रीवा: जिले का एक परिवार कई सालों से एक दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा है. इस बीमारी की वजह से परिवार के 5 सदस्यों का शरीर बेहद दुर्बल हो गया है. शरीर में सिर्फ हड्डियों का ढांचा दिख रहा है. पिछले साल मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस गंभीर रोग से छुटकारा दिलाने के लिए सभी का इलाज कराने का भरोसा दिलाया था. एक साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक सभी की स्थिति जस की तस बनी है. अब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर तीनों भाईयों का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को टैग करते हुए इनके इलाज की मांग की है.
मध्य प्रदेश जिला रीवा निवासी मनीष यादव स्वयं और उनके भाई गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं सरकार का ध्यान किस ओर है ,यह परिवार काफी गरीब है ये बच्चे जीना चाहते हैं म.प्र. सरकार मामले को संज्ञान लेकर में इन लोगों के बेहतर इलाज का प्रबंध कराये
— Manoj KAKA (@ManojSinghKAKA) August 31, 2024
ये पूरा परिवार एक बीमारी से ग्रसित है… pic.twitter.com/zAMJ0V0RnM
एक ही परिवार के 5 सदस्य इस दुर्लभ रोग से ग्रसित
रीवा जिले के त्योंथर विधानसभा में 9 सदस्यों का एक परिवार रहता है. परिवार के मुखिया रामनरेश यादव (61) वर्ष और उनकी एक बेटी और तीन बेटे एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. इस बीमारी का नाम 'मस्कुलर डिस्ट्रॉफी' है. रामनरेश के अंदर बीमारी के आंशिक लक्षण थे. जन्म के बाद उनकी बेटी सुशीला यादव (39) के अन्दर भी यह बीमारी आ गई. इसके बाद 1998 से 2003 के बीच में उनके तीन बेटों अनीश यादव (26), मनीष यादव (24) और मनोज यादव (20)का जन्म हुआ. जैसे ही तीनों के शरीर का विकास शुरू हुआ वैसे-वैसे इनके अंदर भी बीमारी के लक्षण दिखने लगे. तीनों बच्चों का शरीर सूखने लगा. हालांकि रामनरेश के दोनों बड़े बेटे और एक बेटी पर इस रोग का असर नहीं हुआ.
बीमारी के बारे में कैसे पता चला
लगातार बीमारी के आगोश में समा रहे तीनों भाईयों को उनके नाना 2006 में इलाज के लिए दिल्ली एम्स लेकर गए. वहां बीमारी का पता लगाने के लिए उनका सैंपल कलेक्ट कर अमेरिका भेजा गया. वहां से आई जांच रिपोर्ट में इस दुर्लभ बीमारी का पता चला. एम्स के डॉक्टरों ने जर्मनी में इसके इलाज होने की जानकारी दी. मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले रामनरेश यादव के लिए जर्मनी जाकर इलाज कराना संभव नहीं था. उन्होंने आम लोगों से लेकर नेताओं तक से मदद मांगी. 2019 में संभागायुक्त अशोक भार्गव ने रीवा मेडिकल कॉलेज में दोबारा जांच कराई तो फिर से वही बीमारी सामने आई. डॉक्टरों ने कहा कि यदि वे शादी करेंगे तो यह बीमारी उनके होने वाले बच्चों में भी पहुंच जाएगी. जिस वजह से तीनों भाई और बहन की शादी नहीं हुई.
एक साल पहले शिवराज सिंह चौहान ने इलाज का दिलाया था भरोसा
परिवार सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा. 2023 में यह बात तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पता चली. उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए. इनका इलाज कराने की जिम्मेदारी ली. शिवराज सिंह ने पीड़ित मनीष यादव से फोन करके बीमारी के बारे में जानकारी ली. उन्होंने पूरे परिवार को इलाज का भरोसा भी दिलाया. इलाज के लिए कलेक्टर के माध्यम से सारी तैयारियां भी की जाने लगी लेकिन न जाने क्यों अभी तक इनका इलाज नहीं हो पाया है. अब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने सोशल मीडिया पर इनका वीडियो शेयर कर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से इनके इलाज की मांग की है. उन्होंन पोस्ट में मोहन यादव को टैग करते हुए मुख्यमंत्री कोष से परिवार की मदद करने की मांग की है.
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क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान शारीरिक रूप कमजोर पड़ने लगता है. मसल्स सिकुड़ने लगती है और बाद में यह टूटने लगती है. डॉक्टरों के अनुसार यह एक तरह का आनुवंशिक रोग है. इससे पीड़ित रोगी के शरीर में लगातार कमजोरी आने लगती है. उनकी मांसपेशियों का विकास रुक जाता है. यह सबसे पहले कूल्हे के आसपास की मांसपेशियों और पैर की पिंडलियों को कमजोर करती है. बढ़ती उम्र के साथ यह कमर और बाजू की मांसपेशियों को भी प्रभावित करना शुरू कर देती है.