अयोध्या : राम उत्सव के रंग में रंगी अयोध्या के राम कथा पार्क में भगवान राम की लीलाओं का मंचन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा किया जा रहा है. 24 जनवरी को हुई पहली प्रस्तुति में असम के कलाकारों ने विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण का शस्त्र विद्या सीखना और फिर राजा जनक के दरबार में जाकर धनुष भंग करके माता सीता का वरण करने के प्रसंग का मंचन किया. परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन देख पांडाल तालियों से गूंज उठा. इसके बाद महाराष्ट्र के कलाकारों ने भगवान राम और निषाद की मित्रता को दर्शाते हुए पारंपरिक कोली नृत्य प्रस्तुत किया. सिंगापुर से आए कलाकारों ने वाल्मीकि रामायण के सार को भरतनाट्यम शैली में प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों के सधे नृत्य और भाव भंगिमा ने सभी को मोह लिया. इसके बाद श्रीलंका से आए अरण्यकांड के प्रसंग, लक्ष्मण द्वारा सूर्पनखा का नाक कान काटे जाने से लेकर किष्किंधा कांड, सुंदरकांड, लंका कांड तक का मंचन किया गया. भगवान राम द्वारा रावण का वध के भी मनोहारी मंचन किया. इसके बाद राम राज्याभिषेक से अपनी प्रस्तुति का अंत किया. अगली प्रस्तुति इंडोनेशिया के कलाकारों की रही.
भारतीय नृत्य शैली ओडिसी में राम राज्य की परिकल्पना को राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों के माध्यम से दिखाया. हर दृश्य पर दर्शक बजाते रहे. मुखौटो, अपने परिधान और शस्त्रों के साथ कलाकारों का अभिनय बेमिसाल था इस प्रस्तुति के जरिए भगवान राम के आदर्श को प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम के अंत में झारखंड के आए रामलीला के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी.
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