गोरखपुर: शहर के बीचो-बीच स्थित 1800 एकड़ का रामगढ़ ताल, गोरखपुर जल्द ही विदेशी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित होगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. योगी सरकार ने इससे जुड़ी परियोजनाओं को स्वीकृत कर दिया है. इस ताल के विदेशी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित होने से गोरखपुर में न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी बल्कि इससे रोजगार के कई अवसर भी मिलेंगे.
पहले लंदन आई के बारे में जानिए
आपने लंदन आई का नाम तो सुना होगा. लंदन आई को मिलेनियम व्हील भी कहा जाता है. टेम्स नदी के दक्षिणी तट पर यह बना हुआ है. इसका कैंटिलीवर (झूला) यूरोप का सबसे ऊंचा कैंटिलीवर है. इस विश्वप्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट में हर साल 30 लाख से अधिक लोग आते हैं. यहां क्रूज और बोट भी चलते हैं. मनोरंजन के लिए यह स्थान दुनिया के लिए बेहद ही मुफीद माना जाता है.
लंदन आई की तरह ही गोरखपुर आई बनाने की तैयारी
गोरखपुर रामगढ़ ताल में रोज करीब दस हजार लोग घूमने आते हैं. लंदन आई की तर्ज पर "गोरखपुर आई" का भी निर्माण होने जा रहा है. यहां एक बड़ा जेटी बनाया जाएगा. इसके अलावा क्रूज, शिकारा, पैरा सेलिंग भी शुरू होगी. ताल के चारों तरफ रिंग रोड टू लेन और फोर लेन की बनाई जा रही है. यहां से सी प्लेन चलाने की भी सीएम योगी घोषणा कर चुके हैं.
गोरखपुर ताल कितना गहरा है?
बहुत जल्द इसके सिल्ट की सफाई शुरू होने वाली है जिससे ताल की गहराई दस मीटर तक बढ़ाई जा सके. इससे जलीय जीव और इसमें चलने वाली क्रूज,बोट और फ्लोटिंग रेस्तोरेंट को भी बड़ा लाभ होगा.बताया गया कि 2006 में ताल की गहराई 3.8 मीटर थी. गोरखपुर का कभी प्राचीन नाम रामग्राम भी था. उसी नाम पर इसका नाम रामगढ़ ताल पड़ा है. इसका क्षेत्रफल करीब 18 किलोमीटर का है.
इस वजह से आकर्षित हो रहे लोगयह ताल लोगों को इसलिए लगातार आकर्षित करता जा रहा है क्योंकि इसमें मोटर बोट से लेकर लेजर शो सब संचालित हो रहा है. जिससे गोरखपुर ही नहीं आसपास के जिलों के पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर खींच लाता है. एक विशेष जोन में केरल और कश्मीर में चलने वाली शिकारा बोट को भी चलाने का GDA ने प्लान तैयार किया है जिसके लिए उसकी इन्वेस्टर की तलाश बहुत जल्द पूरी होने वाली है.
पर्यटन अफसर बोले
पर्यटन निगम के उप निदेशक रविन्द्र मिश्रा ने कहा कि गोरखपुर में संचालित हो रही या होने वाली योजनाओं के केंद्र में, रामगढ़ ताल का विकास और पर्यटक लुक बड़ी भूमिका अदा करता है. माना जाता है कि जो भी गोरखपुर में गीता प्रेस, गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका घूमने आयेगा वह रामगढ़ ताल घूमने आयेगा. कुशीनगर आने वाले पर्यटक भी यहां के लिये आकर्षित होते हैं यह पर्यटकों के आंकड़े बताते हैं. होटलों के आँकड़े अपनी जगह इसकी गवाही देते हैं लेकिन शाम को यहां के जेटी और क्रूज पर लगने वाली हजारों की भीड़ इसके बढ़ते महत्व को दर्शाता है.
कितनी योजनाएं संचालित हो रहीं?
करीब एक हजार करोड़ की योजनाएं इस ताल और इसके इर्द-गिर्द संचालित हो रही हैं. 300 करोड़ से ताल की करीब 81 लाख घन मीटर गाद निकाली जायेगी. ताल का पश्चिमी हिस्सा पूर्ण विकसित होकर पर्यटन केंद्र बन चुका है तो अब पश्चिमी हिस्से को भी विकसित करने पर काम शुरू हो चुका है. करीब 600 करोड़ का अलग से प्लान तैयार किया जा रहा है. इसकी जानकारी सीएम योगी को दी जा चुकी है और उनकी हरी झंडी भी मिल चुकी है.करीब तीन साल लगेगा इसे पूरा होने में.
फिल्म का मजा लेने से लेकर रेस्तरा तक
इसके चारो तरफ बनने वाली सड़क के किनारे साइकिल पाथ भी बनाया जाएगा. एक हिस्से में सुन्दर सा पार्क और पर्यटकों के बैठने का इंतजाम होगा. एक विशेष तरह का फाऊंटेन भी यहां बनाया जाएगा. महापुरुषों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं भी यहां लगाई जाएंगी. खेल कूद की गतिविधियां बच्चों के लिये संचालित होगी तो एक ओपेन थिएटर भी बनेगा जहां फिल्में चलाई जाएंगी और लोग खुले आसमान के नीचे बैठकर फिल्म का मजा ले पाएंगे. लजीज व्यंजनों का स्वाद तो इन्हे स्ट्रीट फूड से भी मिलेगा और रेस्तरां से भी.