रतलाम: जनसुनवाई के दौरान रतलाम में एक अनोखा नजारा देखने को मिला. जहां कन्या शिक्षा परिसर की 11वीं और 12वीं कक्षा की 100 से अधिक छात्राओं ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च किया है. छात्राओं के पैदल मार्च की जानकारी मिलने पर जिला मुख्यालय के अधिकारी उन्हें मनाने के लिए रास्ते में पहुंचे, लेकिन छात्राएं नहीं मानी और बताया कि हर बार आश्वासन दिया जाता है, इसलिए हमने ठान लिया है कि कलेक्ट्रेट पहुंचकर हम अपनी मांग रखेंगे.
एक्सपर्ट टीचर की मांग
जनजाति वर्ग की छात्राओं के कक्षा 6 से 12वीं तक की शिक्षा के लिए आवासीय स्कूल कन्या शिक्षा परिसर की स्थापना जिले के जनजाति बहुल क्षेत्र में की गई है. जिसके लिए राज्य और केंद्र सरकार करोड़ों रुपए का खर्च करती है, लेकिन बताया गया कि रतलाम स्थित इस विद्यालय में 11वीं और 12वीं की छात्राओं को पढ़ने के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं की गई है. यह पूरा स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही चल रहा है.
छात्राओं ने 8 किमी तक किया पैदल मार्च
इसकी शिकायत छात्राओं ने पहले भी जनसुनवाई में की थी, लेकिन उनका समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मंगलवार को छात्राओं ने स्कूल परिसर से कलेक्ट्रेट तक करीब 8 किमी तक पैदल मार्च किया. वहीं, इन छात्राओं को मनाने के लिए तहसीलदार, एसडीएम, अपर कलेक्टर और कलेक्टर भी पहुंचे. छात्राएं नहीं मानी और कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी मांग को रखा.
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कलेक्टर ने दिया आश्वासन
कलेक्टर राजेश बाथम ने जल्द से जल्द छात्राओं की समस्याओं का समाधान करने और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया. इसके बाद अपर कलेक्टर शालिनी श्रीवास्तव ने छात्राओं को लेकर कलेक्ट्रेट स्थित कैंटीन पहुंची. जहां उन्हें चाय नाश्ता दिया गया. उन्हें करियर को लेकर भी गाइडेंस दिया. इसके बाद प्रशासन ने छात्राओं को वापस हॉस्टल जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की.
इस संबंध में कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि "शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके और अधीक्षिका के व्यवहार को लेकर शिकायत की गई है. बच्चों ने बेहतर शिक्षक की मांग की है, जिसकी व्यवस्था की जा रही है. वहीं, अधीक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है."