रांची: होली का त्यौहार आते ही लोगों पर फगुआ का सुरुर चढ़ने लगता है. कोई शराब के नशे में रहता है तो कोई भांग पीकर फगुआ मनाता है. फगुआ के दौरान ज्यादातर लोग शराब पीकर होली मनाना पसंद करते हैं. लेकिन कई बार लोगों की यही पसंद उन्हें भारी नुकसान भी पहुंचा देती है. क्योंकि होली के दौरान शराब कारोबारी अपने निजी फायदे के लिए बड़े पैमाने पर नकली शराब बेचते हैं. जिसके कारण लोग बीमार पड़ जाते हैं और कभी-कभी उनकी मृत्यु भी हो जाती है.
कई दिशानिर्देश जारी
लोगों की होली बेहतर हो इसके लिए उत्पाद विभाग की ओर से कई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें लोगों को बताया गया है कि होली के दौरान शराब खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. रांची के सहायक उत्पाद आयुक्त अरुण कुमार मिश्रा का कहना है कि होली को देखते हुए उत्पाद विभाग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है. जहरीली शराब बेचने वालों को रोकने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
उन्होंने कहा कि होली के दौरान शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व को लेकर उत्पाद विभाग ने भी एक अहम बैठक की है. जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि जब तक गलत तरीके से शराब बेचने वाले कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जायेगी, तब तक राजस्व को ज्यादा लाभ नहीं मिल पायेगा.
उन्होंने कहा कि रांची जिले में अवैध शराब कारोबारियों और अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए तीन सीमाओं पर कर्मचारियों और अधिकारियों को तैनात किया गया है. रांची के सिल्ली, मुरी इलाके में आने वाले यात्रियों और आम लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है, ताकि अवैध रूप से शराब शहर में न पहुंच सके.
सहायक उत्पाद आयुक्त ने बताया कि होली के मौके पर लोगों को नकली शराब से बचाने के लिए दुकानों पर टीएंडटी प्रक्रिया की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि जो लोग शराब खरीदने के लिए दुकान पर पहुंचते हैं, वे ऐप के जरिए इसका पता लगा सकते हैं. शराब की बोतल को ट्रैक करना और उसका विवरण लेना सुनिश्चित करें. अगर कोई दुकानदार ट्रैक एंड ट्रेस की प्रक्रिया अपनाने में आनाकानी करता है तो तुरंत उसकी सूचना उत्पाद विभाग के आधिकारिक नंबर पर दें, ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
460 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि होली के मौके पर राज्य सरकार ने करीब 460 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2360 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 2100 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. अब सरकार को करीब 300 करोड़ रुपये का ही राजस्व मिलना है, जो होली के दौरान पूरा हो जायेगा.
शराब दुकानदार व्यवसायी संघ के वरिष्ठ सदस्य सुबोध जायसवाल कहते हैं कि नई नीति के तहत सरकार खुद शराब बेच रही है. सरकार अपने स्तर से दुकानों पर शराब बेच रही है. उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार आज शराब जरूर बेच रही है. लेकिन सरकार के पास अभी तक कोई उच्च स्तरीय व्यवस्था नहीं है. इसीलिए नकली शराब बेचने वाले धंधेबाज फल-फूल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जब निजी दुकानदार शराब बेचते थे तो नकली शराब के कारोबारियों को रोकने के लिए दुकानदार अपने स्तर से छापेमारी करते थे. लेकिन आज सरकारी तंत्र मजबूत नहीं होने के कारण जहरीली शराब का कारोबार करने वाले लोग इसका फायदा उठाते नजर आ रहे हैं.
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