रांची: हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद लैंड स्कैम में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब पांच महीने बाद जेल से बाहर निकले हैं. हेमंत सोरेन के जेल से बाहर निकलने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं सत्तारुढ दल में खुशी की लहर है. जगह-जगह आतिशबाजी की जा रही है और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता हेमंत सोरेन के जेल से बाहर निकलने के खुशी में लोगों के बीच मिठाई बांट रहे हैं. इन सब के बीच हेमंत सोरेन को लेकर एक बार फिर राज्य में सियासत गर्म है सत्तारुढ दल के नेता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए नहीं थक रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी के अंदर मंथन का दौर जारी है.
विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन का जेल से बाहर निकलना राजनीतिक मायनों से अहम माना जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन हेमंत के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की बात करते हुए कहते हैं कि उनके जेल से बाहर निकलने से पार्टी के साथ-साथ गठबंधन को मजबूती मिली है. उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार कह रहे थे कि जो आरोप लगाए गए हैं वह बेबुनियाद है. क्योंकि जिस जमीन की खरीद की बात की जा रही है वह हेमंत सोरेन के नाम से है ही नहीं. आज न्यायालय ने भी इसे स्वीकारा है और न्याय मिला है.
अंतरिम राहत है दोषमुक्त नहीं हुए हैं हेमंत सोरेन-नेता प्रतिपक्ष
हेमंत सोरेन के जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद इस पर सियासत जारी है. भारतीय जनता पार्टी ने संयमित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह अंतरिम राहत है. अभी दोष मुक्त नहीं हेमंत सोरेन हुए हैं. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने एक तरफ न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है वहीं दूसरी ओर हेमंत सोरेन पर लगे आरोप पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि हर कोई जानता है कि वे जेल क्यों गए थे. हेमंत सोरेन के जेल से बाहर निकलने का कोई प्रभाव विधानसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा झारखंड की जनता हकीकत को जानती है.
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