नई दिल्लीः पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी. एडिशनल सेशंस जज देवेंदर कुमार जांगला की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान ईडी ने नियमित जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अरोड़ा के खिलाफ ईओडब्ल्यू, दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और यूपी पुलिस की ओर से सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ 23 एफआईआर दर्ज किए गए हैं.
ईडी के मुताबिक, सुपरटेक ने जो पैसे जुटाए वो ग्रुप की दूसरी कंपनियों में लगा दिया और संपत्तियों की खरीदारी की. ऐसा कर आरोपियों ने गैरकानूनी तरीके से काफी संपत्ति अर्जित की. ईडी ने अरोड़ा को 27 जून को 2023 गिरफ्तार किया था. 16 जनवरी को कोर्ट ने अरोड़ा को स्वास्थ्य के आधार पर 30 दिनों की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.
अरोड़ा की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा था कि कि उनकी तबीयत खराब है और बीमारी की वजह से वो काफी कमजोर हो गए हैं. मीर ने कहा था कि हिरासत के दौरान अरोड़ा का वजन 10 किलोग्राम कम हो गया है. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने रीढ़ की हड्डी में तीन स्थानों पर समस्या बताया है. साथ ही सर्जरी करने का सुझाव दिया है. सर्जरी के लिए अस्पताल ने काफी लंबी डेट दी है. याचिका में कहा गया था कि जेल प्रशासन के कहने पर उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल चेकअप के लिए भेजा गया था.
26 सितंबर को कोर्ट ने आरके अरोड़ा के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी ने अरोड़ा के अलावा सुपरटेक लिमिटेड, नेहा तलरेजा, मेसर्स सर्व रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एएसपी सरिन रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स पलास बिल्डिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, गुडटाइम बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स दामोदर बिल्डइंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड, दून वैली टेक्नोपॉलिस प्राइवेट लिमिटेड और आरके अरोड़ा फैमिली ट्रस्ट को आरोपी बनाया है.