नैनीताल: 15 जून को नैनीताल के कैंची धाम स्थित बाबा नीम करौली महाराज के धाम का स्थापना दिवस मनाया जाएगा. बाबा के प्रति बढ़ भक्तों की आस्था और उनके चमत्कारों के बाद धाम में भीड़ उमड़ रही है. जिसे देखते हुए मंदिर प्रबंधन उम्मीद कर रहा है इस बार रिकॉर्ड तोड़ कारीब 4 से 5 लाख भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचेंगे.
4 से पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद: स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग की प्रेरणास्थली बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम का स्थापना दिवस 15 जून को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा. बाबा के प्रति लोगों की बढ़ ही आस्था को देखकर इस बार करीब 4 से 5 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसको लेकर मंदिर प्रशासन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है. कैंची धाम से करीब 10 किलोमीटर पहले से पूरे क्षेत्र को जीरो जोन घोषित कर दिया गया है. यहां किसी भी प्रकार के निजी और दो पहिया वाहनों के आवाजाही पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. भक्तों के धाम तक आने के लिए शटल सेवा की व्यवस्था की गई है. जिससे धाम आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो.
हर साल देश विदेश से आते हैं श्रद्धालु: यूं तो उत्तराखंड देवभूमि है और यहां कण-कण में देवी-देवताओं का निवास माना जाता है. इन्हीं तीर्थ स्थलों में एक है विश्व प्रसिद्ध नैनीताल के कैंची (भवाली) में बना बाबा नीब करौली का धाम. यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कैंची धाम फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के सीईओ रहे स्टीव जॉब्स की प्रेणास्थली भी है. यहां हर साल 15 जून को मंदिर स्थापना दिवस के अवसर पर मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं.
चमत्कारों से भरा बाबा का जीवन: बाबा नीब करौली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. नैनीताल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ वापस नहीं लौटता. यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है. यही कारण है कि देश-विदेश से हजारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं. बाबा नीब करौली के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं. जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गया, जिसके बाद बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से जल भरकर लाया गया. जिसे प्रसाद बनाने के लिए जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया. ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौली महाराज ने अपने भक्त को तपती धूप से बचाने के लिए बादल की छतरी बनाकर उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाया. ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां खिंचे चले आते हैं.
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