कोटा. कांग्रेस से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल पर अवैध खनन का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है. उनके क्रेशर पर कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में मेसनरी स्टोन, डंपर और एलएनटी मशीन को सीज किया गया है. इस पूरे मामले पर प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाया कि मतगणना के पहले सरकार और प्रशासन बौखलाया हुआ है. यह पूरी कार्रवाई भाजपा नेताओं के इशारे पर कोटा के पुलिस अधिकारी के निर्देश पर प्रशासन ने की है.
गुंजल ने आरोप लगाया कि मतगणना के पहले यह लोग इस तरह की कार्रवाई कर हमें उत्तेजित कर रहे हैं, ताकि मुकदमे हो जाएं और मतगणना में इन लोगों को धांधली करने का मौका मिल जाए. गुंजल ने कहा कि दर्ज एफआईआर में धारा 379 किस हिसाब से लगाई गई है, जबकि यह पत्थर ही मेरा है. ऐसे में मेरे ही पत्थर की चोरी का इल्जाम मुझ पर लगाया जा रहा है. बदले की नीयत से अवैध कार्रवाई शुरू की है. गुंजल ने कहा कि ओम बिरला ने हार मान ली है. ऐसा लगता है कि सारा प्रशासन पंगु हो गया है.
एक-एक इंच जमीन मेरी : गुंजल ने बताया कि राजाराम नाम के व्यक्ति ने इस जमीन का स्पेसिफिक क्रेशर के लिए कन्वर्जन साल 2010 में करवाया था. यह पूरी प्रक्रिया और एनओसी तत्कालीन एसडीएम लाडपुरा ने किया था. इसके बाद यह कन्वर्ट हुई जमीन को हमने खरीद ली. उन्होंने कहा कि 'मेरी पत्नी जय कंवर के नाम यह रजिस्ट्री हुई है. हम इस पर 2015 तक क्रेशर नहीं लगा पाए, जिसके बाद सरकार से अवधि विस्तार की छूट ली और 2016 से यहां पर क्रेशर को ऑपरेट कर रहे हैं. कोरोना के समय को छोड़कर यह चल रहा है. हमारे पास 2018 तक की एनवायरमेंट क्लीयरेंस है. इसके बाद क्रेशर चलाने के लिए कोई सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. पूरा क्रेशर भी मेरी ही जमीन पर है. सभी विभाग चाहे तो मीडिया की मौजूदगी में इस जमीन को नाप सकते हैं'. गुंजल ने कहा कि आने वाले दिनों में बारिश आ रही है, ऐसे में डंपिंग के लिए कुछ पत्थर हमने यूआईटी की जमीन पर डाल दिए थे.
सब पर कार्रवाई करवाऊंगा : गुंजल आरोप लगाया कि "दबाव में गलत काम करने वाले अधिकारियों को बाद में भुगतना पड़ेगा. हमारा सारा काम नियमों के दायरे में है. ये बिल्कुल भी गैर कानूनी नहीं है. मेरे क्रेशर के चारों तरफ खातेदार हैं. मैं 4 जून को मतगणना के बाद चुनाव का परिणाम कुछ भी हो, लेकिन कौन सी फैक्ट्री ने जंगलात पर कब्जा किया है, जिले में कितने क्रेशर अवैध चल रहे हैं, सब पर कार्रवाई करवाऊंगा. मैं आर-पार की लड़ाई लड़ूंगा. प्रशासन को पारदर्शिता से एक-एक कार्रवाई के लिए मजबूर कर दूंगा."