पटनाः सक्षमता परीक्षा 6 मार्च यानी कल बुधवार को खत्म हो गई है, परीक्षा के लिए आवेदन करते समय नियोजित शिक्षकों को अपना एसटेट, बीटेट, सीटेट का सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य था. इसी दौरान एक मामला नवादा जिले से संज्ञान में आया कि कई ऐसे शिक्षक हैं, जिनके पात्रता सर्टिफिकेट पर एक से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया है.
शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी उजागरः शिक्षा विभाग ने इसको लेकर अंदरूनी जांच की और ऐसे 860 शिक्षक मिले हैं, जिनके एसटेट, बीटेट, सीटेट सर्टिफिकेट पर एक से अधिक शिक्षक विभिन्न जिलों में कार्यरत हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कौन शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर काम कर रहे हैं और किनका सर्टिफिकेट ओरिजिनल है. ये पता लगाना भी जरूरी है.
860 नियोजित शिक्षक संदेह के घेरे मेंः इसका पता लगाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने डुप्लीकेट सर्टिफिकेट को लेकर संदेह के घेरे में मिले ऐसे 860 शिक्षकों को अपने पूरे डॉक्यूमेंट के साथ समिति के कार्यालय में पहुंचकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने के लिए निर्देशित दिया है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया गोपनीय ढंग से की जा रही है और यह आज 7 मार्च गुरुवार से शुरू हो गई है जो 21 मार्च तक चलेगी.
विभाग करेगा सर्टिफिकेट की जांचः सीरियल नंबर के आधार पर शिक्षकों को अपने पूरे डॉक्यूमेंट के साथ समिति के कार्यालय पहुंचना है. समिति में अधिकारी सभी का सर्टिफिकेट जांच करेंगे और तय करेंगे कि किसका सर्टिफिकेट ओरिजिनल है और किसका डुप्लीकेट. जिनका सर्टिफिकेट डुप्लीकेट पाया जाएगा उन पर कार्रवाई तय है. बताते चलें कि राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को विभाग ने सक्षमता परीक्षा अनिवार्य कर दिया है.
गलत पाए गए टीचर्स पर होगी कानूनी कार्रवाईः ऐसे में नियोजित शिक्षकों ने राज्यकर्मी बनने के लिए सक्षमता परीक्षा का आवेदन दिया. जिसमें कई शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदेह के घेरे में पाए गए. यह शिक्षक वर्षों से प्रदेश में नौकरी कर रहे हैं और शैक्षणिक कार्य में लगे हैं. बोर्ड से मिली गोपनीय जानकारी के अनुसार अगर जांच के दौरान शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाता है तो इनकी नौकरी जाएगी इसके साथ ही इन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
शिक्षकों के नाम की सूची ईटीवी भारत के पासः बता दें कि एक रोल नंबर पर एक से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. सभी शिक्षकों के नाम की सूची ईटीवी भारत के पास उपलब्ध है. अभी सभी शिक्षक संदेह के दायरे में हैं, ऐसे में निजता के अधिकार का सम्मान करते हुए ईटीवी भारत शिक्षकों का नाम प्रकाशित नहीं कर रहा है.
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