रांची: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रांची रेल मंडल की ओर से महिला स्पेशल ट्रेन चलायी गयी. यह ट्रेन रांची से लोहरदगा होते हुए टोरी तक जायेगी. इस ट्रेन का संचालन सभी महिला कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है. इस ट्रेन में तैनात टीटी, गार्ड, ड्राइवर और सुरक्षा के लिए आरपीएफ सभी महिला हैं.
ट्रेन चला रही लोको पायलट दीपाली अमृत ने कहा कि आज महिलाएं समाज में 50 फीसदी हिस्सेदारी के साथ हर क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि आज अगर महिलाएं समाज में कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं तो इसमें पुरुषों और समाज के अन्य वर्गों का भी बहुत बड़ा योगदान है. साथ ही उन्होंने कहा कि आमतौर पर महिलाओं के बारे में समाज के कई लोगों का मानना है कि वे जिम्मेदारियों से भरा काम नहीं कर सकतीं. लेकिन आज महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से सबल हैं. आज के आधुनिक युग में महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं.
बचपन से था ट्रेन चलाने का सपना
लोको पायलट दीपाली अमृत ने ट्रेन चलाने से पहले अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि बचपन में जब भी वह ट्रेन को 90 और 100 की स्पीड से गुजरती देखती थीं तो उनका मन ट्रेन चलाने का करता था, लेकिन उस वक्त लोग उन्हें यह कहकर मना कर देते थे कि एक महिला ट्रेन चलाने का काम नहीं कर सकती और इस तरह का काम उसके लिए नहीं बना है. लेकिन उन्होंने बचपन में ही तय कर लिया था कि एक दिन जब वह बड़ी होंगी तो बड़ी-बड़ी ट्रेनें चलाएंगी और लोगों को यह संदेश देंगी कि महिलाएं कोई भी काम कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं वायु सेना, थल सेना, पुलिस, लोको पायलट आदि जैसी कठिन नौकरियां कर समाज में अपनी भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा कि अगर वह आज इस स्थान पर पहुंची हैं तो इसमें उनके पति, परिवार और रेलवे का अहम योगदान है.
रांची रेल मंडल का संदेश
रांची रेल मंडल के डीसीएम निशांत कुमार ने बताया कि आज पूरी ट्रेन महिलाओं को सौंप दी गई है. रांची से टोरी जाने वाले हजारों यात्रियों की सुरक्षा आज महिलाओं के जिम्मे है. उन्होंने कहा कि रांची रेल मंडल द्वारा की गयी इस पहल से यह संदेश दिया जा रहा है कि आज महिलाएं कोई भी काम करने में सक्षम हैं. आज समाज के लोग महिलाओं को कमजोर और अबला समझते हैं. रांची रेल मंडल का उन लोगों को संदेश है कि वे अपनी सोच बदलें और समाज में महिलाओं को बराबरी की नजर से देखें.
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