रामपुर : राजकीय ओरियंटल काॅलेज मदरसा आलिया से बेशकीमती किताबें चोरी के मामले में सपा नेता आजम खां की करीबी गाजियाबाद निवासी एकता कौशिक को कोर्ट ने राहत दे दी है. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है. मदरसा के प्रधानाचार्य जुबैर खां ने गंज थाने में 16 जून 2019 को एक मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप है कि काॅलेज के पुस्तकालय से नौ हजार दुर्लभ पांडुलिपियां, 50 अलमारियां और अभिलेख 10 सितंबर 2016 को अज्ञात लोगों ने चुरा लिए थे. साथ ही अवैध तरीके से सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया गया है.
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना शुरू की. सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दोस्त अनवार और सालिम की निशानदेही पर पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस से बड़ी संख्या में किताबें, अलमारियां और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे. इसके बाद सपा नेता आजम खां, अब्दुल्ला आजम के साथ ही सात लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी.
चार्जशीट में सपा नेता आजम खां की करीबी गाजियाबाद के कविनगर निवासी एकता कौशिक का नाम भी सामने आया था. एकता कौशिक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध किया गया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पुलिस ने एकता को झूठा फंसाया है और न ही पत्रावली पर कोई सुबूत है.
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने एकता कौशिक की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 50 हजार के मुचलके व इतनी ही राशि के दो जमानती दाखिल किए जाएं. एकता कौशिक ने कहा है कि मुझे तो कुछ पता ही नहीं था कि कौन सा मुकदमा था, क्या है. कोर्ट का आदेश था, तो में आ गई. मुझे इंसाफ मिला है और मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है.