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क्या कहता है सरगुजा से भाजपा सांसद रही रेणुका सिंह का रिपोर्ट कार्ड? जानिए पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय

Report card of Renuka Singh: सरगुजा से सांसद रही रेणुका सिंह का रिपोर्ट कार्ड क्या कहता है? जानिए पक्ष विपक्ष और पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय...

renuka singh bjp mp from surguja
भाजपा सांसद रेणुका सिंह
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 26, 2024, 6:46 PM IST

Updated : Feb 26, 2024, 9:09 PM IST

रेणुका सिंह का रिपोर्ट कार्ड

सरगुजा: सरगुजा लोकसभा सांसद और केन्द्रीय मंत्री रही रेणुका सिंह प्रेमनगर विधानसभा निवासी हैं. ये राजघराने से आती हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान कई बार ये अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में भी रही. रेणुका सिंह प्रेमनगर विधानसभा सीट से 2 बार विधायक रह चुकी हैं. ये पहली बार साल 2003 में विधायक बनीं. फिर साल 2008 में उन्हें दोबारा सफलता मिली. इसके बाद साल 2019 में रेणुका सिंह को भाजपा ने सरगुजा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया.

एक नजर सांसद के रिपोर्ट कार्ड पर: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रेणुका सिंह ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. इसके बाद मोदी मंत्रिमंडल में भी उन्हें जगह मिली. वो जनजाति मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री बनाई गई. साल 2023 विधानसभा चुनाव में रेणुका सिंह को भरतपुर सीट से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया गया. वो सांसद और मंत्री रहते विधायक बन गई, जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अब फिर साल 2024 का लोकसभा चुनाव होने वाला है. जनता काम के आधार पर राजनीतिक दलों को वोट करेगी. सांसद रही रेणुका सिंह ने 5 साल में क्या किया? इनका रिपोर्ट कार्ड क्या कहता है? इस पर ईटीवी भारत ने पक्ष-विपक्ष समेत राजनीति को समझने वाली पत्रकार से भी बतचीत की है. आइये एक नजर डालते हैं रेणुका सिंह के रिपोर्ट कार्ड पर...

जानिए क्या कहते हैं सांसद प्रतिनिधि: इस बारे में ईटीवी भारत ने सांसद प्रतिनिधि और भाजपा नेता रोचक गुप्ता से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "कई महत्वपूर्ण काम रेणुका सिंह के कार्यकाल में उनके प्रयास से हुए हैं. लंबे समय से अम्बिकापुर बरवाडीह रेल मार्ग विस्तार की मांग होती रही है. इसमें सर्वे के लिए कई बार कार्रवाई हुई. लेकिन इस बार सर्वे के लिए बजट आबंटित हो चुका है. जल्द ही बरवाडीह रेल लाइन की सौगात मिल सकेगी. आजादी के बाद से ही अम्बिकापुर से दिल्ली डायरेक्ट ट्रेन की मांग थी. दिल्ली तक साप्ताहिक ट्रेन शुरू हुई. संसदीय क्षेत्र के दो जिले बलरामपुर और सूरजपुर में सेंट्रल स्कूल की स्वीकृति हो चुकी है. गांव-गांव जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है. ऐसे कई काम हैं, जो मोदी जी पूरे देश में कर रहे है. हमारी सांसद के प्रयास से सरगुजा को भी इसका लाभ मिल रहा है."

कांग्रेस ने सांसद पर सरगुजा को क्षति पहुंचाने का लगाया आरोप: सांसद के बारे में ईटीवी भारत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी श्रीवास्तव से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, " एक भी ऐसा काम सांसद ने नहीं किया है जिसे बताया जा सके. उल्टा उन्होंने बरवाडीह रेल मार्ग विस्तार के नाम पर एक चिट्ठी दिखाकर लोगों को गुमराह किया है, जबकी दो छोटी रेल परियोजना की मांग है .रेनुकूट और कोरबा को जोड़ने की. उस पर कोई काम नहीं किया इन्होंने. इन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर सरगुजा को क्षति पहुंचाई. एक मंत्री जो सरगुजा का प्रतिनिधित्व करती थी, उससे भी इन्होंने इस्तीफा दे दिया. विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बन गई. प्रचार में सीएम दीदी कहकर खुद को प्रचारित कराया. कांग्रेस की सरकार में अर्जुन सिंह जब मानव संसाधन मंत्री थे, तो उन्होंने जनजातीय समाज के लिए जनजातीय सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुलवाई. अमरकंटक के पास पोड़ी में ये इतना विशाल है कि इसको देखकर ही लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं. इसकी एक शाखा अम्बिकापुर के मैनपाट में खोलने की मांग लगातार कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री करते रहे, लेकिन रेणुका सिंह ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया. जबकी वो जनजाति कार्य मंत्री रही."

जानिए क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट: इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट अनंगपाल दीक्षित से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, "एक तो इनका कार्यकाल मान लीजिए साढ़े चार साल ही रहा क्योंकि हमारी सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री विधायक बन गई. यहां की जनता ने एक मुखर महिला समझकर उन्हें बड़े अंतर से जीत दिलाकर यहां से दिल्ली भेजा था. स्व. लरंग साय के बाद पहली बार एक महिला यहां से मंत्री बनी थी. लेकिन दुर्भाग्य था कि वो संसद में यहां के लोगों की आवाज नहीं उठा सकीं. एक साप्ताहिक ट्रेन की उपलब्धि को छोड़ दें तो कोई उपलब्धि नहीं रही. वो भी अगर उनकी उपलब्धि रही हो तो. यहां सांसद रहते वो सेंट्रल यूनिवर्सिटी ला सकती थी क्योंकि सरगुजा यूनिवर्सिटी का हाल बुरा है. 13 साल में भवन तक नही बन सका है. सेंट्रल लाइब्रेरी ला सकती थी. यहां के लोगों में रेनुकूट तक रेल मार्ग के लिए अम्बिकापुर से रेनुकूट तक पैदल मार्च किया. लगा कि सांसद इस मांग को संसद में उठाएंगी लेकिन वो अलग ही जाकर बरवाडीह रेल लाइन का प्रयास करने लगी जबकि रेनुकूट रेल लाइन मिलना आसान था. लोग भी यही चाहते हैं क्योंकि रेनुकूट से कहीं की भी रेल ट्रैक मिल जाएगी."

रेणुका सिंह के रिपोर्ट कार्ड पर अगर हम गौर करें तो विपक्ष के साथ ही पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय भी संतोषजनक नहीं है. वहीं, सांसद प्रतिनिधि ने सरगुजा को लाभ मिलने की बात कही है. हालांकि पॉलिटिकल एक्सपर्ट और विपक्ष की राय उलट है. ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में पार्टी रेणुका सिंह पर भरोसा जताती है या नहीं. वहीं, पार्टी के बाद जनता का उनको सहयोग मिलेगा या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बतलाएगा.

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रेणुका सिंह का रिपोर्ट कार्ड

सरगुजा: सरगुजा लोकसभा सांसद और केन्द्रीय मंत्री रही रेणुका सिंह प्रेमनगर विधानसभा निवासी हैं. ये राजघराने से आती हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान कई बार ये अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में भी रही. रेणुका सिंह प्रेमनगर विधानसभा सीट से 2 बार विधायक रह चुकी हैं. ये पहली बार साल 2003 में विधायक बनीं. फिर साल 2008 में उन्हें दोबारा सफलता मिली. इसके बाद साल 2019 में रेणुका सिंह को भाजपा ने सरगुजा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया.

एक नजर सांसद के रिपोर्ट कार्ड पर: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रेणुका सिंह ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. इसके बाद मोदी मंत्रिमंडल में भी उन्हें जगह मिली. वो जनजाति मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री बनाई गई. साल 2023 विधानसभा चुनाव में रेणुका सिंह को भरतपुर सीट से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया गया. वो सांसद और मंत्री रहते विधायक बन गई, जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अब फिर साल 2024 का लोकसभा चुनाव होने वाला है. जनता काम के आधार पर राजनीतिक दलों को वोट करेगी. सांसद रही रेणुका सिंह ने 5 साल में क्या किया? इनका रिपोर्ट कार्ड क्या कहता है? इस पर ईटीवी भारत ने पक्ष-विपक्ष समेत राजनीति को समझने वाली पत्रकार से भी बतचीत की है. आइये एक नजर डालते हैं रेणुका सिंह के रिपोर्ट कार्ड पर...

जानिए क्या कहते हैं सांसद प्रतिनिधि: इस बारे में ईटीवी भारत ने सांसद प्रतिनिधि और भाजपा नेता रोचक गुप्ता से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "कई महत्वपूर्ण काम रेणुका सिंह के कार्यकाल में उनके प्रयास से हुए हैं. लंबे समय से अम्बिकापुर बरवाडीह रेल मार्ग विस्तार की मांग होती रही है. इसमें सर्वे के लिए कई बार कार्रवाई हुई. लेकिन इस बार सर्वे के लिए बजट आबंटित हो चुका है. जल्द ही बरवाडीह रेल लाइन की सौगात मिल सकेगी. आजादी के बाद से ही अम्बिकापुर से दिल्ली डायरेक्ट ट्रेन की मांग थी. दिल्ली तक साप्ताहिक ट्रेन शुरू हुई. संसदीय क्षेत्र के दो जिले बलरामपुर और सूरजपुर में सेंट्रल स्कूल की स्वीकृति हो चुकी है. गांव-गांव जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है. ऐसे कई काम हैं, जो मोदी जी पूरे देश में कर रहे है. हमारी सांसद के प्रयास से सरगुजा को भी इसका लाभ मिल रहा है."

कांग्रेस ने सांसद पर सरगुजा को क्षति पहुंचाने का लगाया आरोप: सांसद के बारे में ईटीवी भारत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी श्रीवास्तव से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, " एक भी ऐसा काम सांसद ने नहीं किया है जिसे बताया जा सके. उल्टा उन्होंने बरवाडीह रेल मार्ग विस्तार के नाम पर एक चिट्ठी दिखाकर लोगों को गुमराह किया है, जबकी दो छोटी रेल परियोजना की मांग है .रेनुकूट और कोरबा को जोड़ने की. उस पर कोई काम नहीं किया इन्होंने. इन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर सरगुजा को क्षति पहुंचाई. एक मंत्री जो सरगुजा का प्रतिनिधित्व करती थी, उससे भी इन्होंने इस्तीफा दे दिया. विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बन गई. प्रचार में सीएम दीदी कहकर खुद को प्रचारित कराया. कांग्रेस की सरकार में अर्जुन सिंह जब मानव संसाधन मंत्री थे, तो उन्होंने जनजातीय समाज के लिए जनजातीय सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुलवाई. अमरकंटक के पास पोड़ी में ये इतना विशाल है कि इसको देखकर ही लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं. इसकी एक शाखा अम्बिकापुर के मैनपाट में खोलने की मांग लगातार कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री करते रहे, लेकिन रेणुका सिंह ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया. जबकी वो जनजाति कार्य मंत्री रही."

जानिए क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट: इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट अनंगपाल दीक्षित से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, "एक तो इनका कार्यकाल मान लीजिए साढ़े चार साल ही रहा क्योंकि हमारी सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री विधायक बन गई. यहां की जनता ने एक मुखर महिला समझकर उन्हें बड़े अंतर से जीत दिलाकर यहां से दिल्ली भेजा था. स्व. लरंग साय के बाद पहली बार एक महिला यहां से मंत्री बनी थी. लेकिन दुर्भाग्य था कि वो संसद में यहां के लोगों की आवाज नहीं उठा सकीं. एक साप्ताहिक ट्रेन की उपलब्धि को छोड़ दें तो कोई उपलब्धि नहीं रही. वो भी अगर उनकी उपलब्धि रही हो तो. यहां सांसद रहते वो सेंट्रल यूनिवर्सिटी ला सकती थी क्योंकि सरगुजा यूनिवर्सिटी का हाल बुरा है. 13 साल में भवन तक नही बन सका है. सेंट्रल लाइब्रेरी ला सकती थी. यहां के लोगों में रेनुकूट तक रेल मार्ग के लिए अम्बिकापुर से रेनुकूट तक पैदल मार्च किया. लगा कि सांसद इस मांग को संसद में उठाएंगी लेकिन वो अलग ही जाकर बरवाडीह रेल लाइन का प्रयास करने लगी जबकि रेनुकूट रेल लाइन मिलना आसान था. लोग भी यही चाहते हैं क्योंकि रेनुकूट से कहीं की भी रेल ट्रैक मिल जाएगी."

रेणुका सिंह के रिपोर्ट कार्ड पर अगर हम गौर करें तो विपक्ष के साथ ही पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय भी संतोषजनक नहीं है. वहीं, सांसद प्रतिनिधि ने सरगुजा को लाभ मिलने की बात कही है. हालांकि पॉलिटिकल एक्सपर्ट और विपक्ष की राय उलट है. ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में पार्टी रेणुका सिंह पर भरोसा जताती है या नहीं. वहीं, पार्टी के बाद जनता का उनको सहयोग मिलेगा या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बतलाएगा.

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Last Updated : Feb 26, 2024, 9:09 PM IST
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