लखनऊ: राज्यसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. 27 फरवरी को मतदान है. लेकिन, खास बात यह है कि इसमें आम जनता को मतदान करने का अधिकार नहीं है. राज्यसभा चुनाव में सिर्फ विधायक ही मतदान करते हैं. जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या ज्यादा होती है उसके प्रत्याशी के जीतने की संभावना ज्यादा रहती है.
कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव: राज्यसभा के चुनाव में राज्य के विधायक ही मतदान करते हैं. मतदान की तय तारीख पर राज्य के विधानसभा भवन में विधायक अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं. इसके पहले नामांकन और नाम वापसी की प्रक्रिया वैसी ही होती है जैसे लोकसभा, विधानसभा या अन्य चुनाव में होता है. यदि किसी सीट पर एक ही उम्मीदवार का नामांकन होता है तो उसे निर्विरोध निर्वाचिक घोषित कर दिया जाता है.
राज्यसभा चुनाव में वोटों का क्या है गणित: राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी को जीत के लिए एक निश्चित संख्या में विधायकों का वोट चाहिए होता है. इसको तय करने का एक फार्मूला है. इसके तहत राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने पर राज्य की विधानसभा में मौजूद विधायकों की संख्या को काउंट किया जाता है. फिर जितनी राज्यसभा की सीटों पर चुनाव होना है उसमें एक जोड़कर मौजूद कुल विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है. भाग देने पर जो संख्या आती है, उसमें एक जोड़ने पर जो संख्या आएगी उतने विधायकों का वोट मिलने पर प्रत्याशी की जीत तय हो जाती है.
यूपी में राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए कितने विधायकों का चाहिए समर्थन: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मौजूदा समय में 399 विधायक हैं. इसके हिसाब से यूपी में राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए एक प्रत्याशी 37 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. बता दें, राज्यसभा चुनाव में एक विधायक के वोट को 100 के बराबर माना जाता है.