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छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट सेक्टर में नहीं चलेगी मनमानी, रेरा ने की बड़ी मीटिंग

छत्तीसगढ़ में फ्लैट खरीदने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. अब रियल एस्टेट सेक्टर में ट्रांसपेरेंसी बढ़ाई जाएगी

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 3 hours ago

TRANSPARENCY IN REAL ESTATE
छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट सेक्टर (ETV BHARAT)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट सेक्टर में नियम कायदों को सख्त करने के मकसद से रायपुर में रेरा की मीटिंग मंगलवार को की गई. इस बैठक में बैंक अधिकारियों के साथ साथ बिल्डर्स और क्रेडाई के सदस्यों ने हि्ससा लिया. रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में यह मीटिंग की गई है. इस अहम बैठक में छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला मौजूद रहे.

कई बैंक अधिकारी और रेरा चीफ ने ली बैठक: रियल एस्टेट में मनमानी को दूर करने और लोगों के लिए सुगम सिस्टम बनाना रेरा का मकसद है. रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में बैंक खातों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना रेरा का उद्देश्य है. जिसकी पूर्ति को लेकर यह मीटिंग की गई. इस मीटिंग में 28 बैंकों के बड़े अधिकारी और रायपुर बिलासपुर क्रेडाई के सदस्यों ने हिस्सा लिया.

रेरा के अध्यक्ष ने क्या कहा?: इस मीटिंग में रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने कहा कि इस मीटिंग का उद्देश्य पारदर्शिता लाना है. जिसके तहत रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिए बैंकों के खाता संचालन रेरा के नियमों के अनुसार हो. रेरा ने कई अवसरों पर पाया है कि कुछ बैंकों द्वारा खातों के संचालन में गड़बड़ी है. जिससे निवेशकों और बैंकों के हितों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है. ऐसे में इसके लिए बैंकों को कड़ाई से नियम पालन पर जोर देना चाहिए.

रेरा के नियमों के अनुसार किसी भी प्रोजेक्ट के लिए तीन प्रकार के खाते जरूरी होते हैं. कलेक्शन अकाउंट में जमा राशि का 70 प्रतिशत रेरा डेजिग्नेटेड खाते और 30 प्रतिशत राशि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट से संबंधित खाते में ट्रांसफर किया जाता है. रेरा खाते में जमा 70 प्रतिशत राशि समय-समय पर बिल्डर की तरफ से कार्य की प्रगति के आधार पर बिल्डर के खाते में ट्रांसफर किया जाता है. इससे बिल्डर पैसों का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता है: संजय शुक्ला, छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण रेरा के अध्यक्ष

बैंक रेरा के साथ मिलकर बनाएंगे सॉफ्टवेयर: बैंक रेरा के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर का निर्माण करेंगे. इस बात पर सहमति बनी है. अब देखना होगा कि इस तरह की कवायद से कैसे रेरा प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर को आगे बढ़ाता है.

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कई बैंक अधिकारी और रेरा चीफ ने ली बैठक: रियल एस्टेट में मनमानी को दूर करने और लोगों के लिए सुगम सिस्टम बनाना रेरा का मकसद है. रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में बैंक खातों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना रेरा का उद्देश्य है. जिसकी पूर्ति को लेकर यह मीटिंग की गई. इस मीटिंग में 28 बैंकों के बड़े अधिकारी और रायपुर बिलासपुर क्रेडाई के सदस्यों ने हिस्सा लिया.

रेरा के अध्यक्ष ने क्या कहा?: इस मीटिंग में रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने कहा कि इस मीटिंग का उद्देश्य पारदर्शिता लाना है. जिसके तहत रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिए बैंकों के खाता संचालन रेरा के नियमों के अनुसार हो. रेरा ने कई अवसरों पर पाया है कि कुछ बैंकों द्वारा खातों के संचालन में गड़बड़ी है. जिससे निवेशकों और बैंकों के हितों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है. ऐसे में इसके लिए बैंकों को कड़ाई से नियम पालन पर जोर देना चाहिए.

रेरा के नियमों के अनुसार किसी भी प्रोजेक्ट के लिए तीन प्रकार के खाते जरूरी होते हैं. कलेक्शन अकाउंट में जमा राशि का 70 प्रतिशत रेरा डेजिग्नेटेड खाते और 30 प्रतिशत राशि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट से संबंधित खाते में ट्रांसफर किया जाता है. रेरा खाते में जमा 70 प्रतिशत राशि समय-समय पर बिल्डर की तरफ से कार्य की प्रगति के आधार पर बिल्डर के खाते में ट्रांसफर किया जाता है. इससे बिल्डर पैसों का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता है: संजय शुक्ला, छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण रेरा के अध्यक्ष

बैंक रेरा के साथ मिलकर बनाएंगे सॉफ्टवेयर: बैंक रेरा के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर का निर्माण करेंगे. इस बात पर सहमति बनी है. अब देखना होगा कि इस तरह की कवायद से कैसे रेरा प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर को आगे बढ़ाता है.

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