अयोध्या : राम मंदिर को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के रूप में प्रदर्शित करने के लिए भव्य और आकर्षक फसाड लाइटिंग से सजाया जाएगा. मंदिर निर्माण समिति की बैठक में 5 कंपनियों ने प्रेजेंटेशन दिया. श्री राम जन्मभूमि के ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि जैसे-जैसे मंदिर निर्माण का कार्य अपनी पूर्णता की ओर जा रहा है, वैसे ही हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाइटिंग कराए जाने की ओर बढ़ रहे हैं.
उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य के साथ मेंटेनेंस ऑपरेशन करने वाली कंपनियां भी आनी चाहिए. ट्रस्ट की ओर से टाटा और ट्रस्ट के जो इंजीनियर कार्य कर रहे हैं उन्होंने कई संस्थानों से ऑफर प्राप्त भी किए हैं. उसका भी एक प्रेजेंटेशन और चर्चा आज हुई है. जल्द ही ऐसी कंपनियों का चयन कर उनसे अनुबंध की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रथम तल के गर्भग्रह के अंदर संगमरमर के दीवारों में ग्लाइडिंग का कार्य पूरा हो गया है. प्रथम तल पर फर्श के निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि द्वितीय तल का कार्य किस प्रकार किया जाए जिससे दिसंबर तक सभी कार्य पूर्ण हो जाएं. उन्होंने कहा कि कंपनियों के इंजीनियरों ने आश्वस्त किया है कि समय अनुसार काम पूरा कर लिया जाएगा.
राम जन्मभूमि परिसर के निर्माण में नहीं होगा कोई बदलाव : श्री राम जन्मभूमि परिसर के निर्माण कार्य की योजना में अब कोई बदलाव नहीं होगा. मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन राम मंदिर सहित अन्य कार्यों को लेकर चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में मंथन किया गया. राम मंदिर के प्रथम, द्वितीय तल और शिखर के निर्माण का कार्य प्रगति की ओर है. वहीं, परकोटा और उसमें बनने वाले 6 प्रमुख मंदिरों का कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है. वहीं, परिसर में शेषावतार मंदिर की नई ड्राइंग के आधार पर निर्माण कार्य को शुरू कर दिया गया है.
निर्माण समिति के मुताबिक, शेषावतार मंदिर के गर्भगृह के चबूतरे की ऊंचाई श्री राम मंदिर के गर्भगृह के चबूतरे के समानांतर होगी. भूमि पूजन के बाद निर्माण शुरू हो गया है तो निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने साफ कर दिया है कि शेषावतार मंदिर समेत परिसर में बनने वाले सभी मंदिरों में मूर्तियां सफेद संगमरमर से बनाई जाएंगी, जबकि मंदिर का संपूर्ण कार्य दिसंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.
उन्होंने कहा कि पहली मीटिंग में निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली सामग्रियों की आपूर्ति पर चर्चा की गई है कि कोई कठिनाई तो नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि आज तकनीकी से जुड़े सारे निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रथम तल पर जो व्यवस्थाएं हैं उसे सुरक्षित किया जाना है. एक मात्र लक्ष्य दिसंबर तक मंदिर निर्माण पूर्ण करने का है.