पीठ के समक्ष आरोपी जुगल किशोर, महेन्द्र कुमार व नरेश कुमार की ओर से जमानत याचिका पेश की गई थी.

सुनवाई के दोरान अनुसंधान एजेंसी एटीएस जोधपुर से पुलिस निरीक्षक निर्मला कंवर व अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी मौजूद रहे. उन्होने कोर्ट को बताया कि आरजीएचएस योजना में फर्जी तरीके से मरीजों के नाम से बिल बनाकर सरकार से पैसा उठाया गया है. आरोपियों की पहुंच मेडिकल में अन्दर तक है. एटीएस इस पूरे गिरोह की जांच कर रही है. अब तक की जांच से यह सामने आया है कि आरोपियों ने एम्स व मेडिपल्स अस्पताल तक के नाम का उपयोग किया है.

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उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसा लग रहा है कि इस मामले में एम्स अस्पताल की डॉ. आकांक्षा गर्ग के बयान भी आवश्यक है. कुछ दस्तावेज भी एम्स अस्पताल जोधपुर से अभी प्राप्त करने है. इस पर कोर्ट ने एम्स अस्पताल जोधपुर के निदेशक को जांच में सहयोग करने एवं आवश्यक दस्तावेज को लेकर सहयोग करे, ताकि जांच एजेंसी जांच को जल्द पूरी कर सके. एक आरोपी तुषार झंवर अभी तक फरार चल रहा है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को मुकर्रर करते हुए फिलहाल आरोपियों को राहत नहीं दी है. गौरतलब है कि आरोपियों ने आरजीएचएस योजना में कैंसर रोगी सहित कइयों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर आरजीएचएस के तहत करोड़ों रुपये की सरकारी राशि का गबन किया है.

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