रांची: झारखंड की चार लोकसभा सीटों पर शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासन की मेहनत की जितनी भी सराहना की जाए, कम है. लोग निर्भिक होकर मतदान कर सकें, इसके लिए हर मोर्चे पर वरिष्ठ पदाधिकारी तत्पर दिखे.
रांची के एसएसपी चंदन सिन्हा तो बाकायदा हाथ में एके-47 लिए लोकतंत्र के महापर्व की पहरेदारी करते नजर आए. वह उस इलाके में पहुंचे, जहां कभी लोग वोट देने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते थे. इसकी वजह थे माओवादी. खूंटी लोकसभा क्षेत्र के तमाड़ इलाके में है जारगो गांव. पहाड़ की तलहट्टी में बसे इस गांव के राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय स्थित बूथ पर सुबह से ही वोटरों की कतार लगी हुई थी. लोग बिना किसी डर के वोटिंग कर रहे थे. वोटरों को कोई धमकी ना दे पाए, इसके लिए रांची के एसएसपी चंदन सिन्हा ने खुद मोर्चा संभाल रखा था.
वार ड्रेस पहने चंदन सिन्हा अपने हाथ में एके-47 लिए बूथ पर तैनात थे. इस इलाके में कभी खूंखार माओवादी कुंदन पाहन और महाराज प्रमाणिक की तूती बोलती थी. उनके फरमान का खौफ इस कदर था कि लोग बूथ पर आने से डरते थे. लेकिन पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशन की वजह से माओवादी उखड़ चुके हैं.
कुंदन पाहन कई वर्ष पूर्व सरेंडर कर चुका है. साल 2022 में 10 लाख का इनामी माओवादी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक भी आत्मसमर्पण कर चुका है. फिर भी सिंहभूम से सटा इलाका होने की वजह से पुलिस ने इस इलाके के बूथ पर विशेष निगरानी बरती. वर्तमान में तमाड़ विधानसभा सीट पर झामुमो का कब्जा है. यहां के विधायक विकास सिंह मुंडा के पिता स्वर्गीय रमेश सिंह मुंडा की माओवादियों ने हत्या कर दी थी. उनकी हत्या में कुंदन पाहन का नाम सामने आया था जो सलाखों के पीछे है.
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