नई दिल्ली: भारत में ईद की तैयारियां जोरों पर है. रमजान के महीने में 30 दिन रोजा रखने वाले लोग ईद के चांद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस्लामिक कैलेंडर में रमजान साल का 9वां महीना होता है और शव्वाल दसवां महीना होता है. शव्वाल के पहले दिन ही ईद मनाई जाती है. इससाल भारत में 11 अप्रैल 2024, गुरुवार के दिन ईद का त्योहार मनाया जाएगा. भारत में आमतौर पर सऊदी अरब में ईद होने के दूसरे दिन ईद मनाई जाती है.
राज्यों से पहले ईद मना लेता हैं कश्मीर और केरल: केरल, कश्मीर और लद्दाख में आज बुधवार को ही ईद, मनाई जा रही है. यह भारत के बाकी राज्यों से अलग हैं क्योंकि यहां चांद अपना चक्र एक रात पहले ही पूरा कर लेता है. सिर्फ ये राज्य ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब, कतर, बहरीन और बाकी खाड़ी देशों में भी चांद एक दिन पहले अपना चक्र पूरा कर लेता है और यहां ईद भारत से एक दिन पहले मनाई जाती है. क्योंकि, इस्लामिक महीने चांद की स्थिति पर निर्भर करते हैं. कोई भी इस्लामिक महीना नया चांद दिखने के बाद शुरू होता है.
चांद देखकर ही मिलता है ईद का संकेत: इस्लामिक महीने में 29 दिन या 30 दिन होते हैं, यह चांद दिखने पर ही निर्धारित होता है. भौगोलिक रूप से यह संभव है कि देश के एक हिस्से में चांद दूसरे हिस्सों से पहले निकले. रमज़ान का महीना जैसे ही अंत की तरफ बढ़ता है, वैसे ही दुनिया के अरबों मुसलमान उम्मीद करते हैं कि आसमान साफ़ रहे. ऐसा इसलिए कि खुले आसमान में चांद देखकर उन्हें वो संकेत मिलते हैं कि अब जश्न मनाने का वक़्त अब आ गया. इस्लाम के त्योहार और उनके रिवाज़ चंद्रमा पर आधारित हिज़री कैलेंडर के अनुसार चलते हैं.
चांद देखना क्यों जरूरी?: इस्लाम धर्म के अनुसार, ईद मनाने से पहले चांद देखना जरूरी होता है. शरीयत में अपनी आंखों से देखने और गवाही से ही सुबूत का एतबार है. इसलिए शब-ए-बारात, शब-ए-कद्र, ईद जैसे त्योहार से पहले लोग चांद देखते हैं. चांद रात में चांद देखने के बाद लोग अल्लाह से दुआ मांगते हैं. रमजान के आखिरी दिन नया चांद देखने के बाद ही ईद का त्योहार शुरू होता है.
इसे तय करने का तरीक़ा हर जगह अलगः दुनिया भर में ईद का त्योहार कभी भी एक ही दिन नहीं मनाया जा जाता. हालांकि, यह आम तौर पर एक या दो दिन के भीतर ही आता है. उदाहरण के तौर पर शिया मुस्लिम बहुल ईरान में सरकारी एलान का पालन किया जाता है. वहीं, सुन्नी बहुल सऊदी अरब में धर्मगुरु रमज़ान की शुरुआत और इसके अंत का ऐलान नया चांद देखने वाले लोगों से पूछ कर करते हैं.
अन्य देशों में भी ऐसा ही होता है. शिया मुसलमान आयतुल्लाह अली अल-सिस्तानी की घोषणा मानते हैं. वहीं, सुन्नी अपने मौलवियों की बात मानते हैं. आधिकारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष देश तुर्की में रमज़ान की शुरुआत और अंत के एलान के लिए खगोलीय गणना द्वारा निर्धारीत किया जाता है.