अयोध्या : रामनगरी में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर मंगलवार से अनुष्ठान चल रहा है. आज शनिवार को (19 जनवरी) को अनुष्ठान का पांचवां दिन है. आज रामलला का शर्कराधिवास और फलाधिवास होगा. सुबह से समय रामलला को शक्कर में रखा जाएगा. इसके बाद फल में निवास कराया जाएगा. इसी कड़ी में शाम को फिर सुगंधित फूलों में रखा जाएगा. आज के अनुष्ठान को लेकर भी रामभक्त उत्साहित हैं. कल रामलला की पूरी तस्वीर सामने आने पर भक्त भावविभोर हो गए थे. आज भी अनुष्ठान को लेकर पूरे शहर में तरह-तरह के धार्मिक आयोजन हो रहे हैं.
सभी अनुष्ठान में मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा ही होंगे. इसके अतिरिक्त ट्रस्ट से जुड़े अन्य पदाधिकारी और 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे. काशी केलक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे.
अलग-अलग परंपराओं का होगा समायोजन : शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं अनुष्ठान का हिस्सा बनेंगी.
कल हुआ था औषधाधिवास, केसराधिवास अनुष्ठान : मंगलवार को विवेक सृष्टि परिसर में प्रायश्चित और कर्म कुटी पूजन हुआ था. बुधवार को रामलला की मूर्ति का परिसर में भ्रमण कराया गया था. इसी के साथ रामलला मंदिर में प्रवेश कर गए थे. गुरुवार को रामलला को गर्भ गृह में विराजमान कराया गया था. इसी कड़ी में 19 जनवरी को सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास और घृताधिवास का अनुष्ठान हुआ था, जबकि शाम को धान्याधिवास संस्कार कराया गया. कल का दिन अहम रहा. कल रामलला की एक के बाद कई मनमोहक तस्वीरें सामने आईं थीं.
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