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सरिस्का में दिखा गिद्धों का झुंड, दुर्लभ पक्षियों को देख पर्यटक हुए रोमांचित - VULTURES IN SARISKA

Sariska National Park, अलवर के सरिस्का में लंबे समय के बाद गिद्धों का झुंड देखा गया. दुर्लभ पक्षियों को देख पर्यटक रोमांचित हो गए और नजारे को कैमरे में कैद किया.

सरिस्का में दिखा गिद्धों का झुंड
सरिस्का में दिखा गिद्धों का झुंड (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 8, 2024, 10:50 PM IST

क्या कहते हैं जानकार... (ETV Bharat Alwar)

अलवर. देश भर में गिद्धों की संख्या में कमी आई है. इस कारण गिद्धों को विलुप्त प्रजाति में शामिल किया गया है. देश के अन्य स्थानों की तुलना में सरिस्का में गिद्धों का कुनबा बढ़ना सुखद माना जा रहा है. सरिस्का घूमने आए पर्यटकों को गिद्धों का झुंड नजर आया, जिसे देख पर्यटक रोमांचित हो गए. सरिस्का में करनाका बास और ब्रहमनाथ जोहडे में शिकार पर गिद्ध मंडराते दिखे. पर्यटकों ने दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों को मोबाइल में कैद किया.

यहां दिखा गिद्धों का झुंड : नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि सरिस्का में करणाका बास एनिकट के पास लंबे समय बाद गिद्धों का झुंड देखा गया. यहां गिद्ध बाघ के छोड़े गए शिकार को खा रहे थे. भर्तृहरि के आसपास की पहाड़ियों व सरिस्का के मैदान क्षेत्र में गिद्धों के अलग अलग झुंड दिखाई पड़ने लगे हैं. सरिस्का में माइग्रेटरी यूरेशियन और रेड हेड्स दिखाई देते हैं. यूरेशियन गिफ़ोन प्रजाति के गिद्धों के पंख पर सफेद बाल होते हैं, जबकि रेड हेड्स गिद्धों का मुंह लाल होता है.

पढ़ें. सरिस्का में पर्यटकों के सामने पैंथर ने किया लंगूर का शिकार, देखें Video

गिद्ध होते हैं स्वच्छता मित्र : खंडेलवाल ने बताया कि सरिस्का में लंबी चोंच वाले गिद्ध सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. गिद्धों के लिए सरिस्का में कई प्वाइंट बने हैं. इनमें गोपी जोहड, देवरा चौकी, टहला में मानसरोवर बांध, पांडुपोल काली पहाड़ी के पास खड़ी चट्टानें आदि शामिल हैं. जंगल के पारिस्थितिक संतुलन के लिए गिद्धों की मौजूदगी को जरूरी माना गया है. गिद्धों की संख्या में कमी का मुख्य कारण बढ़ता प्रदूषण है, जबकि गिद्धों को पर्यावरण का हितैषी माना जाता है और वे जंगल में संक्रमण रोकने का काम करते हैं. साथ ही सबसे बेहतर स्वच्छता मित्र माने जाते हैं. कारण है कि जंगल में मृत पशुओं की सफाई का कार्य गिद्ध व चीलों की ओर से किया जाता है. हालांकि, पिछले कुछ समय से चील प्रजाति भी विलुप्त होने के कगार पर हैं.

लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि 7 प्रजातियों के गिद्ध राजस्थान में पाए जाते हैं. सरिस्का में भी इनमें से ज्यादा प्रजातियां के गिद्ध मिलते हैं. सरिस्का के जंगल में इंडियन वल्चर प्रजाति के करीब 300 गिद्ध हैं. इसके अलावा इजिप्शियन 100, सिनेरियस गिद्ध 50 व रेड हेडेड 50 गिद्ध हैं. 4 साल पहले गिद्धों की संख्या सरिस्का में करीब 50 बताई जाती थी, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 500 से अधिक होने का अनुमान है. वन्य जीव विशेषज्ञों की मानें तो जहां बाघों की मौजूदगी ज्यादा होती है वहां गिद्ध जरूर मिलते हैं.

क्या कहते हैं जानकार... (ETV Bharat Alwar)

अलवर. देश भर में गिद्धों की संख्या में कमी आई है. इस कारण गिद्धों को विलुप्त प्रजाति में शामिल किया गया है. देश के अन्य स्थानों की तुलना में सरिस्का में गिद्धों का कुनबा बढ़ना सुखद माना जा रहा है. सरिस्का घूमने आए पर्यटकों को गिद्धों का झुंड नजर आया, जिसे देख पर्यटक रोमांचित हो गए. सरिस्का में करनाका बास और ब्रहमनाथ जोहडे में शिकार पर गिद्ध मंडराते दिखे. पर्यटकों ने दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों को मोबाइल में कैद किया.

यहां दिखा गिद्धों का झुंड : नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि सरिस्का में करणाका बास एनिकट के पास लंबे समय बाद गिद्धों का झुंड देखा गया. यहां गिद्ध बाघ के छोड़े गए शिकार को खा रहे थे. भर्तृहरि के आसपास की पहाड़ियों व सरिस्का के मैदान क्षेत्र में गिद्धों के अलग अलग झुंड दिखाई पड़ने लगे हैं. सरिस्का में माइग्रेटरी यूरेशियन और रेड हेड्स दिखाई देते हैं. यूरेशियन गिफ़ोन प्रजाति के गिद्धों के पंख पर सफेद बाल होते हैं, जबकि रेड हेड्स गिद्धों का मुंह लाल होता है.

पढ़ें. सरिस्का में पर्यटकों के सामने पैंथर ने किया लंगूर का शिकार, देखें Video

गिद्ध होते हैं स्वच्छता मित्र : खंडेलवाल ने बताया कि सरिस्का में लंबी चोंच वाले गिद्ध सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. गिद्धों के लिए सरिस्का में कई प्वाइंट बने हैं. इनमें गोपी जोहड, देवरा चौकी, टहला में मानसरोवर बांध, पांडुपोल काली पहाड़ी के पास खड़ी चट्टानें आदि शामिल हैं. जंगल के पारिस्थितिक संतुलन के लिए गिद्धों की मौजूदगी को जरूरी माना गया है. गिद्धों की संख्या में कमी का मुख्य कारण बढ़ता प्रदूषण है, जबकि गिद्धों को पर्यावरण का हितैषी माना जाता है और वे जंगल में संक्रमण रोकने का काम करते हैं. साथ ही सबसे बेहतर स्वच्छता मित्र माने जाते हैं. कारण है कि जंगल में मृत पशुओं की सफाई का कार्य गिद्ध व चीलों की ओर से किया जाता है. हालांकि, पिछले कुछ समय से चील प्रजाति भी विलुप्त होने के कगार पर हैं.

लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि 7 प्रजातियों के गिद्ध राजस्थान में पाए जाते हैं. सरिस्का में भी इनमें से ज्यादा प्रजातियां के गिद्ध मिलते हैं. सरिस्का के जंगल में इंडियन वल्चर प्रजाति के करीब 300 गिद्ध हैं. इसके अलावा इजिप्शियन 100, सिनेरियस गिद्ध 50 व रेड हेडेड 50 गिद्ध हैं. 4 साल पहले गिद्धों की संख्या सरिस्का में करीब 50 बताई जाती थी, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 500 से अधिक होने का अनुमान है. वन्य जीव विशेषज्ञों की मानें तो जहां बाघों की मौजूदगी ज्यादा होती है वहां गिद्ध जरूर मिलते हैं.

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