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गोरखपुर का रामगढ़ ताल और होगा बेमिसाल, इस विदेशी टूरिस्ट स्पॉट जैसा दिखेगा, क्या-क्या होगा खास जानिए? - ramgarh tal gorakhpur

गोरखपुर का रामगढ़ ताल जल्द ही विदेशी लुक में नजर आएगा. आखिर इसमें क्या-क्या खास होगा चलिए जानते हैं इस खास खबर के जरिए.

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गोरखपुर के रामगढ़ ताल में अब दिखेगा विदेशी नजारा. (photo credit: etv gfx)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 7:20 AM IST

Updated : Aug 6, 2024, 8:06 AM IST

गोरखपुर: शहर के बीचो-बीच स्थित 1800 एकड़ का रामगढ़ ताल, गोरखपुर जल्द ही विदेशी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित होगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. योगी सरकार ने इससे जुड़ी परियोजनाओं को स्वीकृत कर दिया है. इस ताल के विदेशी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित होने से गोरखपुर में न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी बल्कि इससे रोजगार के कई अवसर भी मिलेंगे.

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लंदन आई की तर्ज पर विकसित होगा रामगढ़ ताल. (photo credit: social media)

पहले लंदन आई के बारे में जानिए
आपने लंदन आई का नाम तो सुना होगा. लंदन आई को मिलेनियम व्हील भी कहा जाता है. टेम्स नदी के दक्षिणी तट पर यह बना हुआ है. इसका कैंटिलीवर (झूला) यूरोप का सबसे ऊंचा कैंटिलीवर है. इस विश्वप्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट में हर साल 30 लाख से अधिक लोग आते हैं. यहां क्रूज और बोट भी चलते हैं. मनोरंजन के लिए यह स्थान दुनिया के लिए बेहद ही मुफीद माना जाता है.

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रामगढ़ ताल में चलेंगे क्रूज. (photo credit: etv bharat)


लंदन आई की तरह ही गोरखपुर आई बनाने की तैयारी
गोरखपुर रामगढ़ ताल में रोज करीब दस हजार लोग घूमने आते हैं. लंदन आई की तर्ज पर "गोरखपुर आई" का भी निर्माण होने जा रहा है. यहां एक बड़ा जेटी बनाया जाएगा. इसके अलावा क्रूज, शिकारा, पैरा सेलिंग भी शुरू होगी. ताल के चारों तरफ रिंग रोड टू लेन और फोर लेन की बनाई जा रही है. यहां से सी प्लेन चलाने की भी सीएम योगी घोषणा कर चुके हैं.

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रामगढ़ ताल का एक दृश्य. (photo credit: etv bharat)



गोरखपुर ताल कितना गहरा है?
बहुत जल्द इसके सिल्ट की सफाई शुरू होने वाली है जिससे ताल की गहराई दस मीटर तक बढ़ाई जा सके. इससे जलीय जीव और इसमें चलने वाली क्रूज,बोट और फ्लोटिंग रेस्तोरेंट को भी बड़ा लाभ होगा.बताया गया कि 2006 में ताल की गहराई 3.8 मीटर थी. गोरखपुर का कभी प्राचीन नाम रामग्राम भी था. उसी नाम पर इसका नाम रामगढ़ ताल पड़ा है. इसका क्षेत्रफल करीब 18 किलोमीटर का है.

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रामगढ़ ताल का म्यूजिकल फाउंटेन का एक नजारा. (photo credit: etv bharat)


इस वजह से आकर्षित हो रहे लोगयह ताल लोगों को इसलिए लगातार आकर्षित करता जा रहा है क्योंकि इसमें मोटर बोट से लेकर लेजर शो सब संचालित हो रहा है. जिससे गोरखपुर ही नहीं आसपास के जिलों के पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर खींच लाता है. एक विशेष जोन में केरल और कश्मीर में चलने वाली शिकारा बोट को भी चलाने का GDA ने प्लान तैयार किया है जिसके लिए उसकी इन्वेस्टर की तलाश बहुत जल्द पूरी होने वाली है.

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रामगढ़ ताल का शाम का नजारा देखने काबिल होता है. (photo credit: etv bharat)
शिकारा भी चलती नजर आएंगीरामगढ़ ताल में शिकारा बोट को उतारकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण ताल की खूबसूरती में तो रंग भरेगा ही, पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा. इससे वह खुद भी कमाई करेगा यह सभी प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर संचालित हों रहा है. यहां पर हॉट बजार भी विकसित की जा रही है जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को खरीदारी करने के लिये भी एक बाजार मिल जायेगी. इसके बगल में होटल रेस्तरां भी बनते जा रहे हैं जिसमें कोर्टयार्ड मैरियट जैसा होटल लोगों को सेवा देने लगा है. होटल ताज के निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है. इस ताल के चारो तरफ सड़क का निर्माण चल रहा है। मोहद्दीपुर से सर्विस रोड के रूप में फोरलेन की सड़क बनाई जा रही.




पर्यटन अफसर बोले
पर्यटन निगम के उप निदेशक रविन्द्र मिश्रा ने कहा कि गोरखपुर में संचालित हो रही या होने वाली योजनाओं के केंद्र में, रामगढ़ ताल का विकास और पर्यटक लुक बड़ी भूमिका अदा करता है. माना जाता है कि जो भी गोरखपुर में गीता प्रेस, गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका घूमने आयेगा वह रामगढ़ ताल घूमने आयेगा. कुशीनगर आने वाले पर्यटक भी यहां के लिये आकर्षित होते हैं यह पर्यटकों के आंकड़े बताते हैं. होटलों के आँकड़े अपनी जगह इसकी गवाही देते हैं लेकिन शाम को यहां के जेटी और क्रूज पर लगने वाली हजारों की भीड़ इसके बढ़ते महत्व को दर्शाता है.



कितनी योजनाएं संचालित हो रहीं?
करीब एक हजार करोड़ की योजनाएं इस ताल और इसके इर्द-गिर्द संचालित हो रही हैं. 300 करोड़ से ताल की करीब 81 लाख घन मीटर गाद निकाली जायेगी. ताल का पश्चिमी हिस्सा पूर्ण विकसित होकर पर्यटन केंद्र बन चुका है तो अब पश्चिमी हिस्से को भी विकसित करने पर काम शुरू हो चुका है. करीब 600 करोड़ का अलग से प्लान तैयार किया जा रहा है. इसकी जानकारी सीएम योगी को दी जा चुकी है और उनकी हरी झंडी भी मिल चुकी है.करीब तीन साल लगेगा इसे पूरा होने में.



फिल्म का मजा लेने से लेकर रेस्तरा तक
इसके चारो तरफ बनने वाली सड़क के किनारे साइकिल पाथ भी बनाया जाएगा. एक हिस्से में सुन्दर सा पार्क और पर्यटकों के बैठने का इंतजाम होगा. एक विशेष तरह का फाऊंटेन भी यहां बनाया जाएगा. महापुरुषों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं भी यहां लगाई जाएंगी. खेल कूद की गतिविधियां बच्चों के लिये संचालित होगी तो एक ओपेन थिएटर भी बनेगा जहां फिल्में चलाई जाएंगी और लोग खुले आसमान के नीचे बैठकर फिल्म का मजा ले पाएंगे. लजीज व्यंजनों का स्वाद तो इन्हे स्ट्रीट फूड से भी मिलेगा और रेस्तरां से भी.

ये भी पढ़ेंः काशी का रोपवे: स्टेशन से विश्वनाथ मंदिर सिर्फ 16 मिनट में पहुंचेंगे, एक बार में दस यात्री होंगे रवाना, हर दो मिनट में मिलेगा उड़नखटोला

ये भी पढ़ेंः ड्रैगन फ्रूट का एक पौधा 100 रुपए का; 11 महीने में देता 10 फल, किसान को आमदनी होती दोगुनी

गोरखपुर: शहर के बीचो-बीच स्थित 1800 एकड़ का रामगढ़ ताल, गोरखपुर जल्द ही विदेशी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित होगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. योगी सरकार ने इससे जुड़ी परियोजनाओं को स्वीकृत कर दिया है. इस ताल के विदेशी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित होने से गोरखपुर में न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी बल्कि इससे रोजगार के कई अवसर भी मिलेंगे.

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लंदन आई की तर्ज पर विकसित होगा रामगढ़ ताल. (photo credit: social media)

पहले लंदन आई के बारे में जानिए
आपने लंदन आई का नाम तो सुना होगा. लंदन आई को मिलेनियम व्हील भी कहा जाता है. टेम्स नदी के दक्षिणी तट पर यह बना हुआ है. इसका कैंटिलीवर (झूला) यूरोप का सबसे ऊंचा कैंटिलीवर है. इस विश्वप्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट में हर साल 30 लाख से अधिक लोग आते हैं. यहां क्रूज और बोट भी चलते हैं. मनोरंजन के लिए यह स्थान दुनिया के लिए बेहद ही मुफीद माना जाता है.

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रामगढ़ ताल में चलेंगे क्रूज. (photo credit: etv bharat)


लंदन आई की तरह ही गोरखपुर आई बनाने की तैयारी
गोरखपुर रामगढ़ ताल में रोज करीब दस हजार लोग घूमने आते हैं. लंदन आई की तर्ज पर "गोरखपुर आई" का भी निर्माण होने जा रहा है. यहां एक बड़ा जेटी बनाया जाएगा. इसके अलावा क्रूज, शिकारा, पैरा सेलिंग भी शुरू होगी. ताल के चारों तरफ रिंग रोड टू लेन और फोर लेन की बनाई जा रही है. यहां से सी प्लेन चलाने की भी सीएम योगी घोषणा कर चुके हैं.

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रामगढ़ ताल का एक दृश्य. (photo credit: etv bharat)



गोरखपुर ताल कितना गहरा है?
बहुत जल्द इसके सिल्ट की सफाई शुरू होने वाली है जिससे ताल की गहराई दस मीटर तक बढ़ाई जा सके. इससे जलीय जीव और इसमें चलने वाली क्रूज,बोट और फ्लोटिंग रेस्तोरेंट को भी बड़ा लाभ होगा.बताया गया कि 2006 में ताल की गहराई 3.8 मीटर थी. गोरखपुर का कभी प्राचीन नाम रामग्राम भी था. उसी नाम पर इसका नाम रामगढ़ ताल पड़ा है. इसका क्षेत्रफल करीब 18 किलोमीटर का है.

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रामगढ़ ताल का म्यूजिकल फाउंटेन का एक नजारा. (photo credit: etv bharat)


इस वजह से आकर्षित हो रहे लोगयह ताल लोगों को इसलिए लगातार आकर्षित करता जा रहा है क्योंकि इसमें मोटर बोट से लेकर लेजर शो सब संचालित हो रहा है. जिससे गोरखपुर ही नहीं आसपास के जिलों के पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर खींच लाता है. एक विशेष जोन में केरल और कश्मीर में चलने वाली शिकारा बोट को भी चलाने का GDA ने प्लान तैयार किया है जिसके लिए उसकी इन्वेस्टर की तलाश बहुत जल्द पूरी होने वाली है.

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रामगढ़ ताल का शाम का नजारा देखने काबिल होता है. (photo credit: etv bharat)
शिकारा भी चलती नजर आएंगीरामगढ़ ताल में शिकारा बोट को उतारकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण ताल की खूबसूरती में तो रंग भरेगा ही, पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा. इससे वह खुद भी कमाई करेगा यह सभी प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर संचालित हों रहा है. यहां पर हॉट बजार भी विकसित की जा रही है जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को खरीदारी करने के लिये भी एक बाजार मिल जायेगी. इसके बगल में होटल रेस्तरां भी बनते जा रहे हैं जिसमें कोर्टयार्ड मैरियट जैसा होटल लोगों को सेवा देने लगा है. होटल ताज के निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है. इस ताल के चारो तरफ सड़क का निर्माण चल रहा है। मोहद्दीपुर से सर्विस रोड के रूप में फोरलेन की सड़क बनाई जा रही.




पर्यटन अफसर बोले
पर्यटन निगम के उप निदेशक रविन्द्र मिश्रा ने कहा कि गोरखपुर में संचालित हो रही या होने वाली योजनाओं के केंद्र में, रामगढ़ ताल का विकास और पर्यटक लुक बड़ी भूमिका अदा करता है. माना जाता है कि जो भी गोरखपुर में गीता प्रेस, गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका घूमने आयेगा वह रामगढ़ ताल घूमने आयेगा. कुशीनगर आने वाले पर्यटक भी यहां के लिये आकर्षित होते हैं यह पर्यटकों के आंकड़े बताते हैं. होटलों के आँकड़े अपनी जगह इसकी गवाही देते हैं लेकिन शाम को यहां के जेटी और क्रूज पर लगने वाली हजारों की भीड़ इसके बढ़ते महत्व को दर्शाता है.



कितनी योजनाएं संचालित हो रहीं?
करीब एक हजार करोड़ की योजनाएं इस ताल और इसके इर्द-गिर्द संचालित हो रही हैं. 300 करोड़ से ताल की करीब 81 लाख घन मीटर गाद निकाली जायेगी. ताल का पश्चिमी हिस्सा पूर्ण विकसित होकर पर्यटन केंद्र बन चुका है तो अब पश्चिमी हिस्से को भी विकसित करने पर काम शुरू हो चुका है. करीब 600 करोड़ का अलग से प्लान तैयार किया जा रहा है. इसकी जानकारी सीएम योगी को दी जा चुकी है और उनकी हरी झंडी भी मिल चुकी है.करीब तीन साल लगेगा इसे पूरा होने में.



फिल्म का मजा लेने से लेकर रेस्तरा तक
इसके चारो तरफ बनने वाली सड़क के किनारे साइकिल पाथ भी बनाया जाएगा. एक हिस्से में सुन्दर सा पार्क और पर्यटकों के बैठने का इंतजाम होगा. एक विशेष तरह का फाऊंटेन भी यहां बनाया जाएगा. महापुरुषों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं भी यहां लगाई जाएंगी. खेल कूद की गतिविधियां बच्चों के लिये संचालित होगी तो एक ओपेन थिएटर भी बनेगा जहां फिल्में चलाई जाएंगी और लोग खुले आसमान के नीचे बैठकर फिल्म का मजा ले पाएंगे. लजीज व्यंजनों का स्वाद तो इन्हे स्ट्रीट फूड से भी मिलेगा और रेस्तरां से भी.

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Last Updated : Aug 6, 2024, 8:06 AM IST
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