रांची: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन से की है. झारखंड भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सह संयोजक तारिक इमरान ने कहा कि भ्रष्ट्राचार और अपने पीए के नौकर के यहां से मिले करोड़ों रुपये की बरामदगी के बाद जब प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुए है. ऐसे में पहले तो नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था, अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन तत्काल उन्हें बर्खास्त करें.
इस्तीफा देने की कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं- कांग्रेस
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद उनकी बर्खास्तगी की मांग को बेतुका बताते हुए, झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि भाजपा नेताओं को बेचैन नहीं होना चाहिए. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से इस्तीफे की संवैधानिक बाध्यता नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने संवैधानिक मर्यादा को ताक पर रख दिया है बावजूद इसके आगे की रणनीति वरिष्ठ नेता बनायेंगे. सोनाल शांति ने कहा कि विकास करने वाले को भाजपा जेल भेज रही है, जनता यह जान गई है.
नहीं देना चाहिए इस्तीफा- झामुमो
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता प्रो. अशोक सिंह ने कहा कि आलमगीर आलम की गिरफ्तारी सहित तमाम घटनाक्रम पर सरकार और पार्टी की नजर है. मुख्यमंत्री और महागठबंधन के बड़े नेताओं को आगे की रणनीति तय करनी है लेकिन झामुमो का मानना है कि दोष साबित होने तक इस्तीफा नहीं देना चाहिए. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि मंत्री आलमगीर आलम को ईडी द्वारा कार्रवाई के तहत गिरफ्तारी के मामले में पार्टी गंभीर है. भाजपा इससे पूर्व भी कई प्रदेश में अपने करीबी कारपोरेट के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का हथकंडा अपना चुकी है. ईडी को न्यायालय के समक्ष स्पष्ट जवाब देना होगा. मंत्री आलमगीर आलम के मामले में हम न्यायालय की शरण में जाएंगे. भाजपा को इस तरह की कार्रवाई से झारखंड में कोई लाभ नहीं मिलने वाला.
ये भी पढे़ं-
ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को पीएमएलए कोर्ट में किया पेश, 6 दिन का मिला रिमांड - Minister Alamgir Alam