अयोध्या: राम की नगरी अयोध्या में राममंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी को कृष्ण शिला पर भव्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा किया गया. उसके बाद अब मंदिर के प्रथम तल पर संगमरमर से बने रामदरबार की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही परकोटे में बनने वाले 6 मंदिर और जन्मभूमि परिसर में शेषावतार, सप्त ऋषियों के मन्दिरों के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्तियों के भी निर्माण की तैयारी भी शुरू हो गई है. इन मूर्तियों को भी संगमरमर की शिलाओं से बनाई जाएगी. जिसका डिजाइन प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के ओर से तैयार किया जा रहा है.
राम मंदिर के साथ परकोटे में भी छह मंदिरों का निर्माणकार्य की समीक्षा प्रत्येक महीने किया जा है. रविवार की शाम मूर्तिकारों के साथ भी मंथन किया गया था. अगले दिन की बैठक से पहले निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि, निर्माण का एक लक्ष्य है कि, दिसंबर 2024 तक मंदिर पूर्ण होना है. इसके साथ ही मिश्रा ने कहा कि, जो सप्त मंदिर है उसे हम अक्टूबर महीने तक पूरा करना चाहेंगे.
वहीं दूसरा जो महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि, 25 साल पुरानी शेषावतार मंदिर की पुरानी आधारशिला की जांच में उपयुक्त नहीं पाया गया. जिस पर निर्णय लिया गया की, आधारशिला को नए सिरे से रखी जाए. साथ ही परिसर में ऑडिटोरियम के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में आधारशिला का कार्य शुरू हो जाएगा. जिसे 12 महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. जहां भगवान राम से संबंधित सभी कार्यक्रम संपन्न किए जाएंगे.
वहीं पर साधु संतों के लिए एक विश्रामालय का निर्माण भी किया जाएगा. नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि सप्त मंडपम के लिए जयपुर से संगमरमर को खरीदा जा रहा है. और जयपुर के ही शिल्पकार मूर्तियों का निर्माण भी करेंगे. वहीं परकोटा के 6 मंदिर को भी पंचायतन के आधार पर संगमरमर से बनाया जाएगा. लेकिन जो भगवान शिव का मंदिर है वह संगमरमर का नहीं होगा. उसके लिए विचार किया जा रहा है.साथ ही बताया कि, प्रथम तल पर विराजमान होने वाले राम दरबार की मूर्ति संगमरमर की होगी.
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