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यूपी में लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए अब रजिस्ट्रेशन हुआ जरूरी, यह खास डिवाइस भी लगानी होगी - ELEVATORS ESCALATORS REGISTRATION

बहुमंजिला इमारतों और अधिष्ठानों में लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए योगी कैबिनेट ने विद्युत सुरक्षा निदेशालय (Directorate of Electrical Safety) में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा लिफ्ट में रेस्क्यू डिवाइस भी लगानी होगी.

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और सीएम योगी आदित्यनाथ.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और सीएम योगी आदित्यनाथ. (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 9:44 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. बिना रजिस्ट्रेशन के लिफ्ट और एस्केलेटर नहीं लगाए जा सकेंगे. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिफ्ट में रेस्क्यू डिवाइस भी लगाना अनिवार्य कर दिया है. यह फैसला मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट मीटिंग में लिया गया है.

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों और अधिष्ठानों में लगीं लिफ्ट और एस्केलेटर में दुर्घटना के दौरान नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से मंत्रि परिषद ने लिफ्ट और एस्केलेटर नियमावली-2024 को मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके पहले लिफ्ट और एस्केलेटर के विनिर्माण, निर्माण, गुणवत्ता, अंतरनिहित सुरक्षा सुविधाएं, संस्थापना, संचालन और अनुरक्षण को लेकर 26 फरवरी को विधानमंडल ने लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम-2024 पारित किया था. इस अधिनियम की धारा-19 के तहत लिफ्ट और एस्केलेटर के संचालन, मशीनरी, उपकरण के रखरखाव के लिए नियमावली तय की गई.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिना पंजीकरण के अब किसी भी परिसर में लिफ्ट और एस्केलेटर नहीं लगाए जा सकेंगे. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर पहले पंजीकरण कराना होगा. लिफ्ट या एस्केलेटर का अधिष्ठापन और कमीशनिंग पूर्ण होने के बाद निर्धारित शुल्क जमा करते हुए निदेशक विद्युत सुरक्षा के पास ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा.

ऐसे रजिस्ट्रेशन की अवधि लिफ्ट या एस्केलेटर विनिर्माता की तरफ से तय की गई अवधि तक विधिमान्य होगी. अगर भवन में अधिष्ठापित लिफ्ट या एस्केलेटर में कोई बदलाव किया जाना हो, तो इसके लिए नया पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा. प्रदेश में किसी भी परिसर में पूर्व से स्थापित लिफ्ट या एस्केलेटर का भी छह माह के अंदर अब ऑनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक होगा.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इसी प्रकार नियमावली में व्यवस्था है कि लिफ्ट व एस्केलेटर के वार्षिक अनुरक्षण के लिए अभिकरण के लिए शामिल सभी एजेंसियों को भी निदेशक, विद्युत सुरक्षा विकास आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. नियमावली के प्रावधानों के तहत बिजली आपूर्ति बाधित होने या किसी खराबी की स्थिति में लिफ्ट के अंदर फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए लिफ्ट में ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस लगाया जाना अनिवार्य होगा, जिससे कि दुर्घटना के समय लोगों को बचाया जा सकेगा. सार्वजनिक परिसर में लिफ्ट या एस्केलेटर को संचालित करने के लिए मालिक अपना संचालक नियुक्त करेगा. वार्षिक अनुरक्षण संविदा (एएमसी) के लिए पर्याप्त संख्या में सक्षम अर्ह और प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ लगाया जाना अनिवार्य होगा.

यह भी पढ़ें : लिफ्ट हादसों पर लगेगी लगाम, यूपी में पास हुआ लिफ्ट एक्ट, इन नियमों का रखना होगा ध्यान

यह भी पढ़ें : लापरवाही की हद: लखनऊ के चारबाग स्टेशन में करोड़ों का एस्केलेटर और लिफ्ट बने शोपीस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. बिना रजिस्ट्रेशन के लिफ्ट और एस्केलेटर नहीं लगाए जा सकेंगे. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिफ्ट में रेस्क्यू डिवाइस भी लगाना अनिवार्य कर दिया है. यह फैसला मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट मीटिंग में लिया गया है.

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों और अधिष्ठानों में लगीं लिफ्ट और एस्केलेटर में दुर्घटना के दौरान नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से मंत्रि परिषद ने लिफ्ट और एस्केलेटर नियमावली-2024 को मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके पहले लिफ्ट और एस्केलेटर के विनिर्माण, निर्माण, गुणवत्ता, अंतरनिहित सुरक्षा सुविधाएं, संस्थापना, संचालन और अनुरक्षण को लेकर 26 फरवरी को विधानमंडल ने लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम-2024 पारित किया था. इस अधिनियम की धारा-19 के तहत लिफ्ट और एस्केलेटर के संचालन, मशीनरी, उपकरण के रखरखाव के लिए नियमावली तय की गई.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिना पंजीकरण के अब किसी भी परिसर में लिफ्ट और एस्केलेटर नहीं लगाए जा सकेंगे. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर पहले पंजीकरण कराना होगा. लिफ्ट या एस्केलेटर का अधिष्ठापन और कमीशनिंग पूर्ण होने के बाद निर्धारित शुल्क जमा करते हुए निदेशक विद्युत सुरक्षा के पास ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा.

ऐसे रजिस्ट्रेशन की अवधि लिफ्ट या एस्केलेटर विनिर्माता की तरफ से तय की गई अवधि तक विधिमान्य होगी. अगर भवन में अधिष्ठापित लिफ्ट या एस्केलेटर में कोई बदलाव किया जाना हो, तो इसके लिए नया पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा. प्रदेश में किसी भी परिसर में पूर्व से स्थापित लिफ्ट या एस्केलेटर का भी छह माह के अंदर अब ऑनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक होगा.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इसी प्रकार नियमावली में व्यवस्था है कि लिफ्ट व एस्केलेटर के वार्षिक अनुरक्षण के लिए अभिकरण के लिए शामिल सभी एजेंसियों को भी निदेशक, विद्युत सुरक्षा विकास आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. नियमावली के प्रावधानों के तहत बिजली आपूर्ति बाधित होने या किसी खराबी की स्थिति में लिफ्ट के अंदर फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए लिफ्ट में ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस लगाया जाना अनिवार्य होगा, जिससे कि दुर्घटना के समय लोगों को बचाया जा सकेगा. सार्वजनिक परिसर में लिफ्ट या एस्केलेटर को संचालित करने के लिए मालिक अपना संचालक नियुक्त करेगा. वार्षिक अनुरक्षण संविदा (एएमसी) के लिए पर्याप्त संख्या में सक्षम अर्ह और प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ लगाया जाना अनिवार्य होगा.

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