नर्मदापुरम: रक्षाबंधन की शाम को और अधिक चमकदार बनाने पूर्णिमा का चंद्रमा सुपर मून के रूप मे दिखने जा रहा है. यह आम पूर्णिमा के चंद्रमा से ज्यादा बड़ा और अधिक चमकदार होगा. इसकी खगोल विज्ञान की जानकारी देते हुए नर्मदापुरम की विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि, ''पृथ्वी के चारों ओर अंडाकार पथ में परिक्रमा करता पूर्णिमा का चंद्रमा पास के बिंदु पर होता है, तो चंद्रमा बड़ा और चमकदार दिखता है. इसे सुपर मून कहते हैं.''
रक्षाबंधन की शाम पृथ्वी पर चमकेगा चंद्रमा
रक्षाबंधन की शाम चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होगा. इस दिन चंद्रमा की दूरी पृथ्वी से महज 3 लाख 61 हजार 969 किमी की दूरी होगी. सारिका ने बताया कि, ''चंद्रमा पूरे महीने एक दिन पृथ्वी से सबसे दूर होता है जिसे जिसे अपोजी कहते हैं. वहीं, महीने में एक दिन पृथ्वी के सबसे पास के बिंदु पर आ जाता है, इसे पेरिजी कहते है. अपोजी लगभग 4 लाख 5 हजार 500 किमी तो पेरिजी लगभग 3 लाख 63 हजार 300 किमी या इससे कम होती है.''
ये भी पढ़ें: ऐसे सजाएं रक्षाबंधन की थाली, डेकोरेशन में शामिल करें यह चीजें, भाई से मिलेंगे भर भरकर पैसे रक्षाबंधन पर बन रहे हैं तीन विशेष योग, भद्रा के छाया के बीच जान लें राखी बांधने का बेस्ट मुहूर्त |
ऐसे पड़ा इस महीने का नाम सावन
इस खगोलीय सीजन में 21 जून, 21 जुलाई, 19 अगस्त और 18 सितंबर को चार पूर्णिमा आ रही हैं. इस सुपर मून को ब्लू मून भी नाम दिया गया है, क्योंकि 21 जून से 22 सितंबर के खगोलीय सीजन में पड़ने वाले चार पूर्णिमा में से यह तीसरी पूर्णिमा का चांद है. सारिका ने आगे बताया कि "ब्लूमून सिर्फ नामकरण है. चांद का रंग तो बाकी पूर्णिमा की ही तरह होगा और चंद्रमा सुबह की स्थिति में श्रवण नक्षत्र में स्थित रहेगा. पूर्णिमा के चंद्रमा के नक्षत्र के नाम के आधार पर ही इस महीने का नाम सावन रखा गया है.''