बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो कि जीवन ऊर्जा, आत्मा, पिता, सफलता, विजय, नेतृत्व या प्रशानिक क्षमता व यश कारक होता है. यह पूर्व दिशा, सोने व तांबे का स्वामी होता है. सूर्य के उच्च राशि मेष और नीच राशि तुला होती है, जबकि सिंह इसकी स्वराशि होती है. जन्मकुंडली में अपनी राशि, मित्र राशि या उच्च राशि उपस्थित सूर्य जातक के जीवन में सफलता, ऊर्जा, प्रशासनिक पद, विजय, पिता या उच्च अधिकारियों से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि करता है.
इसके विपरीत अगर जन्म कुंडली में सूर्य शत्रु राशि, नीच राशि या अशुभ ग्रहों से युक्त हो तो सूर्य के जातक को अहंकारी, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित आदि बनाता है. दुर्बल या पीड़ित सूर्य की दशा महादशा में पिता को कष्ट, पराजय, अपयश, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, कार्य मे बाधा, व्यापार में असफ़लता आदि से सामना करना पड़ता है. दुर्बल सूर्य को बल देने हेतु तंत्र मंत्र यंत्र की सहायता ली जा सकती है. बीकानेर के ज्योतिर्विद डॉक्टर आलोक व्यास के अनुसार सूर्य के गोचर परिवर्तन से अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग असर देखने को मिलेगा.
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मेष: पारिवारिक आयोजन, स्थाई संपत्ति का निर्माण, नेत्र अथवा वाणी दोष के योग बनेंगे.
वृषभ: आत्मछवि से असंतोष, एकांतवास, आत्ममनन, व्यय में कमी हो सकती है.
मिथुन: अपव्यय की अधिकता, विदेश में प्रवास, अनिद्रा अथवा मानसिक व्याधि के योग बनेंगे.
कर्क: संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, आय के नए स्रोत, बड़े भाई बहनों से मतभेद की संभावना है.
सिंह: कार्यक्षेत्र में प्रतिकूलता, उच्च अधिकारी अथवा पिता से मतभेद, सामाजिक प्रतिष्ठा से असंतोष देखने को मिलेगा.
कन्या: उच्च अध्ययन के अवसर, धार्मिक क्रियाकलाप, गुरुजनों का आशीर्वाद मिलेगा.
तुला: भय अथवा आशंका, नकारात्मक विचार, गुप्त विद्या की ओर रुझान, ससुराल से असंतोष देखने को मिलेगा.
वृश्चिक: नवसाझेदारी के योग, पत्नी अथवा मित्रों का सहयोग, विवाह अथवा सगाई के अवसर पैदा होंगे.
धनु: शत्रु पक्ष से पीड़ा, दैनिक जीवन में अड़चन, शारीरिक कष्ट, अनावश्यक तर्क वितर्क के योग बनेंगे.
मकर: संतान संबंधी पीड़ा, प्रेम प्रसंग के अवसर, रचनात्मक कार्यों अथवा सट्टेबाजी में रुझान होगा.
कुंभ: गृहस्थान में नवाचार, भूमि/मकान/वाहन का क्रय विक्रय, माता संबंधी पीड़ा, मन में बेचैनी होने के योग हैं.
मीन: आत्मबल में कमी, छोटे भाई बहन अथवा अधीनस्थ से मतभेद, कान या कंधे संबंधी पीड़ा की संभावना है.