पानीपत: हर साल सावन पूर्णिमा तिथि को भाई-बहनों का प्यार भरा त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाई को राखी बांधकर उनकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त, सोमवार के दिन मनाया जाएगा. बाजारों में भी इस त्योहार को लेकर रौनक देखने को मिल रही है. वहीं, इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहने वाला है. भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं. यानी रक्षाबंधन पर भद्र का साया शुरू होने का समय सुबह 5.53 बजे से शुरू होगा और दोपहर 1.32 तक रहेगा. यह भद्रा पातल में निवास करेगी. इसके बाद बहनें अपनी भाइयों को राखी बांध सकती है.
राखी के दिन भद्रा का होगा साया: पुराणों के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री और शनि देव की बहन है. जिनके बारे में कहा जाता है कि वे अपने भाई शनि देव की तरह ही कठोर स्वभाव की हैं. भद्रा के कठोर स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें समय की गणना के एक महत्वपूर्ण अंग विष्टि करण में स्थान दिया. इस काल को भद्रकाल माना जाता है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं और उन्हें तिलक लगाकर राखी बांधती है. इस कारण भद्रकाल में राखी नहीं बांधी जाएगी. कहा जाता है कि रावण की बहन ने उसे भद्राकाल में राखी बांधी थी, जिसके बाद उसका वध हो गया था.
राखी बांधने का सही समय: ज्योतिशाचार्य योगेश पुष्करण ने बताया कि भद्र का संयगो कुछ खास तिथियों पर ही बनता है. जैसे-चतुर्थी,अष्टमी, एकादशी और पूर्णिमा. रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. ऐसे में रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल भी होता है. कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन भद्रा पृथ्वी पर रहती है. इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है. इस बार रक्षाबंधन पर दोपहर 1.32 के बाद ही भाइयों को बहनें राखी बांध सकती हैं.