गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ की नगरी गोरखपुर में इस बार विजयदशमी यानी दशहरे पर रावण के पुतले के दहन में नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि जब रावण के पुतले के सामने भगवान राम की तस्वीर लाई जाएगी, तो वह खुद ब खुद जल उठेगा. ऐसा संभव हो पाएगा AI तकनीक से. इस दशहरा AI तकनीक सें भी रावण के पुतले का दहन कई जगह पर होने जा रहा है.
गोरखपुर के आईटीएम गीडा के छात्र-छात्राओं ने मिलकर AI तकनीक से रावण के पुतले के दहन का पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिससे यह रावण न तो आग से जलेगा और न ही रिमोट से और ना ही मोबाइल फोन से. बस भगवान राम की तस्वीर सामने लाते ही रावण दहन हो जाएगा. बीटेक के पांच छात्र प्रशांत शर्मा, प्रणव शर्मा, अनपूर्णा सिंह, श्रुति पाण्डेय, प्रियांशु शुक्ला ने मिलकर इस AI तकनीक को तैयार किया है.
छात्र प्रशांत शर्मा ने बताया है कि हम नए भारत में नई तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. इसी सोच को ध्यान में रखते हुए हमने इस बार AI रावण बनाया है. रावण के पुतले में हमने कुछ ऐसे सेंसर लगाएं है जो एक खास रेडियो सिग्नल को कैच करता है. इसी तरह हमने भगवान श्रीराम की तस्वीर में भी एक सेंसर लगाया है जो रेडियो सिग्नल को रिसिव करता है.
जैसे ही हम भगवान श्रीराम की तस्वीर रावण के पास लाते हैं तस्वीर में लगा सर्किट सेंसर रावण से निकलने वाली फ्रिवेंसी को पहचान लेता है, जिससे रावण के अंदर सर्किट में एक इलेक्ट्रिकल हीट स्पार्क जनरेट होता है और रावण धू-धूकर जल उठता है.
छात्रा अनपूर्णा ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से हम लोग इस बार विजयादशमी के त्योहार पर AI रावण का पुतला दहन करेंगे. छात्रा श्रुति पाण्डेय ने बताया AI रावण को बनाने में हमें 5 दिन का समय लगा और 11 हजार रुपए का खर्च आया.
संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि कॉलेज के इनोवेशन सेल में कंप्यूटर साइंस के छात्र हों, या फिर अन्य कोर्स के छात्र, वह अपने आईडिया पर शोध करते रहते हैं. इसके पूर्व भी हमारे छात्रों ने देश व समाज हित में कई इनोवेशन किए हैं. इस बार छात्रों ने AI रावण तैयार किया है जिसके माध्यम सें सुरक्षित रहते हुए रावण का पुतला दहन किया जा सकता है.
ITM गीडा के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि AI रावण दहन सिस्टम एक नया और सफल प्रयोग है, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या नहीं होती. छात्रों की इस उपलब्धि पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्यामबिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल आदि ने खुशी जताई है.
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