रायपुर: रायपुर के लक्ष्मीनारायण लाहोटी पेशे से एक सर्राफा व्यापारी हैं. लेकिन कई तरह की चीजों का कलेक्शन करने का इनको शौक है. पुराने सिक्के, पुराने पीतल के गिलास, पुराने लैंडलाइन टेलीफोन के मॉडल जैसे कई चीजों को कलेक्ट करने का ये शौक रखते हैं. हालांकि इस बार उन्होंने गणतंत्र दिवस के 100 साल के इतिहास को 10 के नोट पर दिखाया है. यह एक बेहतरीन कलेक्शन है.
दरअसल, लक्ष्मीनारायण को किसी भी चीज का कलेक्शन करने का शौक इनको विरासत में मिली है. अब तक कई चीजों का कलेक्शन कर 14 वर्ल्ड रिकॉर्ड ये बना चुके हैं. 10 रुपये के इन ओरिजिनल नोटों में 010101 से लेकर 010100 की सीरीज है, जो आज की तारीख में मिलना दुर्लभ है.
जानिए क्या कहते हैं लक्ष्मीनारायण लाहोटी: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के 100 साल के इतिहास के बारे में लक्ष्मीनारायण लाहोटी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि "शुरू से कुछ ना कुछ नया करने और कलेक्शन करने की आदत रही है. नोटों के नंबरों का कलेक्शन करते हुए इस कलेक्शन को पूरा किया. 26 जनवरी 1950 को देश को आजादी मिली थी. 26 जनवरी 1950 गणतंत्र दिवस का प्रथम दिन होने के साथ ही संविधान की शुरुआत हुई थी. संयोग से एक बार नोटों की गड्डी मिली जिसका नंबर 260101 से 260100 था. गणतंत्र दिवस के 100 सालों का इतिहास की प्रेरणा इसी से मिली और मैंने कलेक्शन शुरू कर दिया."
बता दें कि 26 जनवरी 1950 से लेकर अभी तक 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं. आने वाले दिनों में 26 साल बचे हुए हैं. उन्होंने शायराना अंदाज में लिखा है कि, "हम रहे ना रहे नोटों का इतिहास जरूर रहेगा." नोटों के कलेक्शन पिछले कई सालों से उन्होंने किया है. इसमें उनके परिवार का भी पूरा सपोर्ट मिला है, जिसके कारण उन्होंने गणतंत्र दिवस के 100 साल के इतिहास को 10 रुपये के नोट के माध्यम से दर्शाया है. गणतंत्र दिवस के 100 साल के इतिहास को लक्ष्मीनारायण लाहोटी ने एक्रेलिक बोर्ड पर बनाया है. इस बोर्ड का वजन लगभग 12 किलोग्राम है. गणतंत्र दिवस के 100 साल के इस इतिहास को लोगों के सामने 26 जनवरी के दिन सार्वजनिक किया जाएगा.