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पापा एक्सीडेंट हो गया, ...नोएडा में वॉयस क्लोनिंग कर रिटायर्ड दरोगा से दो लाख की ठगी - Voice Cloning fraud - VOICE CLONING FRAUD

Voice Cloning fraud: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के सहारे अमेरिका में रह रहे युवक की आवाज निकालकर साइबर जालसाजों ने यूपी पुलिस से रिटायर्ड एसआई के साथ दो लाख रुपये की ठगी कर ली.

वॉयस क्लोनिंग कर रिटायर्ड दारोगा से दो लाख की ठगी
वॉयस क्लोनिंग कर रिटायर्ड दारोगा से दो लाख की ठगी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 12, 2024, 7:09 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में वॉयस क्लोनिंग का साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. ताजा मामला थाना सेक्टर-20 क्षेत्र से सामने आया है, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर जालसाजों ने उत्तर प्रदेश पुलिस से रिटायर्ड एसआई के साथ दो लाख रुपए की ठगी कर ली. वॉयस क्लोनिंग का यह शहर में दूसरा मामला है. थाना सेक्टर-20 पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, अमेरिका में नौकरी कर रहे व्यक्ति के रोने की आवाज जालसाजों ने इस तकनीक के जरिए शिकायतकर्ता को सुनाई, ताकि उसे डराकर पैसे ऐंठे जा सकें. पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-20 निवासी रणजीत सिंह ने बताया कि वह नोएडा में पुलिस विभाग के एसआई पद से रिटायर्ड हैं. रणजीत के साले का बेटा अमेरिका में रहकर नौकरी करता है. बचपन से वह रणजीत के साथ ही रहा था, ऐसे में वह उसको पापा बोलता है.

पांच अप्रैल को रणजीत के पास अनजान नंबर से एक कॉल आई. कॉल उसके अमेरिका में नौकरी करने वाले साले के बेटे की थी. बेटे ने कहा कि उसका अमेरिका में एक्सीडेंट हो गया है. उसने एक वकील किया है. इसके लिए उसे दो लाख रुपये की आवश्यकता है. उसने अधिवक्ता का खाता नंबर भी दिया. इसके बाद शिकायतकर्ता ने संबंधित खाते में दो लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. जब शिकायतकर्ता ने बेटे का हालचाल लेने के लिए उसके दोस्त को फोन किया तो पता चला कि उसके बेटे को कुछ नहीं हुआ. बेटे से बात करने के बाद शिकायतकर्ता को ठगी की जानकारी हुई.

दोबारा कॉल करने पर नंबर हुआ बंद: शिकायतकर्ता ने जब दोबारा जालसाज के नंबर पर कॉल की तो वह बंद आने लगा. जिस खाते में रकम ट्रांसफर हुई है, पुलिस उन खातों की जानकारी जुटा रही है. बता दें, इससे पूर्व वॉयस क्लोनिंग का मामला थाना सेक्टर 39 में जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट आलोक पाण्डेय के साथ हुई थी.

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में वॉयस क्लोनिंग का साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. ताजा मामला थाना सेक्टर-20 क्षेत्र से सामने आया है, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर जालसाजों ने उत्तर प्रदेश पुलिस से रिटायर्ड एसआई के साथ दो लाख रुपए की ठगी कर ली. वॉयस क्लोनिंग का यह शहर में दूसरा मामला है. थाना सेक्टर-20 पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, अमेरिका में नौकरी कर रहे व्यक्ति के रोने की आवाज जालसाजों ने इस तकनीक के जरिए शिकायतकर्ता को सुनाई, ताकि उसे डराकर पैसे ऐंठे जा सकें. पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-20 निवासी रणजीत सिंह ने बताया कि वह नोएडा में पुलिस विभाग के एसआई पद से रिटायर्ड हैं. रणजीत के साले का बेटा अमेरिका में रहकर नौकरी करता है. बचपन से वह रणजीत के साथ ही रहा था, ऐसे में वह उसको पापा बोलता है.

पांच अप्रैल को रणजीत के पास अनजान नंबर से एक कॉल आई. कॉल उसके अमेरिका में नौकरी करने वाले साले के बेटे की थी. बेटे ने कहा कि उसका अमेरिका में एक्सीडेंट हो गया है. उसने एक वकील किया है. इसके लिए उसे दो लाख रुपये की आवश्यकता है. उसने अधिवक्ता का खाता नंबर भी दिया. इसके बाद शिकायतकर्ता ने संबंधित खाते में दो लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. जब शिकायतकर्ता ने बेटे का हालचाल लेने के लिए उसके दोस्त को फोन किया तो पता चला कि उसके बेटे को कुछ नहीं हुआ. बेटे से बात करने के बाद शिकायतकर्ता को ठगी की जानकारी हुई.

दोबारा कॉल करने पर नंबर हुआ बंद: शिकायतकर्ता ने जब दोबारा जालसाज के नंबर पर कॉल की तो वह बंद आने लगा. जिस खाते में रकम ट्रांसफर हुई है, पुलिस उन खातों की जानकारी जुटा रही है. बता दें, इससे पूर्व वॉयस क्लोनिंग का मामला थाना सेक्टर 39 में जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट आलोक पाण्डेय के साथ हुई थी.

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