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"हिमाचल में शैक्षणिक संस्थाओं की होगी रैंकिंग, अच्छी परफॉर्मेंस पर मिलेगी ग्रांट" - EDUCATIONAL INSTITUTIONS RANKING

हिमाचल सरकार शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग करवा रही है. यह जानकारी सीएम सुक्खू ने दी. डिटेल में पढ़ें खबर...

हिमाचल में शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग
हिमाचल में शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग (सोशल मीडिया)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 1, 2024, 4:15 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जो विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग कर रहा है, इससे शैक्षणिक संस्थाओं का आत्म निरीक्षण और अंकेक्षण सुनिश्चित होगा. यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी. जिन शैक्षणिक संस्थाओं की बेहतर रैंकिंग होगी उनके लिए परफॉर्मेंस बेस्ड ग्रांट की व्यवस्था की जाएगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजकीय स्नातक महाविद्यालयों और संस्कृत महाविद्यालयों के पुस्तकालयों की ग्रेडिंग भी जारी की. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही है.

सभी सरकारी विभागों में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) दर्ज करने के लिए न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली अपनाई जाएगी. इसके सफल कार्यान्वयन के दृष्टिगत ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाई जाएंगी.

शिक्षा विभाग में डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर किया जाएगा. इस प्रयास से सुशासन के साथ-साथ विभिन्न कार्यों की समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी. महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य को गरीब एवं जरूरतमंद छात्रों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने की वित्तीय शक्तियां भी दी जाएंगी.

जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालयों को और सशक्त किया जाएगा और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित महाविद्यालयों को आवश्यकता के आधार पर हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी. सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करेगी. प्रदेश सरकार उन स्नातक महाविद्यालयों में बीएड पाठ्यक्रम शुरू करेगी जहां पर्याप्त आधारभूत ढांचा उपलब्ध है. प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने जा रही है. सरकार शैक्षणिक संस्थाओं को सुदृढ़ कर रही है क्योंकि गुणात्मक शिक्षा प्रदान किए बिना छात्रों को दी गई डिग्रियों की उपयोगिता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रही है. समय की मांग के अनुरूप पहली क्लास से छात्रों को अंग्रेजी मीडियम में शिक्षा प्रदान करने की पहल को साकार किया गया है. इसमें विशेष तौर पर गांव के बच्चों को लाभ मिलेगा.

खोली जाएंगी लाइब्रेरी

सीएम सुक्खू ने कहा प्रदेश में पहले चरण में 493 लाइब्रेरी खोली जाएंगी. इस पर 88 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा की सरकार छात्रों को गुणात्मक और नई तकनीक पर आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम ने इस दौरान राजीव गांधी राजकीय डे बोर्डिंग स्कूल, डॉ. वाई एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की.

मुख्यमंत्री ने प्रधानाचार्यों के साथ संवाद भी किया. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा क्षेत्र को सशक्त करने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के यशस्वी नेतृत्व में इस क्षेत्र में अनेक सकारात्मक बदलाव लाए गए हैं.

प्रदेश सरकार आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ रिक्त पदों को भरने पर विशेष ध्यान दे रही है प्रदेश सरकार ने दो साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग में टीचर्स के करीब 15 हजार पद सृजित किए हैं और इन्हें चरणबद् तरीके से भरा जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ कि मंत्रिमंडल की एक बैठक में शिक्षा विभाग में टीचर्स के करीब 5800 पदों को भरने की स्वीकृति दी गई.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार के 2 साल पूरा होने पर बीजेपी प्रदेश भर में देगी धरना, 10 दिसंबर को शिमला में महाधरना

शिमला: हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जो विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग कर रहा है, इससे शैक्षणिक संस्थाओं का आत्म निरीक्षण और अंकेक्षण सुनिश्चित होगा. यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी. जिन शैक्षणिक संस्थाओं की बेहतर रैंकिंग होगी उनके लिए परफॉर्मेंस बेस्ड ग्रांट की व्यवस्था की जाएगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजकीय स्नातक महाविद्यालयों और संस्कृत महाविद्यालयों के पुस्तकालयों की ग्रेडिंग भी जारी की. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही है.

सभी सरकारी विभागों में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) दर्ज करने के लिए न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली अपनाई जाएगी. इसके सफल कार्यान्वयन के दृष्टिगत ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाई जाएंगी.

शिक्षा विभाग में डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर किया जाएगा. इस प्रयास से सुशासन के साथ-साथ विभिन्न कार्यों की समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी. महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य को गरीब एवं जरूरतमंद छात्रों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने की वित्तीय शक्तियां भी दी जाएंगी.

जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालयों को और सशक्त किया जाएगा और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित महाविद्यालयों को आवश्यकता के आधार पर हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी. सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करेगी. प्रदेश सरकार उन स्नातक महाविद्यालयों में बीएड पाठ्यक्रम शुरू करेगी जहां पर्याप्त आधारभूत ढांचा उपलब्ध है. प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने जा रही है. सरकार शैक्षणिक संस्थाओं को सुदृढ़ कर रही है क्योंकि गुणात्मक शिक्षा प्रदान किए बिना छात्रों को दी गई डिग्रियों की उपयोगिता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रही है. समय की मांग के अनुरूप पहली क्लास से छात्रों को अंग्रेजी मीडियम में शिक्षा प्रदान करने की पहल को साकार किया गया है. इसमें विशेष तौर पर गांव के बच्चों को लाभ मिलेगा.

खोली जाएंगी लाइब्रेरी

सीएम सुक्खू ने कहा प्रदेश में पहले चरण में 493 लाइब्रेरी खोली जाएंगी. इस पर 88 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा की सरकार छात्रों को गुणात्मक और नई तकनीक पर आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम ने इस दौरान राजीव गांधी राजकीय डे बोर्डिंग स्कूल, डॉ. वाई एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की.

मुख्यमंत्री ने प्रधानाचार्यों के साथ संवाद भी किया. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा क्षेत्र को सशक्त करने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के यशस्वी नेतृत्व में इस क्षेत्र में अनेक सकारात्मक बदलाव लाए गए हैं.

प्रदेश सरकार आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ रिक्त पदों को भरने पर विशेष ध्यान दे रही है प्रदेश सरकार ने दो साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग में टीचर्स के करीब 15 हजार पद सृजित किए हैं और इन्हें चरणबद् तरीके से भरा जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ कि मंत्रिमंडल की एक बैठक में शिक्षा विभाग में टीचर्स के करीब 5800 पदों को भरने की स्वीकृति दी गई.

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