नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 292 डॉक्टर और 234 स्पेशलिस्ट की जगह खाली है. दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को कहा कि पिछले 1 साल में उन्होंने कई बार एलजी विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों को भरने की मांग की. कहा कि यूपीएससी के जरिए मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती में लंबा समय लगेगा. ऐसे में डॉक्टरों को कॉन्ट्रैक्ट बेस पर रखा जाए. कई बार पत्र लिखने के बावजूद षड्यंत्र के तहत अस्पतालों में मेडिकल और पैरामेडिकल के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है.
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स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा डॉक्टर्स व स्पेशलिस्ट्स की कमी की वजह से मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली में आसपास के राज्यों के लोग भी बड़ी उम्मीद से इलाज करने के लिए आते हैं. लेकिन गरीब लोगों को इलाज से वंचित किया जा रहा है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में षड्यंत्र के तहत डॉक्टर्स, स्पेशलिस्ट्स, नर्सेस, एएनएम, ओटी टेक्नीशियन की भर्ती को रोक रखा है.
#WATCH | Delhi minister and AAP leader Saurabh Bharadwaj says, " ...i wrote a letter to lg vinai kumar saxena in april regarding the shortage of doctors... there is a huge shortage of specialist doctors... i again wrote a letter suggesting to recruit the doctors on a contractual… pic.twitter.com/P0LqC3w9cv
— ANI (@ANI) August 4, 2024
खाली पदों पर भर्ती करना उपराज्यपाल के अधीन
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल की तरफ से कहा गया कि दिल्ली में खाली पदों को भरने की जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार की है. यह सुनकर मैं हैरान रह गया. यह काम सीधे तौर पर दिल्ली के उपराज्यपाल का है और उनके अधीन आने वाले विभाग का है. 19 अप्रैल 2023 को मैंने पहली बार उपराज्यपाल को पत्र लिखा. पत्र में कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में 292 जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर्स यानी की एमबीबीएस डॉक्टर की जगह खाली है. इसके साथ ही 234 स्पेशलिस्ट्स की कमी है.
कॉन्ट्रैक्ट बेस पर डॉक्टर को रखने के लिए लिखा पत्र
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैंने पत्र में उपराज्यपाल से कहा कि यूपीएससी के जरिए इन डॉक्टरों की भर्ती में बहुत समय लग जाएगा. ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर डॉक्टर को हायर कीजिए. 2 माह बाद 6 जून को मैंने दोबारा उपराज्यपाल को डॉक्टरों की कमी को लेकर पत्र लिखा और एक साल के लिए डॉक्टर को कॉन्ट्रैक्ट पर हायर करने की अपील की. इसके बाद मैंने एक-एक अस्पताल के हेड को बुलाकर मैंने मीटिंग की. साथ ही काम की पूरी डिटेल्स निकाली. पता चला कि स्टाफ के अभाव में ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. करोड़ों रुपये की मशीनें खड़ी पड़ी हैं. अस्पतालों की पूरी डिटेल्स के साथ मैं 15 पेज की चिट्ठी उपराज्यपाल को लिखी.
किस पोस्ट के लिए कितने प्रतिशत पोस्ट खाली
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक-एक अस्पतालों के साथ बैठक करने के बाद पूरी डिटेल रिपोर्ट तैयार की गई. इसके बाद पता चला कि डॉक्टर की 30 प्रतिशत पोस्ट खाली है. डेंटल सर्जन की 61 प्रतिशत पोस्ट खाली है. नर्स और फार्मासिस्ट की 20 व 33 प्रतिशत पोस्ट खाली है. ओटी टेक्नीशियन लैब टेक्नीशियन, सीएंडएसडी टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्निशियन, पोस्टमार्टम टेक्नीशियन की 1600 पोस्ट खाली हैं, लेकिन डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हायर नहीं किए गए.
नए अस्पतालों के लिए कहां से आएंगे डॉक्टर
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेट्री को 26 जून को दोबारा पत्र लिखा, जिसमें मैंने लिखा कि दिल्ली सरकार के कई हॉस्पिटल बना रहे हैं जिसमें 14000 नए बेड होंगे. लेकिन अस्पतालों को चलाने के लिए जो स्टाफ चाहिए वह नहीं है. लेकिन हेल्थ सेक्रेटरी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद 26 जुलाई को मैंने दोबारा उपराज्यपाल को पत्र लिखा और रिक्त पदों पर कॉन्ट्रैक्ट बेस पर ही भारती करने की मांग की जिससे कि अस्पताल चल सकें. अभी हाल में हाईकोर्ट ने एक कमेटी बनाई और उसे कमेटी के भी जांच में यही सामने आया कि डॉक्टर स्पेशलिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ की बेहद कमी है.
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